अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता ही लोकतंत्र का मूल है, उसकी आत्मा है. राजद को अपेक्षा थी कि सुशील जी को लोकतंत्र का इतना भर प्राथमिक ज्ञान तो होगा:-शिवानन्द
आरा :- राजद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शिवानन्द तिवारी ने कहा कि सुशील मोदी जी को उपदेश देने की आदत है. यहाँ तक कि अति उत्साह में सुप्रीम कोर्ट को भी उपदेश देने से नहीं चुकते हैं. लेकिन उनका यह उत्साह अक्सरहाँ उनकी अज्ञानता का भी परिचय कराता रहता है.
राजद के संदर्भ में अभी उन्होंने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश की जो आलोचना करता है उसके विरूद्ध उसको(सुप्रीम कोर्ट को) स्वत: संज्ञान लेना चाहिए. ऐसा कहते हुए वे भूल जाते हैं कि अभी देश में उनकी विचार धारा का पूर्ण साम्राज्य नहीं बन पाया है. इसलिए कमजोर होने के बावजूद हमारे मुल्क में अभी भी लोकतंत्र क़ायम है. और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता ही लोकतंत्र का मूल है, उसकी आत्मा है. राजद को अपेक्षा थी कि सुशील जी को लोकतंत्र का इतना भर प्राथमिक ज्ञान तो होगा.
अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के इस दायरे में सुप्रीम कोर्ट का फ़ैसला भी आता है. स्वंय सुप्रीम कोर्ट भी अपने फ़ैसले की आलोचना को मान्यता देता है. इसलिए सुशील जी को हमारी सलाह है कि थोड़ा कम बोला करें. अब उनकी उमर हो गई है. युवा अवस्था वाली छपवास के नशे से तो अब उनको उबरना चाहिए. वैसे भी उनके ‘बॉस’ बिहार को नशा मुक्त बनाने का हसीन सपना देख रहे हैं. सुशील जी को कम से कम इसका ख्याल तो रखना ही चाहिए.