Ward-5 of Shahpur: शाहपुर नगर पंचायत के वार्ड-05 में समाजसेवी मुन्ना पांडेय के द्वारा ‘जल कुंड’ का निर्माण विशेष रूप से सूर्य देवता की उपासना के लिए किया गया।
- हाइलाइट : Ward-5 of Shahpur
- छठ पूजा के चौथे दिन उगते सूर्य यानी उदयीमान सूर्य को व्रतियों ने दिया अर्घ्य
- छठ व्रतियों ने 36 घंटे का अपना निर्जला उपवास का पारण किया
Ward-5 of Shahpur आरा/शाहपुर: छठ पूजा का अनुष्ठान करने का एक अलग ही महत्व है। भगवान सूर्य साक्षात विद्यमान हैं। कही से भी जो कोई सच्चे मन से छठी मईया की पूजा अराधना करता है, भगवान उनकी मनोकामना पूरी करते हैं। बिहार के भोजपुर जिला अंतर्गत शाहपुर नगर पंचायत के वार्ड-05 में समाजसेवी मुन्ना पांडेय के द्वारा ‘जल कुंड’ का निर्माण विशेष रूप से सूर्य देवता की उपासना के लिए किया गया। यहाँ स्थापित जल कुंड में श्रद्धालुओं ने पूजन सामग्री के साथ भगवान सूर्य को अर्घ्य अर्पित किया, जिससे वातावरण में भक्ति और साधना की गूंज सुनाई दी। सूर्य उपासना का पर्व चार दिवसीय छठ पूजा उदीयमान सूर्य को अर्घ्य देते ही संपन्न हो गया।
भोजपुर सहित बिहार के सभी जिलों में नदियों, तालाबों पर बने घाट पर जाकर व्रतियों ने भगवान भास्कर को अर्घ्य दिया। शाहपुर नगर पंचायत वार्ड एक न्या पोखरा समेत शोभि टोला, मिशन स्कूल के समीप न्या घाट, वार्ड दो के भरौली रोड स्थित शिव मंदिर छठ घाट, वार्ड-06 नारायणी नदी के तट, वार्ड-07 में छठ घाट, वार्ड-08 में नारायणी नदी पुल पर, वार्ड 10 के कृषि फार्म स्थित पोखरा समेत अन्य छठ घाटों के किनारे बने छठ घाट पर छठ व्रतियों ने उदीयमान सूर्य को अर्घ्य देकर छठ सम्पन्न किया। छठ पूजा के चौथे दिन उगते सूर्य यानी उदयीमान सूर्य को अर्घ्य देने के बाद छठ व्रतियों ने 36 घंटे का अपना निर्जला उपवास का पारण किया। सभी के बीच ठेकुआ प्रसाद का वितरण किया गया।
बता दें, उदीयमान सूर्य देने के पीछे पौराणिक मान्यताएं हैं। मान्यताओं के अनुसार, सूर्य षष्ठी का व्रत आरोग्य की प्राप्ति, सौभाग्य और संतान के लिए रखा जाता है। स्कंद पुराण के अनुसार, राजा प्रियव्रत ने भी छठ व्रत रखा था। उन्हें कुष्ट रोग हो गया था। इस रोग से मुक्ति के लिए उन्होंने छठ व्रत किया था। इस महापर्व में सूर्य उपासना का महत्व भारतीय संस्कृति में अत्यधिक है, जहाँ भगवान सूर्य को जीवनदाता और ऊर्जा का स्त्रोत माना जाता है।