Saturday, April 26, 2025
No menu items!
HomeबिहारLand Surveyबिहार में मौखिक सहमति से बदलैन जमीन का भी होगा सर्वे

बिहार में मौखिक सहमति से बदलैन जमीन का भी होगा सर्वे

Survey of Land: बिहार राज्य सरकार ने भूमि सर्वेक्षण कार्य को और सरल, पारदर्शी एवं सुविधाजनक वनाने के लिए मौखिक सहमति के आधार पर पहले से जमीन के किये गये वदलैन (अदला-बदली) को भी मान्यता दे दी।

Survey of Land: राज्य सरकार ने भूमि सर्वेक्षण कार्य को और सरल, पारदर्शी एवं सुविधाजनक बनाने के लिए मौखिक सहमति के आधार पर पहले से जमीन के किये गये बदलैन (अदला-बदली) को भी मान्यता दे दी।

  • हाइलाइट्स: Survey of Land
    • राज्य मंत्रिपरिषद का अहम फैसला, बैठक में 34 एजेंडों पर मुहर
    • बिहार विशेष सर्वेक्षण बंदोबस्त (संशोधन) नियमावली को मंजूरी
    • इससे भूमि सर्वे का कार्य सरल और पारदर्शी तरीके से पूरा होगा
    • नई तकनीकों के साथ बेहतर ढंग से दी जायेंगी ऑनलाइन सेवाएं
    • राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र 5 वर्षों तक करेगा सेवाओं का संचालन
    • राजस्व व भूमि सुधार विभाग में 185 नये पदों पर होगी बहाली

पटना: बिहार सरकार ने भूमि सर्वेक्षण कार्य को और सरल, पारदर्शी एवं सुविधाजनक बनाने के लिए मौखिक सहमति के आधार पर पहले से जमीन के किये गये बदलैन (अदला-बदली) को भी मान्यता दे दी। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में शुक्रवार को हुई राज्य मंत्रिपरिषद की बैठक में इस आशय के प्रस्ताव को लागू करने के लिए बिहार विशेष सर्वेक्षण एवं बंदोवस्त (संशोधन) नियमावली, 2025 की स्वीकृति दी गयी। बैठक में कुल 34 एजेंडों पर मुहर लगी।

मंत्रिमंडल सचिवालय विभाग के अपर मुख्य सचिव (एसीएस) डॉ. एस. सिद्धार्थ ने वताया कि राज्य में बिहार विशेष
सर्वेक्षण और बंदोवस्त अधिनियम, 2011 के तहत रैयती और अन्य प्रकार की जमीन का नया रिकॉर्ड (खतियान) और नक्शा तैयार किया जा रहा है। सर्वेक्षण के दौरान यह महसूस किया गया कि इस कार्य को पूरी तरह से सही, पारदर्शी और तेजी से करने के लिए मौखिक सहमति के आधार पर पहले से किये गये जमीन के बदलैन को भी मान्यता दी जानी चाहिए।

Mathematics Coching shahpur
Bharat sir
Mathematics Coching shahpur
Bharat sir
previous arrow
next arrow

उन्होंने कहा कि इसके आलोक में बिहार विशेष सर्वेक्षण और बंदोवस्त नियमावली, 2012 में संशोधन कर इसे शामिल करने के लिए बिहार विशेष सर्वेक्षण एवं बंदोवस्त (संशोधन) नियमावली, 2025′ को मंजूरी दी गई है। डॉ. सिद्धार्थ ने बताया कि राजस्व और भूमि सुधार विभाग की कई ऑनलाइन सेवाएं जैसे दाखिल-खारिज, ऑनलाइन सुधार, भू- लगान, भूमि दखल-कव्जा प्रमाण-पत्र और राजस्व न्यायालय प्रबंधन प्रणाली लगातार चलती रहे, इसके लिए जरूरी है कि इनका संचालन नई तकनीकों के साथ वेहतर तरीके से किया जाये।

इसको ध्यान में रखते हुए अगले पांच वर्षों तक इन सेवाओं के संचालन, तकनीकी उन्नयन और विभागों के बीच आपसी तालमेल सुनिश्चित करने के लिए ‘राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र (एनआईसी)’ को जिम्मेदारी सौंपी गई है। नई तकनीकों के इस्तेमाल से ऑनलाइन सेवाएं और तेज एवं वेहतर होंगी, जिससे आम लोगों और रैयतों को सीधा फायदा मिलेगा।

एसीएस ने बताया कि राज्य में आधारभूत संरचना और निर्माण कार्यों की वढ़ोतरी के कारण भूमि अधिग्रहण का काम वढ़ रहा है। इसे सुचारू रूप से चलाने और निगरानी रखने के लिए राजस्व और भूमि सुधार विभाग के तहत कुछ नये पद बनाये जा रहे हैं। इनमें अपर जिला भू-अर्जन पदाधिकारी के 104 और राजस्व अधिकारी-सह-कानूनगो (भू-अर्जन) के 81 पद शामिल हैं। डॉ. सिद्धार्थ ने वताया कि बैठक में कुल 185 नये पदों के सृजन के प्रस्ताव को स्वीकृति दे दी गई।

- Advertisment -
Bharat Lal
Bharat Lal
Bharat Lal
Bharat Lal

Most Popular