बैठक और विवादित स्थल पर जाकर जमीन के मामलों का निपटारा करें थानाध्यक्ष
आरा में पुलिस अफसरों संग बैठक में शाहाबाद रेंज डीआईजी ने दिया निर्देश
आदतन अपराधियों का थाना स्तर पर फोटो एलबम तैयार करने का दिया टास्क
सभी एसडीपीओ, इंस्पेक्टर और थानाध्यक्ष दस टॉप टेन अपराधियों को करें गिरफ्तार
डीआईजी बोले: हर हाल में अपडेट रखनी होगी थाने की डायरी
आरा। क्राइम कंट्रोल व अपराधियों की गिरफ्तारी के साथ जमीन संबंधी विवाद के निपटारे पर पुलिस का भी काफी जोर है।शाहाबाद रेंज के डीआईजी क्षत्रनील सिंह की बुधवार को आरा में अफसरों के साथ समीक्षात्मक बैठक में इस पर काफी चर्चा हुई। डीआईजी ने सभी थानाध्यक्षों को सीओ के साथ बैठक और विवादित
स्थल पर जाकर विवादों का निपटारा करने का निर्देश दिया है। बैठक में अपराध एवं अनुसंधान पर प्रभावी निर्णय नियंत्रण रखने के लिए भी आवश्यक दिशा निर्देश दिया गया। उन्होंने सभी एसडीपीओ, अंचल पुलिस निरीक्षक और थानाध्यक्ष को अपने-अपने क्षेत्र के टॉप टेन अपराधियों की सूची तैयार करने एवं उनकी गिरफ्तारी सुनिश्चित करने का भी टास्क दिया। थानाध्यक्षों को अपने थाना में लंबित सभी कुर्की का निष्पादन तत्परता के साथ करने का निर्देश दिया। कहां कि थाना दैनिकी हर हाल में अपडेट रखनी होगी। सभी एसडीपीओ और अंचल पुलिस निरीक्षक अपने भ्रमण के दौरान इसका हर हाल में पालन करायेंगे। गंभीर शीर्ष के कांडों में अभियुक्तों के जमानतदार का सत्यापन होगा। आदतन अपराधियों का फोटो एलबम थाना स्तर पर संधारण करने का निर्देश दिया। प्रत्येक संज्ञेय अपराध की प्राथमिकी दर्ज करने की भी निर्देश दिया। बैठक में एसपी संजय कुमार सिंह, एएसपी हिमांशु, जगदीशपुर एसडीपीओ श्याम किशोर रंजन और पीरो एसडीपीओ राहुल सिंह सहित जिले के सभी इंस्पेक्टर और थाना इंचार्ज मौजूद थे। इधर, आरा आने पर एसपी अॉफिस में डीआईजी को गार्ड ऑफ ऑनर भी दिया गया। बाद में भोजपुर डीएम राजकुमार ने भी डीआईजी से मुलाकात की।
जमीन विवाद संबंधी केस के निपटारे के साथ सूची भी तैयार करें
भूमि विवाद के सभी मामलों को संबंधित थानाध्यक्ष अपने इलाके के अंचलाधिकारी के साथ बैठक कर निराकरण करेंगे। साथ ही उसकी सूची भी तैयार करेंगे। वैसी भूमि विवाद संबंधित मामले, जो थाना में प्रतिवेदित नहीं हुये हैं। चौकीदार और राजस्व कर्मचारी के माध्यम से पता कर उसकी सूची तैयार करें एवं उन मामलों का निपटारा अंचलाधिकारी के साथ बैठक करेंगे। आवश्यक हुआ, तो विवादित भूमि पर जाकर करेंगे। डीआईजी की ओर से संप्रदायिक मामले में सतर्कता व तत्परता के साथ कार्रवाई करना सुनिश्चित करने का आदेश दिया गया। कहा गया कि एसडीपीओ कम से कम पांच पांच व्यक्तियों के विरुद्ध धारा-110 के तहत कार्रवाई करना सुनिश्चित करेंगे। प्रभार के लिए लंबित कांडों का प्रभार ग्रहण कराना संबंधित थानाध्यक्ष सुनिश्चित करेंगे। संबंधित सर्किल इंस्पेक्टर इसका अनुपालन सुनिश्चित करेंगे। सर्किल इंस्पेक्टर अपने अधीनस्थ थानों में प्रमुख शीर्ष के घटनाओं के उद्भेदन में अपनी सक्रिय भूमिका निभाना सुनिश्चित करेंगे। सभी थानाध्यक्ष अपने-अपने स्थानों में से निगरानी प्रस्ताव उचित माध्यम से भेजना सुनिश्चित करेंगे।
उत्पाद अधिनियम एवं खनन मामले में लापरवाही बर्दाश्त नहीं
समीक्षा बैठक में डीआईजी ने कहा कि उत्पाद अधिनियम एवं खनन के मामले में किसी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उत्पाद अधिनियम में जमानत प्राप्त अभियुक्त तौर पर विशेष निगरानी रखना सुनिश्चित करेंगे। उन्होंने 2000 लीटर से अधिक शराब के कांडों में बरामदगी और गिरफ्तारी के समय ही विस्तृत रूप से पूछताछ कर लिंक का पता लगाने का निर्देश दिया। वहीं निरोधात्मक कार्रवाई और धारा 107 के तहत भेजे गए सभी प्रस्ताव में नियमानुसार बंधपत्र की कार्रवाई करना सुनिश्चित करेंगे। प्रतिवेदित कांडों की तुलना में दोगुना कांडों का निष्पादन करेंगे। पर्यवेक्षण टिप्पणी समय पर जारी करें। डीआईजी द्वारा सभी एसडीपीओ कम से कम दो कांडों में शीघ्रता से चार्जशीट दाखिल कराने का टास्क भी दिया। कहा कि सभी एसडीपीओ और सर्किल इंस्पेक्टर ध्यान रखें कि किसी भी थानाध्यक्ष द्वारा प्राथमिकी दर्ज करने में कांडों का न्यूनीकरण नहीं किया जाए।
कन्फेशन नहीं साक्ष्यानुसार करें कांडों का उद्भेदन
डीआईजी ने कहा कि कांडों के उद्भेदन साक्ष्यानुसार करें। मात्र कन्फेशन (स्वीकारोक्ति बयान) के आधार पर नहीं करें। वारंट और कुर्की की सूची अपडेट रखें। गश्ती पदाधिकारी अपने साथ उस सूची को रखेंगे और उस क्रम में छापेमारी करेंगे। उन्होंने सभी एसडीपीओ और अंचल निरीक्षक थाना भ्रमण के क्रम में सीसीटीवी की जांच करने का भी निर्देश दिया। कहां कि जांच के बाद थाना दैनिकी में इसकी प्रविष्टि भी करेंगे। सीसीए-3 और सीसीए-12 के तहत कार्रवाई करने पर भी जोर दिया।
जनप्रतिनिधियों के साथ सम्मान पूर्वक करें व्यवहार
डीआईजी ने पुलिस अफसरों से जनप्रतिनिधियों के साथ सम्मानपूर्वक व्यवहार करने का भी निर्देश दिया। वहीं आमजनों के बीच अपनी छवि अच्छी रखने को भी कहा। ताकि विधि-व्यवस्था के क्रम में लाभदायक साबित हो। समीक्षात्मक बैठक के बाद डीआईजी ने थानाध्यक्षों से उनकी समस्याओं के बारे में भी पूछा गया। सभी के द्वारा कोई समस्या नहीं होने की बात बताई गई। इसके साथ ही धन्यवाद के साथ समीक्षा बैठक समाप्त की गई।