Saturday, April 27, 2024
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दिल का सूना साज, तराना ढ़ूढ़ेगा.

दिल का सूना साज, तराना ढ़ूढ़ेगा……
नागरी प्रचारिणी सभागार में गायक मोहम्मद रफी की 42वीं पुण्यतिथि पर कार्यक्रम का हुआ आयोजन

व्यू प्वाइंट के बैनर तले “तुम मुझे यूं भुला न पाओगे”… कार्यक्रम आयोजित

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ऋषिका शर्मा एवं पीहू शर्मा ने अपलम-चपलम…गाना गाकर श्रोताओं को झुमाया
आरा। शहर के नागरी प्रचारिणी सभागार में रविवार को मशहूर पार्श्व गायक मो. रफी की 42 पुण्यतिथि पर व्यू प्वाइंट के बैनर तले “तुम मुझे यूं भुला न पाओगे…”कार्यक्रम आयाेजित किया गया। जिसमें भोजपुर व बक्सर के लगभग डेढ दर्जन कलाकारों ने मो. रफी, लता मंगेशकर, मुकेश व उषा मंगेशकर के गीतों को गाकर श्रद्धांजलि अर्पित की। गायक धर्मेन्द्र सिंह, राजकुमार, गायिका सुनीता पांडेय और संगीत प्रेमी इकबाल इल्मी ने संयुक्त रूप से कार्यक्रम का उद्घाटन किया। इस अवसर पर उप विकास आयुक्त हरिनारायण पासवान ने कहा कि बहुत खुशी की बात है कि शहर में मो. रफी साहब की याद में इतना बड़ा कार्यक्रम आयोजित कर उनको याद किया जा रहा है। रफी साहब ने हजारों गीतों को आवाज दी है। उनका गीत गाना आसान बात नहीं है। उन्होंने कहा की मनुष्य कर्म से महान होता है। कलाकार को दुनिया जानती है। लेकिन आज घरो में कला को प्रोत्साहन नहीं मिलता है। इसलिए अपने बच्चों में छिपी कला में जागृत करें। इस मौके पर उन्होंने काजल फिल्म का मशहुर गीत “छू लेने दो नाजूक होंठों को..गाकर श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। कार्यक्रम के संयोजक पत्रकार शमशाद ‘प्रेम’ ने मंच संचालन करते हुए रफी साहब एक अच्छे गायक ही नहीं बल्कि एक अच्छे इंसान भी थे। अपनी गायकी व अपने व्यवहार के कारण आज निधन के चार दशक बाद भी लोगों के दिलों में अपना राज कर रहे हैं। देश-विदेश में कलाकार व संगीत प्रेमी उन्हें याद कर रहे हैं। धर्मेन्द्र सिंह ने तुम मुझे यूं भुला न पाओंगे…बहुत ही खूबसूरत ढंग से प्रस्तुत कर कार्यक्रम का आगाज किया। तदोपरांत मो. फैजान ने दिल का सूना साज तराना ढ़ूढ़ेगा…, हरिनारायण पासवान ने छू लेने दो नाजुक होंठों को…, राजा राम शर्मा ने मेरे पैरों में घुंघरू बंधा दे…, नवीन कुमार ने बहारों फूल बरसाओ मेरा महबूब…, प्रत्युष कुमार पांडेय ने मैंने पूछा चांद से…, मनव्वर अंसारी ने जिंदाबाद-जिंदाबाद ऐ मोहब्बत…, रमेश कुमार ने यहां मैं अजनबी हूं…, राजकुमार ने नफरत की दुनिया को छोड़…, प्रस्तुत किया। वहीं गायिका सुनीता पांडेय ने रहें न रहें हम…, रजनी शाक्या ने मोहे पनघट पे नंदलाल…, सृष्टि ने नैना बरसे रिमझिम-रिमझिम…, सबीना अंसारी ने आपकी नजरों ने समझा…, ऋषिका शर्मा ने लग जा गले कि फिर ये हंसी रात हो…, खुशी गुप्ता ने नैनों में बदरा छाए…व आकांक्षा ओझा ने ये दिल तुम बिन कहीं लगता नहीं…को प्रस्तुत किया। वहीं युग्ल गीतों में सुनीता पांडेय व नवीन कुमार ने जन्म-जन्म का साथ है…, शमशाद प्रेम व सबीना अंसारी ने दीवाने हैं दीवानों को न घर…, ऋषिका शर्मा एवं पीहू शर्मा ने अपलम-चपलम… और रमेश कुमार व मनव्वर अंसारी ने सात अजूबे इस दुनिया में…प्रस्तुत किया। कार्यक्रम में गायिका लता मंगेशकर, गायक केके, गायक व संगीतकार बप्पी लहरी, गायक भूपेन्द्र सिंह, संगीतकार-कथक गुरु अरविन्द कृष्ण, चित्रकार राकेश दिवाकर को श्रद्धांजलि दी गई। आयोजन को सफल बनाने में धर्मेन्द्र सिंह, इकबाल इल्मी, रमेश कुमार, मनव्वर अंसारी, सावन कुमार, मुन्ना पंडित आदि की अहम भूमिका रही। इस अवसर पर डॉ. केएन सिन्हा, डॉ. मदन मोहन द्विवेदी समेत अन्य लोग मौजूद रहें।

KRISHNA KUMAR
KRISHNA KUMAR
Journalist
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Vikas singh
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