गजराजगंज ओपी क्षेत्र के मसाढ़ गांव से बरामद की गयी गांजे की खेप
बंद पड़े घर में 10 फीट गहरे सुरंग से बरामद किया गया गांजे
विक्षिप्त विधवा के चार साल से बंद पड़े मकान से धंधेबाज कर रहे थे तस्करी
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आरा। भोजपुर पुलिस ने मंगलवार की रात गांजे की एक बड़ी खेप बरामद की है। पुलिस को यह सफलता गांजा तस्करी को लेकर जिले के चर्चित गजराजगंज ओपी क्षेत्र के मसाढ़ गांव में मिली है। इस दौरान पुलिस ने एक बंद पड़े मकान से 378 किलो गांजा बरामद किया है। गांजा एक विक्षिप्त विधवा के करीब चार साल से बंद पड़े मकान में 10 फीट गहरे सुरंग में रखा गया था। हालांकि तस्कर पुलिस को देख भाग निकले। लेकिन पुलिस ने इस धंधे में शामिल तस्करों की पहचान कर ली है। इनमें मसाढ़ गांव निवासी मुन्ना सिंह व टुनटुन सिंह हैं। गांजे की कीमत 38 लाख रुपये आंकी जा रही है।
बंद पड़े घर में 10 फीट गहरे सुरंग से बरामद किया गया गांजे
एसपी सुशील कुमार ने इसकी जानकारी दी। उन्होंने बताया कि मंगलवार को मसाढ़ गांव में एक बंद पड़े घर में गांजे की बड़ी खेप रखे जाने की सूचना मिली। इस आधार पर सदर एसडीडीओ अजय कुमार के नेतृत्व में टीम बना छापेमारी की गयी। उसके बाद सीओ और पंचायत पंचायत प्रतिनिधियों की उपस्थिति में विक्षिप्त विधवा प्यारी देवी के बंद पड़े घर की तलाशी ली गयी। इस दौरान दस फीट गहरे सुरंग से 18 बोरे में रखे गये 33 पैकेट से 378 किलो गांजा बरामद की गयी। एसपी ने बताया कि दोनों धंधेबाज गांव की ही विक्षिप्त विधवा के चार साल से बंद घर में गांजा स्टॉक कर तस्करी कर रहे थे। कहा कि फरार तस्करों की गिरफ्तारी के लिये छापेमारी की जा रही है। दोनों के गांजा तस्करी के रैकेट व आपराधिक इतिहास की जानकारी ली जा रही है। इस मामले में दोनों तस्करों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गयी है। छापेमारी टीम में गजराजगंज ओपी इंचार्ज संजय कुमार सिन्हा, उदवंतनगर थानाध्यक्ष चंदन झा व डीआईयू के सदस्य शामिल थे।
गांजा की तस्करी के लिये बदनाम रहा है मसाढ़ गांव
आरा। गजराजगंज ओपी का मसाढ़ गांव गांजा तस्करी के लिये काफी बदनाम रहा है। गांजे की बरामदगी को लेकर इस गांव में अक्सर छापेमारी की जाती रही है। यहां से अक्सर गांजे की खेप भी बरामद की जाती रही है। मसाढ़ गांव के तस्करों का अन्य राज्यों के बड़े धंधेबाजों से भी सांठगांठ रही है। बाहर की पुलिस भी कई बार में आ चुकी है। कुछ साल पहले तक गांव गांजा तस्करी को लेकर सुर्खियों में रहा था गांव के कई लोग गांजा तस्करी में शामिल हैं। कई लोग जेल भी जा चुके हैं। कुछ लोग फरार भी चल रहे हैं। हालांकि समय के साथ यहां के लोग भी इस धंधे से दूर होने लगे हैं। लेकिन कुछ लोग अभी भी गांजा तस्करी में रमे हैं।
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