Music of Banaras- विलुप्त होता साज सारंगी के सुरों को सुनने के लिए उमड़ी रसिकजनों की भीड़
खबरे आपकी आरा। तबले और सारंगी के संगम में देर रात तक श्रोताओं ने गोता लगाया। अवसर था बक्शी कुलदीप नारायण सिंहा कल्चरल सोसाइटी के द्वारा आयोजित एक सौ सातवां छह दिवसीय कृष्ण जन्मोत्सव संगीत समारोह के चतुर्थ संध्या का। कार्यक्रम के तृतीय निशा में धनुपरा निवासी उमेश पांडेय व प्रियंका पांडेय की सुपुत्री सृष्टि पांडेय ने कृष्ण रूप धारण कर दीप प्रज्वलीत कर किया।
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Music of Banaras-कार्यक्रम में सर्वप्रथम बनारस से पधारे अन्तर्राष्ट्रीय ख्यातिब्ध तबला वादक श्री प्रीतम मिश्रा ने बनारस घराने का उठान, कायदा, बांट, गत, फर्द, लयाकारी और नाधिंधिना का रेला बजाकर स्वतंत्र तबला वादन से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। वहीं बनारस से पधारे चर्चित सारंगी वादक पंडित राजेश मिश्रा ने सारंगी पर राग पुरिया धनाश्री में आलाप, जोड़ा, विभिन्न बंदिश, झाला तथा धुन की प्रस्तुति से समां बांधा। विलुप्त होता साज सारंगी के सुरों को सुनने के लिए रसिकजनों भीड़ उमड़ गई।
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आरा की शास्त्रीय गायिका विदुषी विमला देवी ने राग मुलतानी में झपताल और तीनताल में छोटा ख्याल ” कंगन मुनदरी मोरी गढ़ दो ” तरस गए मोरे नयन श्याम दरश को” दादरा व कजरी प्रस्तुत कर सुरों से सराबोर किया। कथक गुरु बक्शी विकास ने चार ताल की सावारी में कई टुकड़े व तिहाईया प्रस्तुत किया। हारमोनियम पर संगत रौशन कुमार ने किया। संचालन सूरज कांत पांडेय व धन्यवाद ज्ञापन आदित्या श्रीवास्तव ने किया।अध्यक्षता करते हुए पंडित दयानाथ उपाध्याय ने कहा कि बनारस की गंगा और संगीत का कोई विकल्प नहीं। यही आनंद और मोक्ष का मार्ग है।
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