Sanjay Mukhiya murder case-मुखिया के भाई के बयान पर दर्ज हुई प्राथमिकी, चुनावी रंजिश में हत्या का आरोप
आरोपितों की धरपकड़ तेज, ताबड़तोड़ छापेमारी कर रही एसआईटी
एंबुलेंस के ड्राइवर और मालिक का भी लोकेशन खोज रही पुलिस
मुखिया के भाई बोले-बेटों ने पकड़ा हाथ और पूर्व प्रमुख ने मार दी गोली
खबरे आपकी आरा। भोजपुर के चरपोखरी प्रखंड की बाबूबांध पंचायत के मुखिया संजय सिंह की हत्या में प्राथमिकी दर्ज करा दी गयी है। मुखिया के छोटे भाई रुपेश सिंह के बयान पर पूर्व प्रखंड प्रमुख अनिल सिंह उनके बेट दीपक कुमार और दीपू कुमार सहित आठ लोगों को नामजद किया गया है। पूर्व प्रखंड प्रमुख अनिल सिंह चरपोखरी थाना क्षेत्र के अगनूचक प्रीतमपुर गांव के रहने वाले हैं। अबकी पंचायत चुनाव में वह मुखिया पद के प्रत्याशी थी और संजय सिंह से पराजित हो गये थे। वहीं अन्य आरोपितों में उसी गांव के सुरेश यादव, बलवंत उर्फ तेजस्वी यादव, बिजेंद्र यादव उर्फ लंगड़ा, भलुआना गांव निवासी धनंजय राय और बजेन निवासी वीर बहादुर सिंह शामिल हैं। चुनावी रंजिश में मुखिया की हत्या करने का आरोप लगाया गया है। अनिल सिंह पर मुखिया संजय सिंह को गोली मारने, जबकि उनके दोनों बेटों पर हाथ पकड़ने का आरोप है।
Sanjay Mukhiya murder case-इधर, प्राथमिकी दर्ज होने के बाद पुलिस आरोपितों की धरपकड़ में जुटी है। इसके लिये पीरो एसडीपीओ राहुल सिंह के नेतृत्व में गठित टीम ताबड़तोड़ छापेमारी कर रही है। बता दें कि सोमवार की दोपहर चरपोखरी थाना क्षेत्र के भलुआना गांव के समीप बजेन गांव निवासी मुखिया संजय सिंह की गोली मार कर हत्या कर दी गयी थी।
Sanjay Mukhiya murder case-पहले मारी एंबुलेंस से ठोकर, फिर मुखिया के सिर में मार दी गयी गोली
आरा। प्राथमिकी में रुपेश सिंह की ओर से कहा गया है कि वह सोमवार की दोपहर ठेंगवा गांव गया था। दोपहर करीब दो बजे वह बाइक से गांव लौट रहा था। रास्ते में बड़े भाई मुखिया संजय सिंह भी बुलेट से मिल गये। दोनों भाई भलुआना और प्रीतमपुर गांव के बीच पहुंचे। तो भलुआना की ओर से प्रीतमपुर गांव की तरफ जा रही एंबुलेंस ने बड़े भाई मुखिया संजय सिंह की बाइक में ठोकर मार दी। इस कारण वह चार्ट में गिर पड़े। तबतक अनिल सिंह सहित आठों आरोपित एंबुलेंस से उतरे और मुखिया को घेर लिया गया। गाली-गलौज भी की जाने लगी। उसके बाद अनिल सिंह के दोनों बेटों ने उनके भाई को पकड़ लिया। जबकि अनिल सिंह ने कमर से पिस्टल निकाल उनके भाई के सिर में गोली मार दी। बाद में सुरेश यादव और तेजस्वी यादव उसे भी गोली मारने के लिये दौड़े। तब उसने किसी तरह भागकर अपनी जान बचायी। उसके बाद सभी आरोपित एंबुलेंस से भागने लगे। लेकिन जल्दबाजी के कारण एंबुलेंस पलट गयी।
गिरफ्तारी के आश्वासन पर सात घंटे बाद उठा मुखिया का शव
श्वान दस्ता भी पहुंचाः
एसपी के निर्देश पर पहुंचे एएसपी ने गिरफ्तारी के लिये मांगा 12 घंटे का समय
आरोपितों की गिरफ्तारी और एसपी को बुलाने की मांग कर रहे थे लोग
एबुलेंस से मिले चप्पल के जरिये अपराधियों की तलाश में जुटा श्वान दस्ता
Sanjay Mukhiya murder case-आरा। जिले के चरपोखरी थाना क्षेत्र के बजेन गांव निवासी मुखिया संजय सिंह की हत्या के बाद विरोध करीब सात घंटे बाद समाप्त हो सका। एसपी के निर्देश पर पहुंचे एएसपी की गिरफ्तारी के ठोस आश्वासन के बाद लोगों का गुस्सा शांत हुआ। एएसपी ने बारह घंटे में हत्या में शामिल अपराधियों को गिरफ्तार करने का आश्वासन दिया। उसके बाद ही रात लगभग दस बजे मुखिया का शव उठाया जा सका।
इधर, अपराधियों की खोजबीन को लेकर श्वान दस्ता भी मौके पर पहुंच गया है। श्वान दसता एंबुलेंस से मिले चप्पल के जरिये अपराधियों की तलाश में जुका है। चप्पल सुंघने के बाद श्वान दस्ता प्रीतमपुर गांव की ओर गया है। बता दें कि शाम करीब तीन बजे गोली मार मुखिया की हत्या कर दी गयी थी। उसके बाद अपराधियों को गिरफ्तार करने और एसपी को बुलाने की मांग को लेकर लोगों ने शव को रोक दिया था। लोग देर रात तक घटनास्थल पर शव के साथ बैठे रहे। सूचना मिलने पर पहुंचे पीरो और जगदीशपुर एसीडीपीओ लोगों को समझाने में जुटे रहे। लेकिन बात नहीं बन रही थी। उसके बाद एसपी विनय तिवारी ने एएसपी हिमांशु को भेजा। उसके बाद मामले को शांत कराया जा सका। तब पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिये आरा भेजा।
पत्नी का उजड़ा सुहाग, तो दो बच्चों से छीना पिता का प्यार
आरा। बजेन गांव निवासी मुखिया संजय सिंह चार भाइयों में सबसे बडे़ थे। उनके दो भाई फौज में हैं, जबकि एक भाई घर पर ही रहते हैं। उनकी हत्या के बाद जहां सीमा देवी का सुहाग उजड़ गया। वहीं दो बच्चों से पिता का प्यार छीन गया। बताया जा रहा है कि मुखिया को एक 10 साल की पुत्री और 6 वर्षीय पुत्र प्रिंस है। हत्या के बाद उनके घर में रोना-धोना मचा है।