अगवा बेटी की तलाश में निकले युवक की हादसे में मौत
मुफस्सिल थाना क्षेत्र के महुली छलका के समीप बुधवार सुबह की घटना
एसपी के पास आवेदन देने के बाद घर लौटने के दौरान हुआ हादसा
परिजनों ने जताई हत्या की आशंका, बोले: साजिश के तहत घटना को दिया अंजाम
शव का पोस्टमार्टम कराने के बाद मामले की छानबीन में जुटी पुलिस
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आरा। आरा-सलेमपुर मेन रोड पर मुफस्सिल थाना के महुली छलका के समीप बुधवार की सुबह सड़क हादसे में बाइक सवार युवक को रौंद दिया। इलाज के लिए सदर अस्पताल लाये जाने के दौरान रास्ते में ही दम तोड़ दिया। मृतक धोबहां ओपी क्षेत्र के अगरसंडा बेहरा गांव निवासी 37 वर्षीय पुत्र संजय सुपान प्रसाद था। वह मूल रूप से मुफ्फसिल थाना क्षेत्र के सारंगपुर का निवासी था। लेकिन बचपन से ही अपने ननिहाल अगरसंडा बेहरा में रहता था और मुंबई की एक प्राइवेट कंपनी में जॉब करता था। डेढ़ माह पूर्व वह अपने साढू की लड़की के शादी में शामिल होने के लिए गांवों आया था। वह अपनी अगवा बेटी की तलाश में निकला था। इसे लेकर मंगलवार को एसपी के पास गया था। इस बीच बुधवार को हादसा हो गया। हालांकि उसके परिजन हत्या की आशंका जता रहे हैं। ममेरे भाई छोटन प्रसाद का कहना है कि साजिश के तहत घटना को अंजाम दिया गया है। सूचना मिलने पर स्थानीय पुलिस पहुंची और शव का पोस्टमार्टम कराया गया। हालांकि पुलिस सड़क हादसे में मौत की बात मान कर चल रही है। वैसे पुलिस का कहना है कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही मौत का कारण पूरी तरह स्पष्ट हो पाएगा। हर एंगल से छानबीन की जा रही है।
26 जुलाई को गायब हुई थी बेटी, अपहरण की दर्ज कराई गयी प्राथमिकी
आरा। ममेरे भाई छोटन प्रसाद ने बताया कि 26 जून की रात संजय प्रसाद की पुत्री लापता हो गई थी। उसे लेकर स्थानीय थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई गयी थी। उसमें एक युवक पर अपहरण करने का आरोप लगाया गया था। उसी सिलसिले में संजय प्रसाद मंगलवार को एसपी से मिलने बाइक से आरा आया था। एसपी को आवेदन देने के बाद लेट हो जाने पर वह लौटने के क्रम में वह अपने पैतृक गांव सारंगपुर चला गया था। बुधवार की सुबह जब वह बाइक से वापस घर लौट रहा था। उसी दौरान महुली छलका के पास किसी अज्ञात वाहन ने उसे रौंद दिया। सूचना मिलने पर परिजन द्वारा उसे इलाज के लिए सदर अस्पताल लाया जा रहा था। तभी उसने रास्ते में ही दम तोड़ दिया। बावजूद उसे सदर अस्पताल लाया गया। वहां डाक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया।
आवेदन लेकर चक्कर लगाता रहा संजय, बेटी तो मिली नहीं जान भी चली गयी
आरा। लापता बेटी की बरामदगी को लेकर संजय प्रसाद अफसरों का चक्कर लगाते रहे। बेटी तो नहीं ही मिली, जान भी चली गयी। ममेरे भाई छोटन प्रसाद ने बताया कि संजय की बेटी 26 जून की रात गायब हो गयी थी। उसके एक-दो दिन के बाद थाने में आवेदन दिया गया था। उस आधार पर नामजद केस भी किया गया था। लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गयी। तब मुफस्सिल थाने में आवेदन दिया गया था। उसके बाद भी उसकी बेटी बरामद नहीं की जा सकी। उसे लेकर ही वह मंगलवार को एसपी से मिलने गये थे। बुधवार को गांव लौट रहे थे, तभी हादसे के शिकार हो गये। इधर, युवकी मौत से उसके घर में कोहराम मच गया। बताया जा रहा है कि युवक अपने चार भाई और तीन बहन में सबसे बड़ा था। उसके परिवार में पत्नी शुक्ला देवी, दो पुत्र संदीप, शैलेश और पुत्री संगीता कुमारी है। पत्नी सहित परिवार के सभी सदस्यों का रो-रोकर बुरा हाल था।