Friday, May 17, 2024
No menu items!
Homeप्रसिद्ध व्यक्तिअंग्रेजों के विरुद्ध 1857 की महाक्रांति, फिरंगियों मे था रणजीत अहीर का...

अंग्रेजों के विरुद्ध 1857 की महाक्रांति, फिरंगियों मे था रणजीत अहीर का खौफ

Yadav Veer Ranjit Singh Ahir: रणजीत अहीर का जन्म तत्कालीन शाहाबाद जिले के बिहिया परगना अंतर्गत शाहपुर गांव में सन 1802 में हुआ था। उनके पिता शिवपरसन अहीर, दर्ज अभिलेखों के अनुसार परसन अहीर मूलत: कृष्णौत शाखा के यदुवंशी थे। इनके पूर्वज जो परमार राजाओं के विश्वसनीय सरदार थे। इस वजह से सरदार रणजीत अहीर जमींदार कुंवर सिंह के काफी करीबी मित्रों में से एक थे।

  • रणजीत अहीर के नाम सुनते ही कांपती थी अंग्रेजी फौज
  • रणजीत अहीर ने बिहार में क्रांति की मशाल को बढ़ाया आगे
  • शाहपुर गांव के रहने वाले थे रणजीत अहीर, कुंवर सेना के चौगाई डिवीजन के थे हेड

Bihar/Ara: भोजपुर जिले के ही तब शाहाबाद जिला, बिहिया परगना शाहपुर ठिकाने के जागीरदार रणजीत अहीर जो कुँवर सिंह के काफी करीबी मित्र थे, इन्होनें कुँवर सिंह के साथ मिलकर क्रांति की मशाल को बिहार में आगे बढ़ाया।

Election Commission of India
Election Commission of India

Yadav Veer Ranjit Singh Ahir: अंग्रेजों के खिलाफ 1857 की क्रांति यानी प्रथम स्वतंत्रता संग्राम में कुंवर सिंह की ओर से लड़ने वाले वीर योद्धाओ में से एक थे सरदार रणजीत अहीर। जिन्होंने 80 साल के वीर योद्धा बाबू कुंवर सिंह के साथ मिलकर अंग्रेजों को इतना खौफजदा कर दिया की अंग्रेजों की हिम्मत नहीं पड़ी की वो शाहाबाद के लोगों एवं यादवों से कर वसूल कर सकें।

वीर कुंवर सिंह के साथ मिलकर रणजीत अहीर ने अंग्रेजों के खिलाफ कई लड़ाईया लड़ी। जिसमे उन्होंने आपनी युद्ध कौशल और रणनीति व अदम्य साहस का प्रदर्शन किया। जिसके कारण अंग्रेजी फौज को कई स्थानो पर भारी नुकसान उठाना पड़ा। रणजीत अहीर बाबू कुंवर सिंह के सबसे करीबी विश्वास पात्र मित्रों में से एक थे।

Shahpur news
Shobhi Dumra - News
Vishnu Nagar Ara Crime
Shahpur news
Shobhi Dumra - News
Vishnu Nagar Ara Crime
previous arrow
next arrow

रणजीत अहीर का जन्म तत्कालीन शाहाबाद जिले के बिहिया परगना अंतर्गत शाहपुर गांव में सन 1802 में हुआ था। उनके पिता शिवपरसन अहीर, दर्ज अभिलेखों के अनुसार परसन अहीर मूलत: कृष्णौत शाखा के यदुवंशी थे। इनके पूर्वज जो परमार राजाओं के विश्वसनीय सरदार थे। इस वजह से सरदार रणजीत अहीर जमींदार कुंवर सिंह के काफी करीबी मित्रों में से एक थे।

भारत माता को गुलामी की ज़ंजीरों से मुक्त कराने के लिए जब कुंवर सिंह ने अंग्रेजों के विरुद्ध क्रांति का बिगुल फूंका तब 1857 की महाक्रांति में शाहपुर के इस सुरवीर को अहम जिम्मेदारी दी गयी थी। जगदीशपुर किले से काफी दूर चारों तरफ से की गयी घेराबंदी में एक मोर्चा चौगाई डिवीजन जिसकी कमान सँभालते सरदार रंजीत सिंह यादव ने अंग्रेजों के छक्के छुड़ा दिया और क्रांति की मशाल को बिहार में आगे बढ़ाया।

1857-58 के मध्य वीर योद्धा रणजीत अहीर और अंग्रेजों के बीच कई बार युद्ध हुए। चेन्नारी की लडाई में रणजीत अहीर बुरी तरह से जख्मी हो गए। करीब एक पखवाड़े तक वो पहाड़ी पर रहे। लेकिन घात लगाकर अंग्रेजो ने उन्हें पकड़ लिया। लेकिन मौत की सजा सुनाने के बावजूद पकड़ने जाने पर अंग्रेजों ने उन्हें कालापानी भेज दिया।

RAVI KUMAR
RAVI KUMAR
Journalist
- Advertisment -
Vikas singh
Vikas singh
sambhavna
aman singh

Most Popular

Don`t copy text!