Makhdoom Baba: बिहार में भोजपुर जिले के जगदीशपुर- बिहिया पथ पर धरहरा के समीप मखदूम बाबा की स्मृति में प्रतिवर्ष उर्स आयोजित होता है। यहां पर बड़ी संख्या में हिंदू और मुस्लिम समुदाय के लोग मंन्नत मांगने पहुंचते हैं
- हाइलाइट :-
- मखदूम बाबा का तीन दिवसीय उर्स आज गुरुवार से शुरू
- हिंदू और मुस्लिम समुदाय के लोग मंन्नत मांगने पहुंचते हैं
- मखदूम बाबा के मजार से सटे चुल्लाई यादव का है मजार
Makhdoom Baba आरा/बिहिया: धार्मिक एकता के प्रतीक हजरत सैयद मखदूम सरफुद्दीन रहमतुल्लाह बिहारी उर्फ मखदूम बाबा का तीन दिवसीय उर्स आज गुरुवार से शुरू होगा। बाबा के मजार से सटे चुल्लाई यादव का मजार स्थित है। यहां पर बड़ी संख्या में हिंदू और मुस्लिम समुदाय के लोग मंन्नत मांगने पहुंचते हैं और पूरी होने पर पुन आते हैं। यहां आने वाले मुसलमान और हिंदू अपने अपने रीति रिवाज के अनुसार दुआएं और मन्नत मांगते हैं।
लोगों का विश्वास है कि इस मजार पर आने वाला कोई भी भक्त खाली हाथ नहीं लौटता है। मन्नत पूरी होने पर लोग बाबा और चुल्लाई यादव के मजार पर चादर या फूल चढ़ाते हैं। यहां यूपी और बिहार के अलावा बंगाल से भी लोग आते हैं।
हजरत मखदूम बाबा और चुल्लाई यादव की मजार पर सलाना उर्स के अंतिम दिन मिलादशरीफ का आयोजन होता है और कलाम पढ़े जाते हैं। मालूम हो कि जगदीशपुर- बिहिया पथ पर धरहरा के समीप मखदूम बाबा की स्मृति में प्रतिवर्ष उर्स आयोजित होता है। साहब के मजार पर होने वाले उर्स को ले तैयारी पूरी कर ली गई है।