Sunday, November 24, 2024
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‘यह संगठित लूट है’ बिना रसीद शाहपुर बाजार कि सरकारी वसूली

दोषी व भ्रष्ट अधिकारियों के विरुद्ध कार्रवाई नहीं होने से सरकार की छवि हो रही धूमिल- कामेश्वर

Shahpur Bazaar – collection : बिना रसीद के अनधिकृत वसूली की यह अवैध प्रथा व्यापारियों और उपभोक्ताओं दोनों के लिए समस्या बनती जा रही है। इससे नगर पंचायत शाहपुर की छवि भी खराब हो रही है।

  • हाइलाइट : Shahpur Bazaar – collection
    • ‘यह संगठित लूट है’ शाहपुर बाजार की सरकारी वसूली बिना रसीद के निरंतर जारी
    • दोषी व भ्रष्ट अधिकारियों के विरुद्ध कार्रवाई नहीं होने से सरकार की छवि हो रही धूमिल- कामेश्वर

आरा/शाहपुर: नगर पंचायत शाहपुर के फुटपाथ पर व्यवसाय करने, चौक चौराहों पर दुकान लगाने वाले, रेहड़ी हाथ ठेला, फेरी और गुमटियों सहित बाजार में व्यवसाय करने वालों से दैनिक सरकारी वसूली बिना रसीद के निरंतर जारी है। इससे शाहपुर नगर पंचायत के कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े हो रहे हैं। प्रतिदिन बिना रसीद के निरंतर कि जा रही बाजार वसूली पर नगर पार्षद कामेश्वर राज ने इसे लूट राज की संज्ञा देते कहा की कानून की आड़ में व्यवसाइयों को प्रताड़ित व परेशान किया जाता है। व्यवसाइयों से नगर पंचायत शाहपुर के द्वारा किये जा रहे इस संगठित लूट और भ्रष्टाचार से इनकार नहीं किया जा सकता।

मनमाना वसूला जाता है शुल्क
बता दें की नगर पंचायत शाहपुर के माध्यम से बाजार सहित सड़क मार्गों के किनारे व्यवसाय करने वालों से नगर कर्मी रमेश्वर प्रसाद के नाम से सरकारी वसूली की जाती है जिसकी दरों का निर्धारण होने के बावजूद मनमाने तरीके से बिना रसीद कि वसूली की जाती है जिससे छोटे फुटकर व्यापारी प्रताड़ित और परेशान होते हैं। साथ ही विवाद कि भी स्थिति निर्मित होती है।

बिना रसीद के अनधिकृत वसूली

बिना रसीद के अनधिकृत वसूली की यह अवैध प्रथा व्यापारियों और उपभोक्ताओं दोनों के लिए समस्या बनती जा रही है। व्यापारियों को अतिरिक्त शुल्क चुकाने के लिए मजबूर किया जाता है, जबकि उपभोक्ताओं पर अनावश्यक आर्थिक बोझ पड़ता है। इससे न केवल व्यापारिक गतिविधियों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है, बल्कि नगर पंचायत शाहपुर की छवि भी खराब हो रही है।

वार्ड पार्षद कामेश्वर राज ने बताया समस्या का समाधान

वार्ड पार्षद कामेश्वर राज ने कहा कि इस समस्या का समाधान करने के लिए, शाहपुर बाजार में सख्त निगरानी और नियमित निरीक्षण की आवश्यकता है। बिना रसीद दिए बाजार वसूली कि इस प्रथा को तत्काल समाप्त करके इसके स्थान पर व्यवसायियों (हितग्राहियों) से वार्षिक और अर्धवार्षिक शुल्क लिया जाए और कार्ड बनाया जाए ताकि भविष्य में उन्हें प्रतिदिन भुगतान नहीं करना पड़े। साथ ही, नगर के कर्मचारियों को उचित प्रशिक्षण और जवाबदेही की व्यवस्था भी होनी चाहिए। केवल इन कदमों से ही बिना रसीद की वसूली को रोका जा सकता है और व्यापारियों तथा उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा की जा सकती है। कामेश्वर राज ने कहा की दोषी व भ्रष्ट अधिकारियों के विरुद्ध कार्रवाई नहीं होने से सरकार की छवि धूमिल हो रही है।

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