Shajapur Nagar Palika : 26 दिसंबर को राज्य निर्वाचन आयोग में होने वाली सुनवाई को लेकर शाहपुर नगर में चर्चा के माहौल के साथ राजनीतिक पारा चढ़ा हुआ है।
- हाइलाइट : Shajapur Nagar Palika
- वादी कृष्ण कुमार ने प्रतिशोध में केस फ़ाइल करने के आरोप का दिया जबाब
Shajapur Nagar Palika आरा/शाहपुर: भोजपुर जिला अंतर्गत शाहपुर नपं चेयरमैन जुगनू देवी के अयोग्यता मामले में नगरपालिका प्रशासन ने राज्य निर्वाचन आयोग के निर्देशों का अनुपालन करते हुए शाहपुर नगर पंचायत के वादी और प्रतिवादी दोनों को आयोग का नोटिस थमाया है। जिस पर सुनवाई की तिथि 26 दिसंबर निर्धारित की गई है। इस कार्रवाई ने नगर पंचायत के राजनीतिक माहौल को एक बार फिर गरमा दिया है।
बता दें की बिहार नगरपालिका अधिनियम 2007, अयोग्यता की धारा 18 (I) (k) एवं धारा 18 (I) (L) के तहत शाहपुर नगर पंचायत के चेयरमैन जुगनू देवी पर वार्ड-09 निवासी कृष्ण कुमार द्वारा केस फाइल किया गया है। इस केस में दूसरे वादी रमेश कुमार राम है। जो नगर के पूर्व उपचेयरमैन रहे है। वर्तमान में इनका भतीजा कामेश्वर कुमार राज वार्ड संख्या-04 से पार्षद है।
इधर, SEC-Bihar Court में दर्ज वाद संख्या-50/2024 मामले को लेकर वादी कृष्ण कुमार ने खबरे आपकी के समक्ष अपनी बातों को रखा। उन्होंने बताया की एक जागरूक नागरिक होने के नाते शाहपुर नगर को नरक में तब्दील होते नहीं देख सकता, शाहपुर नगर पंचायत की आम जनता के आवाज पर मैंने चेयरमैन की अयोग्यता को लेकर राज्य निर्वाचन आयोग में केस फ़ाइल किया है।
वही, यह पूछे जाने पर की नगर में चर्चा है की आप पर केस किया गया है, उसी प्रतिशोध में आपके द्वारा चेयरमैन पर केस फ़ाइल किया गया है। इस सवाल का जबाब देते वादी कृष्ण कुमार ने बताया की शाहपुर नगर पंचायत की जनता जानती है राजनीतिक द्वेषता के कारण मुझे केस में फसाया गया। चुनावी संघर्ष के दौरान आरोप-प्रत्यारोप को लेकर मुझे फसाया गया था। इस मामले का ट्रायल माननीय न्यायालय में चल रहा है। इसलिए इस मामले में ज्यादा बोलना उचित नहीं होगा। पुलिस द्वारा जांच किया गया, CCTV कैमरा से कुछ छुपा है क्या ?
चेयरमैन पर केस करने के मामले को लेकर वादी कृष्ण कुमार ने बताया की इनका कार्यकाल करीब दो साल पूरा होने को है, लेकिन नगर पंचायत की दुर्दशा सर्वविदित है। घोटाले की चर्चा, नगर में अपने संबंधियों को नौकरी पर रखने की चर्चा, होल्डिंग टैक्स राजस्व चोरी का मामला, नगरपालिका की बैठक नियम से नहीं बुलाने का मामला सहित अन्य कई मामलों को देखते हुए और गुजरते समय के साथ नपं की दुर्दशा को देखते हुए नगर की जनता की आवाज पर यह केस फ़ाइल किया गया है।
वही इस केस के दूसरे वादी पूर्व उपचेयरमैन रमेश कुमार राम ने कहा की नगर पंचायत के विकास कार्यों में चेयरमैन की मनमानी गंभीर संकट का कारण बना। राजनीति में जिम्मेदारी और पारदर्शिता का कितना महत्व है। इसको निभाने में चेयरमैन असफल रही। मतदाताओं के विश्वास को इन्होंने तोड़ा। इन सब बातों को लेकर चुनाव आयोग में केस फ़ाइल किया गया है। लोकतांत्रिक व्यवस्था में निर्वाचन आयोग का कार्य अत्यंत महत्वपूर्ण है। आयोग द्वारा जारी नोटिस इस बात का संकेत है कि उम्मीदवार को चुनाव लड़ने से पूर्व चुनावी प्रक्रिया का पूर्ण ज्ञान होना चाहिये।
पूर्व उपाध्यक्ष रमेश कुमार राम ने कहा ने यह भी कहा की आप नगर के वार्डों में घूमकर देख लीजिए हर तरफ गंदगी के अंबार होने के बावजूद चेयरमैन के द्वारा इस पर कोई कारवाई नहीं की जा रही है। बल्कि एनजीओ को फिर से एक साल के लिए मौका दिया गया है। क्या कारण है? नगर की जनता समझदार है, और सब जानती है की पार्षद भी चुप क्यों है।
राज्य निर्वाचन आयोग की ओर से जारी किए गए नोटिस ने शाहपुर नगर पंचायत की चेयरमैन जुगनू देवी की कार्यशैली पर गंभीर प्रश्नचिन्ह खड़ा कर दिया है। शाहपुर नगर पंचायत में राजनीतिक पारा चढ़ा हुआ है। अब सबकी नजर 26 दिसंबर को राज्य निर्वाचन आयोग में होने वाली सुनवाई को लेकर नगर में चर्चा के माहौल के साथ राजनीतिक पारा चढ़ा हुआ है।