Raju Dhanuk Tilkut shop : शाहपुर, रघुनाथपुर, ब्रह्मपुर, करनामेपुर, बिहिया, बनाही के बाजार में राजू भाई की तिलकुट की खास डिमांड
- हाइलाइट : Raju Dhanuk Tilkut shop
- फेमस गया के तर्ज पर शाहपुर में बनाया जा रहा है तिलकुट
- बेहद खस्ता होता है राजू भाई के दुकान का तिलकुट
Raju Dhanuk Tilkut shop आरा/शाहपुर: मकर संक्रांति आने में अभी पूरा एक महिना बचा हुआ हैं। लेकिन शाहपुर पोस्ट ऑफिस के समीप स्थित राजू भाई की तिलकुट दुकान पूरी तरह सज चुकी है। बाहर से कारीगर बुलाकर राजू भाई एक महीने पहले ही तिलकुट बनाने में जुट जाते हैं। आम तौर पर ठंड शुरू होते ही तिलकुट बनने लगता है। वही तिलकुट की सौंधी खुशबू से शाहपुर बाजार गुलजार हो रहा है। कारीगरों द्वारा तिलकुट बनाने का काम जोरों पर चल रहा है। तिल कुटाई के साथ ही कारीगर तिलकुट तैयार कर रहे हैं।
मकर संक्रांति के दिन सामान कम न पड़ जाए, इसलिए ज्यादा मात्रा में तिलकुट तैयार करके रखा जा रहा है। वैसे लोगों ने अभी से ही खरीदारी भी शुरू कर दी है। शाहपुर, रघुनाथपुर, ब्रह्मपुर, करनामेपुर, बिहिया, बनाही के बाजार में राजू भाई की तिलकुट की खास डिमांड है। फेमस गया के तर्ज पर बनने वाले राजू भाई के कारीगरों के हाथों का तिलकुट बेहद खस्ता होता है।
इधर, तिलकुट दुकानदार राजू भाई ने बताया कि शाहपुर में वर्षों से तिलकुट बेचने का काम कर रहे हैं। पहले पिताजी तिलकुट बनाकर बेचा करते थे, अब वे बाहर से कारीगर बुलाकर तिलकुट बनावा कर बेचते हैं। उन्होंने बताया कि तिलकुट बनाने का काम नवंबर से शुरू हो जाता है। स्टॉक करके रखा जाता है। मकर संक्रांति नजदीक आते ही मांग और ज्यादा हो जाएगी, कम ना पड़े इसलिए स्टॉक करके रखा जा रहा है।
बता दें कि मकर संक्रांति पर चुरा दही गुड़ के साथ साथ तिलकुट की बहुत ही डिमांड होती है। राजू भाई की दुकान में तिल कुटाई का काम जोर-शोर से चल रहा है। वही तिलकुट से जुड़ी बचपन की यादों को शेयर करते राजू भाई ने बताया की उनके पिताजी लाल, हरा रंगों वाले राबड़ी तिलकुट बनाते थे जिनकी काफी बिक्री होती थी। तब लोगों को एक दूसरे से हंसी मजाक में रंग वाला राबड़ी तिलकुट खिलाकर उनका मुंह लाल, हरा करने में बड़ा मजा आता था।
तिल और गुड़ खाने से कटता है ग्रह
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, मकर संक्रांति के दिन पवित्र गंगा नदी में स्नान, दान, पूजा आदि करने से व्यक्ति का पुण्य प्रभाव हजार गुना बढ़ जाता है। इस दिन से खरमास खत्म होने के साथ शुभ माह प्रारंभ हो जाता है। इस खास दिन को सुख और समृद्धि का दिन माना जाता है। साथ ही मकर संक्रांति के दिन तिल और गुड़ खाने से ग्रह भी कटता है।