Good Governance – Jumla: नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी प्रसाद यादव और राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के निर्देशानुसार, राजद के दस सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने लहरपा गांव का दौरा किया।
- हाइलाइट्स: Good Governance – Jumla
- लहरपा गांव के पीड़ित परिवारों से मिला राजद का शिष्टमंडल
- कहा: एनडीए सरकार के ‘सुशासन’ का दावा मात्र एक जुमला है
आरा: भोजपुर जिले के अगिआंव प्रखंड अंतर्गत लहरपा गांव में दरवाजे बारात लगने के दौरान हुए विवाद में हथियारबंद लोगों द्वारा अंधाधुंध फायरिंग की गयी। इस दौरान गोली लगने से तीन लोगों की मौत हो गयी। वहीं, चार अन्य लोग घायल हो गये। हाल ही में हुई इस घटना ने बिहार के राजनीतिक परिदृश्य को हिला दिया है। इस जघन्य घटना के मद्देनज़र, राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने तुरंत प्रतिक्रिया दी है। नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी प्रसाद यादव और राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के निर्देशानुसार, राजद के दस सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने लहरपा गांव का दौरा किया।
राजद प्रतिनिधिमंडल के संयोजक पूर्व मंत्री आलोक मेहता के नेतृत्व में पूर्व मंत्री रमानंद यादव, पूर्व मंत्री अनीता देवी, मनेर विधायक भाई वीरेंद्र, शाहपुर विधायक राहुल तिवारी उर्फ मंटू तिवारी, जिलाध्यक्ष बीरबल यादव, जिप अध्यक्ष आशा पासवान, जिप उपाध्यक्ष लालबिहारी सिंह सहित अन्य ने पीड़ितों से मुलाकात की और घटना की विस्तृत जानकारी प्राप्त की।
उन्होंने पीड़ितों को आश्वस्त किया कि राजद उनके साथ दृढ़ता से खड़ा है और उन्हें न्याय दिलाने के लिए हर संभव प्रयास करेगा। इस दौरान, राजद ने नीतीश-मोदी सरकार की कानून व्यवस्था पर गंभीर सवाल उठाए। प्रतिनिधिमंडल का मानना है कि लहरपा नरसंहार की घटना, “सुशासन” के दावों की वास्तविकता को उजागर करती है।

घटनास्थल के दौरे के बाद, राजद प्रतिनिधिमंडल ने शहाबाद रेंज के डीआईजी सत्यप्रकाश, भोजपुर आरक्षी अधीक्षक राज और डीडीसी डॉ अनुपमा सिंह से मुलाकात कर एक ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में, इस जघन्य अपराध की उच्चस्तरीय जांच, दोषियों की तत्काल गिरफ्तारी, स्पीडी ट्रायल के माध्यम से कठोरतम कार्रवाई और पीड़ित परिवारों के लिए उचित मुआवजे की मांग की गई। मृतकों के परिवारों को 20 लाख और घायलों को 10 लाख रुपये का मुआवजा देने की मांग की गई। इसके अतिरिक्त, प्रतिनिधिमंडल ने पीड़ित परिवारों की सुरक्षा सुनिश्चित करने का भी अनुरोध किया।
राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के प्रतिनिधिमंडल ने इस घटना को लेकर राज्य सरकार पर भी कड़ा प्रहार किया है। राजद नेताओं का कहना है कि एनडीए सरकार के ‘सुशासन’ का दावा मात्र एक जुमला है, और नीतीश-मोदी के शासन में अपराधी बेखौफ होकर घूम रहे हैं। मामूली असहमति होने पर बारात में ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी गई और तीन युवाओं की आवाज़ को दबा दिया गया। जख्मी हालत में कई को अस्पताल ले जाया गया। क्रूरता की सारी हद पार करनेवाली यह घटना अपराधियों के क्रूर चेहरे को उजागर करती है। राज्य में अपराध और हिंसा के बढ़ते ग्राफ से सरकार के ‘सुशासन’ का पैटर्न कटघरे में है।
प्रतिनिधिमंडल में अगिआंव प्रमुख मुकेश सिंह यादव, अदीब रिजवी, प्रवक्ता आलोक रंजन, शैलेंद्र कुमार, मंटू शर्मा, सुनील यादव, नंदकिशोर सिंह, विनोद चंद्रवंशी, रजनीश यादव, भीम यादव, सोनू रजक, रवि आनंद, मुन्ना सम्राट, राजीव, अनिल यादव समेत कई उपस्थित थे।