Friday, November 8, 2024
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अमृत महोत्सव: महिला और बुजुर्ग सहित कई बंदियों की रिहाई की बंधी उम्मीदें

अमृत महोत्सव: महिला और बुजुर्ग सहित कई बंदियों की रिहाई की बंधी उम्मीदें
रिहाई की कवायद तेज:
एडीजे के नेतृत्व में डिस्ट्रिक्ट लेवल मॉनिटरिंग कमेटी कर रही सूची की शॉर्ट लिस्ट
सूची पर नेशनल ऑथोरिटी की मुहर लगने के बाद रिहा किये जायेंगे बंदी
मंडल कारा प्रशासन की ओर से भेजी गयी दो हजार बंदियों की सूची
आरा। स्वतंत्रता दिवस जेल के कुछ बंदियों के लिए उजाला लेकर आ रहा है। देश की आजादी के अमृत महोत्सव के अवसर पर इन बंदियों को रिहा किया जाना है। इसकी प्रक्रिया भी शुरू कर दी गयी है‌। एडीजे के नेतृत्व में डिस्ट्रिक्ट लेवल मॉनिटरिंग कमेटी बंदियों की सूची शॉर्टलिस्ट कर रही है‌। नेशनल ऑथोरिटी की मुहर लगने के बाद चयनित बंदियों को रिहा किया जाएगा। इसे लेकर मंडल कारा प्रशासन की ओर से डिस्ट्रिक्ट लेवल कमेटी को करीब दो हजार विचाराधीन बंदियों की सूची भेजी गयी है‌। इनमें महिला, बुजुर्ग व‌ लाचार सहित अन्य बंदी शामिल हैं। बताया जा रहा है कि केंद्र सरकार द्वारा देश की आजादी के 75 साल पूरे होने के मौके पर मनाये जा रहे अमृत महोत्सव के तहत नेशनल लिगल सर्विस ऑथोरिटी (नालसा) की ओर सै बंदियों को रिहा करने की योजना बनाई गई है। इसके लिए मंडल कारा प्रशासन से 14 कैटेगरी के आधार पर रिहा करने योग्य बंदियों की सूची मांगी गयी थी। मंडल कारा प्रशासन द्वारा सूची भेज दी गयी है। अब सिर्फ डिस्ट्रिक्ट कमेटी की ओर से की गयी शॉर्टलिस्टेड सूची पर नेशनल ऑथोरिटी की मुहर की दरकार रह गयी है‌। इससे इन बंदियों को नये जीवन की उम्मीदें बढ़ गयी है।

महिला, बुजुर्ग और आर्थिक रूप से कमजोर बंदियों को मिलेगा तोहफा
आजादी के अमृत महोत्सव के मौके जेल में बंद महिला, बुजुर्ग और आर्थिक रूप से कमजोर कैदियों को तोहफा मिलने वाला है। इसे लेकर केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से बिहार सहित सभी राज्यों को पूर्व में ही प्रस्ताव भेजा गया है। उसके तहत कुल 14 कैटेगरी तय किये गये हैं। उन कैटेगरी को फुलफिल करने बंदियों को रिहा किया जाना है‌। इनमें महिला और किन्नर कैदी जिनकी उम्र 50 साल से ऊपर है और आधी सजा काट ली है। उनको भी रिहा करने का प्रस्ताव है। साथ ही 60 साल की उम्र पूरी करने वाले और आधी सजा काट चुके पुरुष बंदियों को भी आजादी के अमृत महोत्सव पर आजाद किया जाएगा। दिव्यांग बंदियों के लिए नए तरीके से पैमाना तय किया गया है। इसके तहत आधी सजा काट चुके 78 फीसदी या उससे अधिक दिव्यांगता वाले बंदियों को इस खास मौके पर रिहाई का तोहफा मिल सकता है। इसके अलावे वैसे गरीब बंदियों को भी रिहा किया जा सकता है, जिन्होंने अपनी सजा काट ली हो पर अर्थदंड की राशि जमा नहीं करने की वजह से जेल में बंद। इसके अलावा कुछ अन्य कैटगरी भी रखी गयी है‌।

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मंडल कारा के अधीक्षक संदीप कुमार ने बताया की आरा डिस्ट्रिक्ट लेवल मॉनिटरिंग कमेटी को करीब दो हजार बंदियों की सूची भेजी गयी है। डिस्ट्रिक्ट कमेटी द्वारा बंदियों की सूची शॉर्टलिस्ट किया जा रहा है‌। उसके बाद नेशनल ऑथोरिटी को भेजा जायेगा। वहां से मुहर लगने के बाद चयनित बंदियों को रिहा किया जाएगा‌। यह एक सराहनीय पहल है। इससे बंदियों को सुधरने का मौका भी मिलेगा। साथ ही ट्रायल का बोझ भी कम होगा।

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KRISHNA KUMAR
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बिहार के आरा निवासी डॉ. कृष्ण कुमार एक भारतीय पत्रकार है। डॉ. कृष्ण कुमार हिन्दी समाचार खबरें आपकी के संपादक एवं न्यूज पोर्टल वेबसाईट के प्रमुख लोगों में से एक है।
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