Jila Urdunama आरा नागरी प्रचारिणी में मंगलवार को जिला स्तरीय उर्दू कार्यशाला, सेमिनार एवं मुशायरा का भव्य आयोजन किया गया।
- हाइलाइट्स:Jila Urdunama
- दिलों को जोड़ने वाली जुबान भी है उर्दू भाषा – आसमा खातून
- कहा: यह भाषा हिंदुस्तान की मिट्टी में जन्मी और यहीं फली-फूली है
Jila Urdunama: आरा नागरी प्रचारिणी में मंगलवार को जिला स्तरीय उर्दू कार्यशाला, सेमिनार एवं मुशायरा का भव्य आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य उर्दू भाषा के प्रचार-प्रसार को बढ़ावा देना और युवा पीढ़ी को इसकी समृद्ध विरासत से जागरूक करना था।
कार्यक्रम की विधिवत शुरुआत उप विकास आयुक्त डॉ. अनुपमा सिंह, जिला पंचायती राज पदाधिकारी, जिला लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी, स्थापना उपसमाहर्ता, सहायक निदेशक, दिव्यांगजन सशक्तिकरण कोषांग, उप-निर्वाचन पदाधिकारी, अल्पसंख्यक कल्याण पदाधिकारी,सहायक निदेशक,बाल संरक्षण इकाई एवं श्रीमती आसमा खातून,नोडल पदाधिकारी,जिला उर्दू कोषांग द्वारा संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर की गई।
इसके पश्चात उप विकास आयुक्त द्वारा “जिला उर्दूनामा” नामक पुस्तक का विमोचन किया गया, जो उर्दू भाषा के महत्व और उसके साहित्यिक योगदान को दर्शाती है। इस अवसर पर डॉ. मोहम्मद शाहनवाज आलम, निज़ाम अख्तर, मीम आसिफ अरबी, हिना नसीम, शमा नाज़नीन, सुल्तान मुजफ्फर आज़ाद एवं फातिमा जार्वी जैसे प्रतिष्ठित शायरों ने अपनी खूबसूरत शायरी से समां बांध दिया।
वहीं, जीशान भागलपुरी, निगार आरा, श्री शंकर कैमुरी, डॉ. कफील अनवर, इसरार आलम सैफी, जमाल यूसुफ (अधिवक्ता) आदि ने उर्दू साहित्य पर अपने विचार प्रस्तुत किए। इस कार्यशाला में छात्रों ने भी अपनी शानदार प्रस्तुतियों से सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया। सभी प्रतिभागियों को श्रीमती आसमा खातून, नोडल पदाधिकारी, जिला उर्दू कोषांग द्वारा प्रमाण पत्र एवं मोमेंटो प्रदान कर सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम के अंत में श्रीमती आसमा खातून ने धन्यवाद ज्ञापन किया और कहा कि यह जिला स्तरीय उर्दू कार्यशाला एवं सेमिनार सरकार की एक अत्यंत सराहनीय पहल है। उर्दू न केवल एक समृद्ध भाषा है, बल्कि यह दिलों को जोड़ने वाली जुबान भी है। यह भाषा हिंदुस्तान की मिट्टी में जन्मी और यहीं फली-फूली है।