Tuesday, April 23, 2024
No menu items!
Homeआरा भोजपुरShahpurजनप्रतिनिधियों पर FIR और जेई को क्लीन चिट, जांच पर उठने लगे...

जनप्रतिनिधियों पर FIR और जेई को क्लीन चिट, जांच पर उठने लगे सवाल

  • जनप्रतिनिधियों पर एफआईआर और जेई को जांच में क्लीन चिट
  • जांच टीम ने किसी जेई पर रहम किया तो किसी पर सितम ढाया
  • निर्माण कार्य मे हुए गबन की जांचकर्ताओं पर उठने लगे सवाल

Bharauli Panchayat शाहपुर: जिला प्रशासन द्वारा निर्माण कार्यो में लोगो की शिकायत पर तीन पंचायतों में टीम बनाकर जांच कराई गई। लेकिन तीनो ही जांच में सरकारी राशि के दुरुपयोग करने व गबन का मामला सामने आया। परंतु तीनो ही जांच की रिपोर्ट में जेई के संदर्भ में अगल-अलग मंतव्य कैसे हो गया? तीनो ही प्राथमिकियां शाहपुर थाना में दर्ज कराई गई है। प्रखंड के भरौली (Bharauli Panchayat) व बरिसवन तथा बिहिया प्रखंड के शिवपुर पंचायत में मुख्यमंत्री सात निश्चय योजना व लघु सिंचाई विभाग के तहत कई निर्माण कार्यो की जांच पर अब प्रश्न उठने लगे हैं।

क्योंकि योजनाओं की गुणवत्ता व भुगतान को लेकर जो जांच टेक्निकल टीम द्वारा किया गया और प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा जैसे आनन फानन में सात वार्डो के योजनाओं में गड़बड़ी व सरकारी राशि के दुरुपयोग को लेकर प्राथमिकी दर्ज कराई गई है वो संदेहास्पद लगता है। उक्त योजनाओं में सरकारी राशि के दुरुपयोग का सारा ठीकरा जनप्रतिनिधियों पर फोड़ दिया गया है। जिसमे पंचायत की महिला मुखिया, पंचायत सचिव तथा सभी सात वार्डो के वार्ड सदस्य व वार्ड सचिव पर यानी पंद्रह लोगो पर 15 लाख रुपये के गबन का प्राथमिकी दर्ज कराई गई।

23
23

लेकिन सवाल यह है की इन जनप्रतिनिधियों द्वारा योजनाओं के निर्माण कार्य के संपन्न होने के बाद जिस कनीय अभियंता जयनंदन चौधरी द्वारा एमबी किया गया उसे कैसे क्लीन चिट दे दिया गया यह सभी के समझ के परे है। उच्च न्यायालय के अधिवक्ता अभय कुमार पांडे कहते हैं कोई भी सरकारी निर्माण कार्य का भुगतान जेई के द्वारा एमबी के बाद ही किया जाता है। क्योंकि जेई के द्वारा एमबी तभी किया जाता है जब वह पूरी तरह से योजना के निर्माण को जांच परख लेता है। वैसे में किसी भी जांच टीम द्वारा जेई को क्लीन चिट देते हुए जनप्रतिनिधियों पर प्राथमिकी दर्ज कराया जाना अपने आप मे संदेह पैदा करता और जांच टीम को ही कटघरे में खड़ा करता है। क्या जांच टीम द्वारा किसी के दबाव में जांच कर जेई को बख्श दिया गया।

वही दूसरी तरफ प्रखंड के ही बरिसवन पंचायत के एक वार्ड में टीम द्वारा जब मुख्यमंत्री सात निश्चय योजना के निर्माण कार्य का जांच कर योजना में गड़बड़ी को लेकर जेई सद्दाम हुसैन को दोषी ठहराया गया है। जबकि तीसरा प्राथमिकी बिहिया प्रखंड के शिवपुर पंचायत से जुड़ा हुआ है। जिसमे लघु सिंचाई विभाग के बोरिंग गड़ाव को लेकर पंचायत सचिव व मुखिया द्वारा संवेदक को पांच लाख रुपये एडवांस दे दिया गया। उक्त योजना में किसी तरह का एमबी या जेई का कोई अनुसंशा भी नही किया गया। बावजूद इसके कनीय अभियंता मुकेश कुमार पर प्राथमिकी दर्ज करा दी गई।

- Advertisment -
Vikas singh
Vikas singh
sambhavna
aman singh

Most Popular

Don`t copy text!