Shahpur -schemes: भोजपुर जिले के शाहपुर नगर पंचायत में एक वर्ष में चार करोड़ से अधिक रुपये व्यय होने के बावजूद निर्माण कार्यों में कथित अनियमितताओं की खबरें चिंताजनक हैं।
- हाइलाइट्स: Shahpur -schemes
- बगैर बोर्ड लगाए विकास कार्यों में तेजी से पारदर्शिता पर सवाल
- शाहपुर में योजना के प्राक्कलन राशि का बोर्ड नही लगाते है संवेदक
Shahpur -schemes आरा/शाहपुर: भोजपुर जिले के शाहपुर नगर पंचायत में एक वर्ष में चार करोड़ से अधिक रुपये व्यय होने के बावजूद निर्माण कार्यों में कथित अनियमितताओं की खबरें चिंताजनक हैं। मानकों की अनदेखी से भ्रष्टाचार और योजनाओं के कार्यान्वयन में पारदर्शिता की कमी से सरकारी धन का दुरुपयोग, जन सूचना बोर्ड न लगाए जाने का मामला। दुर्भाग्यवश, शाहपुर नपं में यह देखने में आया है कि संवेदक (ठेकेदार) योजनाओं की प्राक्कलित (अनुमानित) राशि को दर्शाने वाले बोर्ड नहीं लगाते हैं। यह एक गंभीर समस्या है जो सूचना के अधिकार के उल्लंघन के साथ-साथ यहां भ्रष्टाचार को भी बढ़ावा दिया जा रहा है।
खबरे आपकी के ताजा रिपोर्ट के अनुसार, नगर पंचायत विभिन्न योजनाओं के लिए अलग-अलग मानकों का पालन कर रही है, और एक ही गली में एक योजना की बजाय अलग-अलग योजनाओं के तहत नालियों और पीसीसी सड़कों का निर्माण किया जा रहा है। इसके अतिरिक्त, किसी भी कार्यस्थल पर प्राक्कलन बोर्ड नहीं लगाए जा रहे हैं, जिससे नागरिकों को निर्माण कार्यों की जानकारी प्राप्त ना हो सकें।
शाहपुर नगर पंचायत के वार्ड संख्या-01 से शुरुआत करें तो स्थिति यह है कि पीसीसी सड़क निर्माण के बाद रोड के गिट्टी और मिट्टी का मिलान ऐसा है की लग ही नहीं रहा है की यहां पीसीसी ढलाई हुआ था। जनता के मन में योजनाओं के सही क्रियान्वयन को लेकर आक्रोश उत्पन्न होना स्वाभाविक है। क्योंकि विकास कार्यों के लिए आवंटित धन का उचित उपयोग सुनिश्चित करना नगर पंचायत की जिम्मेदारी है।
वार्ड संख्या-02 की बात करें तो नगर पंचायत सरकार की एक व्यक्ति विशेष पर बड़ी कृपा हो गई है। उस व्यक्ति के बड़े हाता के चारदीवारी के अंदर पीसीसी ढलाई करा दिया गया है और उक्त व्यक्ति द्वारा रोड के ठीक सामने गेट लगा दिया गया है। यहां पर सवाल यह है की क्या सरकारी धन का आवंटन उचित और आवश्यकतानुसार किया गया था?
वार्ड संख्या-03 की हालत ऐसी है की परमात्मा शर्मा के घर से भुआली यादव के हाता तक पीसीसी सड़क एवं नाला निर्माण में धांधली की शिकायत उपमुख्य पार्षद झुनीया देवी द्वारा की गई है। काफी हो हंगामा के बाद पैसे निकासी पर रोक लगाई गई थी। लेकिन बजट के अनुसार पिछले वितिय वर्ष में कुल चार करोड़ से ज्यादा रुपया खर्च बताया गया है। योजना की प्राक्कलित राशि और निकासी की गई राशि का ऑन द स्पॉट जांच में योजना राशि घोटाले से इनकार नहीं किया जा सकता।
वार्ड संख्या-04 की बात करें तो योजना की प्राक्कलन राशि का बोर्ड नहीं लगाया गया है। जबकि नियमानुसार सड़क निर्माण के पूर्व योजना स्थल पर प्राक्कलन का बोर्ड लगाना अति आवश्यक है। सरकार का सख्त दिशा निर्देश है कि योजना स्थल पर बोर्ड लगाना है।
वार्ड संख्या-05 की बात करें तो यहां भी प्राक्कलन राशि का बोर्ड लगाये बिना सही सलामत पीसीसी सड़क पर दुबारा ढलाई कराया गया है। लोगों का कहना है कि बोर्ड लगने से प्राक्कलित राशि एवं अनुरक्षण की राशि तथा कार्य प्रारंभ होने की तिथि एवं कार्य समाप्त होने की तिथि सड़क की लंबायी सड़क निर्माण में होने वाली सामग्रियों की जानकारी पूरी तरह से मिल सकती थी।
वार्ड संख्या-06 की बात करें तो सही सलामत पीसीसी सड़क पर दुबारा ढलाई कराया गया है। जो कई जगहों पर दो इंच ढलाई होने का प्रमाण उखड़ा हुआ चाट दे रहा है। विभागीय संवेदक के निर्माण कार्यों की गुणवत्ता पर लोग सवाल खड़ा कर रहे हैं। प्राक्कलित राशि का बोर्ड नहीं लगाया गया है।
वार्ड संख्या-07 से लेकर वार्ड-11 तक वर्तमान स्थिति यह है की किसी गली में नाली का निर्माण ईंट सोलिंग कर कराया जा रहा है तो किसी गली में सीधे जमीन पर ही ढाल आरसीसी नाली का निर्माण कराया जा रहा है। जल निकासी के स्वाभाविक रूप की दिशा के विपरीत कार्य कराया जा रहा है। नगर के वार्डों में नाली निर्माण कार्य में लग रहे ईंट सोलिंग की तस्वीर इसके गुणवत्ताहीन होने के साक्षय को नकारा नहीं जा सकता।
15 लाख से अधिक की योजना को करना हैै टेंडर : Shahpur -schemes नगर पंचायत के अंतर्गत किसी योजना की राशि 15 लाख रूपये से ज्यादा होने पर टेंडर की प्रक्रिया अपनानी पड़ेगी। जिसमें नगर पंचायत के अधिकारियों व कर्मियों का अपना हित अपेक्षाकृत प्रभावित होगा। जिसके कारण एक ही गली के नाली व सड़क का निर्माण कार्य अलग-अलग योजना के तहत कराया जा रहा है। जिससे कार्य योजना की राशि निर्धारित 15 लाख रूपये की राशि अधिक नहीं हो सके। जिससे टेंडर की प्रक्रिया से वे बच सकें।
योजना स्थल पर नहीं लग रहा प्राक्कलन बोर्ड : किसी भी योजना को शुरू करने के पहले प्राक्कलन बोर्ड लगाना आवश्यक है। लेकिन शाहपुर नगर पंचायत में एक भी योजना का प्राक्कलन बोर्ड दिखाई नहीं देगा। प्राक्कलन बोर्ड नहीं लगने से लोगों को याेजनाओं की जानकारी नहीं मिल पा रही है। नगर के विभिन्न जगहों पर प्राक्कलन का बोर्ड लगाए बगैर ही विभिन्न योजनाओं के कार्य कराए गये हैं।
कार्य स्थल पर प्राक्कलन से संबंधित बोर्ड नहीं लगाए जाने की वजह से लोगों को कार्य की पूर्ण जानकारी नहीं मिल पाती। ऐसे में संवेदक मनमाना ढंग से कार्य करते हैं। कई लोगों ने बताया कि कार्य से पूर्व बोर्ड लग जाने की स्थिति में लोग वहां हो रहे कार्यों की गुणवत्ता सहित अन्य चीजों को देखने लगते हैं। इससे बचने के लिए संवेदक द्वारा कार्य से पूर्व बोर्ड नहीं लगाया जाता है। जबकि प्रावधान के मुताबिक कार्य शुरू करने से पूर्व स्थल पर बोर्ड लगाना अनिवार्य है। इसमें निर्माण से संबंधित सारी जानकारी देनी होती है।