ISO Hospital: 17 दिन तक चले इलाज के बाद सदर बुधवार की सुबह तोड़ा था दम
बिहार/आरा: आईएसओ से मान्यता प्राप्त आरा का सदर अस्पताल अपने कारगुजारियो को लेकर हमेशा सुर्खियों में बना रहता है। ताजा मामला सदर अस्पताल मेडिकल वार्ड का है। जहां बीमारी के कारण बुधवार की सुबह एक व्यक्ति की मौत हो गई। उक्त व्यक्ति को मृत घोषित करने वाले चिकित्सक एवं मेडिकल वार्ड के इंचार्ज के द्वारा इसकी सूचना अस्पताल प्रबंधक को दी गई। बावजूद इसके लापरवाही के कारण उसका शव 24 घंटे से अधिक उसमय तक मेडिकल वार्ड में लावारिस अवस्था में पड़ा रहा। जिसके कारण उस वार्ड में भर्ती अन्य मरीज एवं उनके परिजनों को काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा।
खबरे आपकी जानकारी के अनुसार मृतक टाउन थाना क्षेत्र के गोला मोहल्ला निवासी स्व. मंगल प्रसाद के 40 वर्षीय पुत्र भोला प्रसाद है। वह पेशे से रिक्शा चालक था। बताया जाता है कि मृतक को बीते 13 दिसंबर को उनके परिजनों द्वारा सदर अस्पताल में इलाज के लिए लाया गया था। जिसके बाद उसे बेहतर इलाज के लिए पटना रेफर कर दिया गया था। लेकिन परिजन उसे पटना नही ले जाकर उसका इलाज सदर अस्पताल के मेडिकल वार्ड ही करा रहे थे। मंगलवार की शाम इलाज के दौरान उसने दम तोड़ दिया।
ISO Hospital: चिकित्सक बोलेः बुधवार की सुबह ही घोषित किया गया था मृत
इधर मृत घोषित करने वाले चिकित्सक डॉ. प्रभात प्रकाश ने बताया कि उन्होंने उसे बुधवार की सुबह 10 बजे ही मृत घोषित कर दिया गया था। इसके बाद उन्होंने इसकी सूचना तत्काल अस्पताल प्रबंधक एवं सिविल सर्जन को भी दी थी। इसके बाद आज भी अस्पताल प्रबंधक को इसकी सूचना दी गई है। जिसके बाद अस्पताल प्रबंधक द्वारा आज सुबह उसके शव को वार्ड से हटाया जा रहा है।
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अस्पताल प्रबंधक बोलेः परिजनों का किया जा रहा था इंतजार
वही दूसरी ओर अस्पताल प्रबंधक कौशल किशोर दुबे ने बताया कि उसकी मृत्यु बुधवार की सुबह नहीं, बल्कि बुधवार की शाम 4 बजे हुई थी। उसे परिजन द्वारा कुछ दिन पूर्व इलाज के लिए भर्ती कराया गया था। उसे भर्ती कराने के 3 दिन तक उसकी पत्नी उसके साथ रही। उसके बाद वह गायब हो गई। पता करने के बाद जानकारी मिली कि मृतक पेशे से रिक्शा चालक है। बुधवार को ही पोस्टमार्टम कर्मचारी विष्णु को इसकी सूचना दी गई थी और कई बार उसे बोला भी गया था। लेकिन उसने शव वार्ड से नहीं हटाया। आज उसके शव को उठाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि हम लोग इंतजार कर रहे थे कि उसके परिजन आ जाएंगे, लेकिन अभी तक उसके परिजन नहीं आये और लगता है कि नही आएंगे। जिसके बाद अस्पताल कर्मचारियों द्वारा उसे उठाया जा रहा है। इसके बाद उसे लावारिस संस्था को सौंप दिया जाएगा।
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