- शाहपुर में पानी भरते ही गिरी जल मीनार, मची अफरा-तफरी
- जख्मी गर्भवती महिला को इलाज के शाहपुर अस्पताल ले जाया गया।
- सात निश्चय योजना के तहत बनाई गई जल मीनार भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गई
Water tower collapsed in Bhojpur: शाहपुर नगर पंचायत में सात निश्चय योजना के तहत बनाई गई जल मीनार भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गई। नगर वार्ड संख्या १० में पूरब पोखरा पर बना सीमेंटेड वाटर टावर का ऊपरी हिस्सा रविवार की रात के अंधेरे में अचानक धराशाई हो गया। टंकी के गिरने से जोरदार आवाज हुई जिससे लोग घबरा गए और इधर उधर भागने लगे। टंकी में भरे हजारो लीटर पानी होने के कारण पानी के तेज बहाव से बगल के घर में अफरा-तफरी मच गई। घर में कोई खाना बना रहा था तो कोई खाने की तैयारी कर रहा था। पानी टंकी गिरने के कारण तीन लोग आंशिक रूप से जख्मी हो गए। जिसमें गर्भवती महिला भी शामिल है। गर्भवती महिला को इलाज के शाहपुर अस्पताल ले जाया गया।
वही जख्मी रमेश पासवान ने बतलाया कि टंकी निर्माण के बाद कभी भी पानी नही भरा गया था। रविवार की शाम ही उसमे पानी भरा गया था। कहा कि रात करीब 9 से 10 बजे के करीब वह टंकी के नजदीक ही खटिया लगाकर लेटा हुआ था तभी तेज आवाज हुआ और पानी के बहाव के चपेट में वह आ गया। हलाकि उसे कोई ज्यादा दिक्कत या चोट नही है।
वही रमेश पासवान की पत्नी रीता देवी ने रोते हुए बतया की उस समय वह खाना बनाकर खाने की तैयारी में थी तभी आवाज आने लगी,यह देखकर की टंकी गिरनेवाली है हम अपनी बेटी बहु को घर से बाहर भागने को लेकर हो हल्ला करने लगी। इतने में ही जोरदार आवाज़ के साथ टंकी धराशायी हो गयी। इस दौरान मेरी बहु जो गर्भवती है उसको धमक लगी और उसकी हालत खराब हो गयी। उसे हमलोग हॉस्पिटल लेकर गये। रीता देवी ने कहा कि घर के साथ ही घर मे रखें बेटी कविता को दहेज देने का सामान भी सब खराब हो गया। जख्मी गर्भवती महिला ललिता देवी बताई जा रही है जो कौशल पासवान की पत्नी है।
Water tower collapsed in Bhojpur: भागलपुर में गंगा नदी पर बन रहे पुल के भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ने का मामला अभी ठंडा ही नहीं हुआ कि भोजपुर जिले के शाहपुर नगर में भ्रष्टाचार की एक बानगी देखने को मिल गई। रविवार और सोमवार की दरमियानी रात सरकार की सात निश्चय योजना के तहत बनाई गई जल मीनार भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गई।
शाहपुर नगर में बने सीमेंटेड वाटर टावर के इस तरह से टूटने पर लोग घटिया निर्माण होने का प्रश्न उठाने लगे हैं। स्थानीय लोगो के अनुसार यह घटिया निर्माण कार्य का नतीजा है कि महज दो से तीन वर्षों के भीतर ही लाखो की राशि से बना यह सीमेंटेड वाटर टावर टंकी के पानी का बोझ नहीं उठा सका और पानी भरते ही धराशायी हो गया। वही इस सम्बन्ध में अभी कोई आधिकारिक बयान नहीं मिल पाया है।