Gandhi in Arrah शताब्दी वर्ष: विश्व के सबसे बड़े यरवदा चरखे का हुआ लोकार्पण
गांधी जी के सपनों को साकार करेंगे हम-आरके सिंह
खबरे आपकी आरा। भोजपुर में गांधी कार्यक्रम के अंतर्गत आरा में गांधी जी के आगमन के शताब्दी वर्ष को यादगार बनाने के लिए सर्जना न्यास के द्वारा बनाए गए विश्व के सबसे बड़े यरवदा चरखे का लोकार्पण केंद्रीय मंत्री सह आरा सांसद राजकुमार सिंह द्वारा किया गया। मौके पर स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय, पथ निर्माण मंत्री नितिन नवीन मौजूद रहें। अध्यक्षता कृषि मंत्री सह स्थानीय विधायक अमरेंद्र प्रताप सिंह ने किया।
Gandhi in Arrah आरा शहर के होटल पार्थिव क्लार्क इन में रविवार को आयोजित लोकार्पण कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्वलन एवं संभावना आवासीय उच्च विद्यालय के संगीत शिक्षक सरोज सुमन के निर्देशन में छात्राओं के द्वारा स्वागत गीत से हुआ। मुख्य अतिथि व उद्घाटन कर्ता केंद्रीय मंत्री व स्थानीय सांसद राजकुमार सिंह ने कहा इस प्रकार का आयोजन से स्वतंत्रता आंदोलन के चित्र मानस पटल पर अंकित हो जाते हैं। यह बिहार ही हैं, जिसने गांधी को महात्मा गांधी बताया लोग गांधी के बिहार आगमन को चंपारण तक ही सीमित करके छोड़ देते हैं। आरा में ऐसे चरखे का निर्माण और उनके तीन बार आगमन की गवाही देगा। यह देश गांधी जी को भूल नहीं सकता। उनके सपनों को साकार करने का काम हम करेंगे।
इस मौके पर वर्सेस ऑर्गेनाइजेशन फॉर बेटर बिहार की अध्यक्ष सह कार्यक्रम की संयोजिका मनीषा पाठक द्वारा आगंतुक अतिथियों द्वारा स्मृति चिन्ह, अंग वस्त्र व भोजपुरी चित्र शैली में निर्मित मां दुर्गा की पेंटिंग देकर सम्मानित किया गया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि हमने यूएसए में एक छोटा सा बिहार बसा रखा है। सभी के सहयोग से बिहार के गौरवशाली इतिहास व लोक कला को वैश्विक पटल पर उचित सम्मान दिलाना इसका मुख्य उद्देश्य है।
Gandhi in Arrah -पथ निर्माण मंत्री नितिन नवीन ने अपने संबोधन के शुरुआत करते हुए सर्जना की पूरी टीम को बधाई दी। आजादी के अमृत महोत्सव का इससे सुंदर और आयोजन क्या हो सकता है। चरखे पर बने भोजपुरी चित्रकला के बारे में उन्होंने कहा कि हमारे दैनिक जीवन में रचा बसा है। दिन-ब-दिन हमें इस लोक कला को भूलते जा रहे हैं। भोजपुरी पेंटिंग से सुसज्जित इस यरवदा चरखे को आम जनमानस व भावी पीढ़ियों के द्वारा अवलोकन व गांधी जी के आगमन को यादगार बनाने के लिए इस चरखे को उचित स्थान दिलवाउगा।
उन्होंने अपने संबोधन में कोहबर, पीडियां, छठ पूजा व उससे जुड़े डाक टिकट आदि की भी चर्चा की। आजादी की लड़ाई में हुए संघर्षों व बलिदान को याद रखने के लिए व लोक कलाओं को जीवंत बनाए रखने के लिए ऐसे आयोजनों की आवश्यकता है।
स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने कहा कि सबसे पहले मैं संजीव वह उनकी पूरी टीम का हृदय से आभार व्यक्त करता हूं और भविष्य में ऐसे आयोजनों के लिए शुभकामनाएं भी देता हूं। आगे का संबोधन भोजपुरी में करते हुए उन्होंने कहा कि देख कर बड़ी अच्छा लागल माटी के घर श पर बनल भोजपुरी चित्र यह चरखा पर बनल बा।
Gandhi in Arrah-अध्यक्षीय भाषण में कृषि मंत्री व स्थानीय विधायक अमरेंद्र प्रताप सिंह ने कहा कार्यक्रम के स्वरूप की अवधारणा ही अद्भुत प्रेरणा का स्रोत है। यह चरखा आजादी की लड़ाई को यादगार बनाए रखने में सहायक होगा। गांधीजी वह तत्कालीन नेताओं के भोजपुर आगमन व उस दौरान घटित घटनाओं पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया मेरे घर पर अन्य देवी देवताओं के साथ गांधी जी की भी पूजा होती थी, उन्होंने बताया उनकी दादी द्वारा गांधीजी के लंबे हाथों को दिखाते हुए उन्हें साक्षात नारायण का अवतार बताती थी। गांधीजी की आरा स्टेशन बाल हिंदी पुस्तकालय व जमीरा तक टमटम पर बैठकर जाने की घटना पर भी प्रकाश डाला। शुरुआत में विषय प्रवेश करते हुए विजय कुमार सिंह ने तत्कालीन घटनाओं पर प्रकाश डाला।
संभावना आवासीय उच्च विद्यालय के प्राचार्या डॉ. अर्चना सिंह ने अपने संबोधन में आजादी के अमृत महोत्सव भोजपुर में गांधी, यरवदा चरखे की चर्चा की व आगंतुक अतिथियों का आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम का संचालन वरिष्ठ पत्रकार बृजम पांडेय, धन्यवाद ज्ञापन सर्जना के अध्यक्ष संजीव सिन्हा ने किया। इस विश्व के सबसे बड़े यरवदा चरखे के निर्माण में आशीष मदुरई, श्री दीपा, विष्णु शंकर, अमन, विभुति कुमारी, आदि का योगदान रहा।
मौके पर गांधीजी की वेशभूषा में तैयार हुए श्रील ने सभी आगंतुकों का ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया व कार्यक्रम के केंद्र बिंदु बने रहें। कार्यक्रम में सहयोगी की भूमिका में संभावना स्कूल के निदेशक डॉ. कुमार द्विजेंद्र, भाजपा नेता सह कैट के जिलाध्यक्ष प्रेम पंकज उर्फ ललन, जनार्दन सिंह, होटल पार्क व्यू क्लार्क इन के रोहित सिंह, पुष्पेंद्र गौतम सिंह आदि के महत्वपूर्ण भूमिका रही। मौके पर उपस्थित लोगों में आदित्य विजय जैन, चंद्र भूषण पांडेय, यशवंत मिश्रा, दिलीप, शंभू, विभा सिन्हा, माया देवी, उमा कुमारी, श्याम, राजन, निरंजन, प्रियांशु, अमित मिश्रा, संस्कार, कृष्णा, दीपेश कुमार, रमन कुमार एवं शम्भू श्रीवास्तव थे।
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