टाउन थाना में 35 नामजद व 110 अज्ञात लोगों पर दर्ज की गयी प्राथमिकी
रोडे़बाजी करने वाले अन्य आरोपितों की पहचान व धरपकड़ में जुटी पुलिस
बिजली मिस्त्री की मौत के बाद रोड जाम कर रहे लोगों ने किया था पुलिस पर हमला
थानाध्यक्ष व एक दारोगा समेत आधा दर्जन पुलिस कर्मियों को आयी थी चोटें
क्रॉस मोबाइल के जवान की बाइक सहित अन्य वाहन भी किये गये क्षतिग्रस्त
बवाल थमने के बाद देर रात किया बिजली मिस्त्री के शव का पोस्टमार्टम
आरा। शहर के टाउन थाना क्षेत्र के धरहरा पुल के समीप सोमवार की देर शाम रोड जाम के दौरान पुलिस पर पथराव के मामले में बड़ी कार्रवाई की गयी है। इस मामले में पुलिस ने एक दुकानदार और पार्षद पद के पूर्व प्रत्याशी समेत 15 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। वहीं पथराव के मामले में नामजद प्राथमिकी दर्ज की गयी है। टाउन थाना इंचार्ज जन्मेजय राय के बयान पर दर्ज प्राथमिकी में करीब डेढ़ सौ लोगों को आरोपित किया गया है। इसमें 35 नामजद व 100 से 110 अज्ञात लोग शामिल हैं। मेडिकल जांच के बाद मंगलवार को सभी को जेल भेज दिया गया।
पुलिस अब नामजद अन्य लोगों की धरपकड़ व अज्ञात लोगों की पहचान में जुटी है। वहीं बवाल थमने के बाद देर रात करीब दो बजे बिजली मिस्त्री के शव का पोस्टमार्टम कराया गया। विदित हो कि सोमवार की शाम उदवंतनगर इलाके में करंट लगने से एक बिजली मिस्त्री की मौत हो गयी थी। उसके बाद परिजन शव लेकर चले और मुआवजे को लेकर धरहरा पुल जाम कर दिया गया था। टायर जला कर नारेबाजी भी की जा रही थी। इस दौरान आक्रोशित लोगों ने मौके पर समझाने पहुंची पुलिस पर रोडे़बाजी कर दी। उसमें थानाध्यक्ष जन्मेजय राय व दारोगा शिवेंद्र कुमार सहित अन्य पुलिस कर्मी चोटिल हो गये थे। क्रॉस मोबाइल के एक जवान की बाइक सहित अन्य वाहन क्षतिग्रस्त हो गये थे।
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बाद में एसडीपीओ अजय कुमार के नेतृत्व मे मुफस्सिल व नवादा थाना की पुलिस मौके पर पहुंची और स्थिति को शांत किया गया। एसपी सुशील कुमार भी घटनास्थल पर पहुंचे और छानबीन की। उसके बाद धरपकड़ शुरू की गयी। इधर, एसपी ने मामले को काफी गंभीरता से लिया है। उन्होंने कहा कि घटना में शामिल किसी को नहीं छोड़ा जायेगे। सभी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा रही है। वीडियो फुटेज से सभी लोगों की पहचान की जा रही है।
लोगों को समझा रही पुलिस पर कर दी गयी रोडे़बाजी
आरा। बिजली मिस्त्री की मौत के बाद रोड जाम कर रहे लोगों द्वारा थानाध्यक्ष को टारगेट कर रोडे़बाजी की गयी। ताकि बिजली कंपनी पर दबाव बना अधिक मुआवजा लिया जा सके। थानाध्यक्ष जन्मेजय राय द्वारा दर्ज प्राथमिकी में इस बात का उल्लेख किया गया है। उसमें कहा गया है कि सोमवार की शाम करीब साढ़े छह बजे सदर अस्पताल में पुलिस अधिकारी संतोष कुमार सिंह द्वारा सूचना दी गयी कि मौत के बाद बिजली मिस्त्री के परिजन रोड जाम करने के लिये पोस्टमार्टम के बिना ही शव लेकर चले गये। इस आधार पर वह पुलिस बल के साथ धरहरा पहुंचे, तो पुल को जाम कर दिया गया था। मौके पर गश्त पर निकले दारोगा उमेश पासवान सहित टीओपी के पुलिस कर्मी भीड़ को समझ रहे हैं। वे भी लोगों को समझाने लगे। इस बीच सदर बीडीओ भी पहुंच गये। अभी दोनों अफसर लोगों से बात ही कर रहे थे कि उनको टारगेट कर धरहरा निवासी अरुण कुमार सिंह व रंजीत कुमार द्वारा रोडे़बाजी शुरू कर दी गयी। इसमें उनका सिर फट गया, जबकि दारोगा शिवेंद्र कुमार भी लहुलुहान हो गये।
महामारी एक्ट व आपराधिक षड़यंत्र सहित 17 धाराओं में दर्ज हुआ केस
आरा। सड़क जाम के दौरान पुलिस पर हमला करने के मामले में नामजद प्राथमिकी दर्ज कर ली गयी है। थाना इंचार्ज के फर्दबयान पर 17 धाराओं में केस किया गया है। माहामारी एक्ट व आपाराधिक षड़यंत्र सहित अन्य दफा लगाये गये हैं। लोगों पर सरकारी काम में बादधा डालने व शांति भंग करने का आरोप भी लगा है। प्राथमिकी में कहा गया है कि नामजद व अज्ञात आरोपितों द्वारा जबरन सदर अस्पताल से शव लाकर रोड जाम कर दिया गया। आरोपितों द्वारा हिंसक रूप अख्तियार कर विधि-व्यवस्था की समस्या भी उत्पन्न कर दी गयी।
शव के पोस्टमार्टम कराने को लेकर भी पुलिस को करनी पड़ी मशक्कत
आरा। रोड जाम के दौरान बवाल के बाद बिजली मिस्त्री के शव को पोस्टमार्टम कराने को लेकर भी पुलिस को काफी मशक्कत करनी पड़ी। घंटों माथापच्ची के बाद रात करीब दो बजे पोस्टमार्टम किया जा सका। सदर अस्पताल में तैनात पुलिस अधिकारी के अनुसार डयूटी पर तैनात डाक्टर द्वारा ओडी स्लीप नहीं दिये जाने के कारण काफी परेशानी हुई। कहा कि रात करीब दस बजे ही शव सदर अस्पताल पहुंच गया था।