भोजपुर एसपी सुशील कुमार ने किया निलंबित
जगदीशपुर एसडीपीओ के जांच रिपोर्ट पर की कडी कार्रवाई
बिहार। भोजपुर जिले के बिहिया थानाध्यक्ष रामलखन प्रसाद को निलंबित कर दिया गया है। एसपी सुशील कुमार ने कर्तव्यहीनता के आरोप में यह कार्रवाई की गई है। एसपी ने बताया कि थाना इंचार्ज पर कर्तव्यहीनता को लेकर मामला सामने आया था। इसकी जांच एसडीपीओ जगदीशपुर से कार्रवाई गई थी। जांच में मामला सही पाए जाने पर थाना इंचार्ज को निलंबित कर दिया गया है।
लड़की के मामले में अपहरण के मामले में शिथिलता बरतने का आरोप
बताया जाता है कि 18 अप्रैल को बिहिया थाना क्षेत्र के तेघरा गांव निवासी जितेन्द्र नट थाना क्षेत्र के ही एक गांव निवासी लड़की को बहला-फुसला कर सफारी गाड़ी से अपहरण कर भाग गया है और उसके मोबाईल के अनुसार उसका लोकेशन सासाराम थाना क्षेत्र में बता रहा है। इसके बाद नगर थाना सासाराम द्वारा छापेमारी कर उक्त दोनों लड़का एवं लड़की को वाहन सहित सकुशल बरामद कर सासाराम थाना में रखा गया है। बरामदगी की सूचना थानाध्यक्ष, बिहियों को दी गयी और बरामद लड़की को प्राप्त करने का अनुरोध किया। लेकिन थानाध्यक्ष बिहियां द्वारा अन्य कार्यों में व्यस्तता की बात करते रहे। उनके द्वारा पुलिस पदाधिकारी को नहीं भेजकर लड़की के परिजनों व रिस्तेदारों को भेज दिया। जो काफी संख्या में उग्र होकर सासाराम थाना पहुंच गये और बोलने लगे कि समाज में उनकी प्रतिष्ठा का हनन हुआ है। इसके कारण लड़का एवं लड़की को मार झालेंगे।
सासाराम के नगर थानाध्यक्ष द्वारा उनलोगों को समझा-बुझाकर स्थिति को नियंत्रित करने के उपरान्त वापस भेज दिया गया। इसकी सूचना प्राप्त होने के बाद एसडीपीओ जगदीशपुर द्वारा बिहिया थानाध्यक्ष से मोबाईल पर सम्पर्क कर पूछताछ की गयी कि तो उनके द्वारा कोई संतोषप्रद जवाब नहीं दिया गया। पूछताछ के दौरान यह बात प्रकाश में आया कि 18 अप्रैल को समय साढे़ 11 बजे दिन में बिहिया के तेघरा बाल निवासी जितेन्द्र नट द्वारा थाना क्षेत्र के एक गांव निवासी लड़की को बहला-फुसला कर सफारी गाड़ी से अपहरण कर लिया गया है। इस संबंध में 20 अप्रैल को लड़की के पिता के लिखित आवेदन के आधार पर जितेन्द्र नट सहित 5 नामजदो के विरूद्ध अपहरण की प्राथमिकी दर्ज करायी गयी थी।
घटना के दो दिन बाद दर्ज की थी प्राथमिकी
बिहिया थानाध्यक्ष द्वारा घटना घटने के दो दिनों के बाद विलम्ब से प्राथमिकी दर्ज की गयी है। एसडीपीओ द्वारा जांच रिपोर्ट में कहा गया कि थानाध्यक्ष द्वारा अपने पदस्थापन अवधि में कर्तव्यों का निर्वहन ठीक ढंग से नहीं किया जा रहा है एवं इन्हें थानाध्यक्ष के कर्तव्यों की पूर्ण जानकारी नहीं है। वर्तमान अपहरण की गंभीर धटना घटित होने के बाद इनके द्वारा घटना की सूचना वरीय पदाधिकारियों को नहीं देना एवं छुपाना, थाना के पदाधिकारी/बल को नहीं भेजकर अपहृता के परिजनों द्वारा बरामद अपहृता एवं अपहरणकर्ता को रास्ते में ही “ऑनर किलिंग (मान हत्या) की घटना कारित करने की सम्भावना से इन्कार नहीं किया जा सकता था। जो इनके द्वारा कर्तव्य पालन में घोर लापरवाही, कर्तव्यहीनता, मनमाने एवं संदिग्ध आचरण को दर्शाता है।
इससे बिहियों थाना क्षेत्र में भविष्य में विधि-व्यवस्था की समस्या उत्पन्न होने से इन्कार नहीं किया जा सकता है। अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी, जगदीशपुर द्वारा थानाध्यक्ष, बिहियों के विरूद्ध कड़ी अनुशासनिक कार्रवाई करने की अनुशंसा की गई है। अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी, जगदीशपुर के द्वारा किये गये अनुशंसा के आलोक में एसपी भोजपुर सुशील कुमार ने थानाध्यक्ष, बिहियां को तत्काल प्रभाव से सामान्य जीवन यापन भक्ता पर निलंबित कर दिया। निलंबन अवधि में इनका मुख्यालय पुलिस केन्द्र होगा।