आरा। शादी के 22 साल बाद जुड़वे पुत्र (Twin son) की हुई प्राप्ति, भोजपुर-रोहतास का पहला सफल आईवीएफ बेबी आरा के श्री वरदान फर्टिलिटी क्लीनिक से प्राप्त हुआ है। लंबे समय तक वैवाहिक जीवन बीतने के बाद भी संतान सुख से वंचित लोगों के जीवन में बांझपन विशेषज्ञ डॉ. वंदना सिंह के अथक प्रयास से सफलता प्राप्त है।
श्री वरदान से मिला भोजपुर-रोहतास का पहला सफल आईवीएफ बेबी
भोजपुर के शाहपुर प्रखंड के दंपती को पिछले 20 सालों से इलाज के बावजूद सफलता हासिल नहीं हो रहा था। शादी के 22 साल बाद जुड़वे पुत्र (Twin son) की प्राप्ति हुई है। इस सफलता के बाद दंपती व उनके परिवार में खुशी का माहौल है। श्री वरदान फर्टीलिटी क्लीनिक में झारखंड के मरीज भी इलाज के लिए पहुंच रहे हैं और उन्हें सफलता भी प्राप्त हो रही हैं। परिवार में खुशी का माहौल!
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वांझपन विशेषज्ञ डॉ. वंदना सिंह ने बताया कि पिछले तीन माह में दो उम्रदराज महिलाओं को आईसीएसई तकनीक से गर्भधारण में सफलता प्राप्त हुई हैं। लॉक डाउन के बाद फिर से इस पद्धति से इलाज शुरू किया गया है। गर्भधारण संबंधित सभी समस्याओं का निदान संभव है।
विदित हो कि श्री वरदान फर्टिलिटी क्लीनिक एक साल पूर्व शुरू की गई थी। बेहतर कार्य करने के लिए वर्ल्ड आईवीएफ डे पर सम्मान भी मिला है। यहां इलाज के लिए आने वाले मरीजों को बेहतर रिजल्ट देने के लिए हाल ही में देश के प्रसिद्ध रेनबो आईवीएफ आगरा के साथ मिलकर काम करने की सहमति बनी है।
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