Pakadi Chowk Ara : दिनदहाडे़ 150 मीटर तक खदेड़ने के बाद ठोक दी पांच गोलियां
सौ मीटर की दूरी पर ट्रैफिक थाना और सर्किट हाउस फिर भी बच निकले अपराधी
खबरे आपकी Pakadi Chowk Ara बिहार/आरा:- भोजपुर सहित अन्य जिलों में कभी आपराधिक वारदात से अपने विरोधी खेमे में दहशत पैदा करने वाले कुख्यात बूटन चौधरी के भतीजे को शहर में दौड़ा-दौडा कर गोली मार दी गयी। बुधवार को अपने ही शहर में बूटन चौधरी के भतीजे को बेखौफ बदमाशों ने फिल्मी अंदाज में ठोक दिया। करीब 150 मीटर खदेड़ने के बाद अपराधियों ने पांच गोलियां दाग दी। इतना ही नहीं गोली मारे जाने के बाद बदमाशों द्वारा दहशत पैदा करने के लिये पकड़ी चौक Pakadi Chowk Ara के समीप ताबड़तोड़ फायरिंग भी की गयी। बदमाशों के दु:साहस का अंदाज इसी से लगाया जा सकता है कि ट्रैफिक थाना और सर्किट हाउस जैसे अति सुरक्षित इलाके में दिनदहाडे़ खदेड़ कर गोली मारते रहे। वहीं घटनास्थल से करीब सौ मीटर की दूरी पर ट्रैफिक थाना और सर्किट हाउस होने के बाद भी बदमाश भागने में सफल रहे। इधर, शहर में दिनदहाडे़ और पकड़ी-सर्किट हाउस रोड में हुई इस घटना से लोग दहशत में आ गये। देखते ही देखते घटनास्थल के समीप की दुकानों के शटर गिरने लगे और सन्नाटा पसर गया।
गोली मारने के बाद अपराधी लौट कर पकड़ी चौक पहुंचे, बाइक ली और भाग गये
Pakadi Chowk Ara सरेराह गोलीबारी और हत्या की घटना को अंजाम देने के बाद अपराधी आराम से भाग निकले। अपराधियों के महाराजा हाता की ओर भागने की बात कही जा रही है। वहीं घटना के समय मौजूद लोगों की मानें तो दीपू चौधरी की हत्या करने वाले अपराधी पूरी तरह बेखौफ थे। लोगों का कहना था कि अपराधी उजले रंग की अपाची बाइक पर सवार पकड़ी चौक पर पहुंचे थे। उसके बाद दीपू चौधरी और उसके दोस्त अजय चौधरी को निशाना बनाया गया। गोली लगने के बाद अजय मार्केट में छिप कर जान बचायी, जबकि दीपू सर्किट हाउस की ओर भागा। इस पर अपराधियों ने पैदल ही उसको खदेड़ना शुरू कर दिया। सर्किट हाउस से थोड़ा पहले उसे घेर कर गोलियों से भून दिया गया। उसके बाद अपराधी पकड़ी चौक Pakadi Chowk Ara पहुंच अपनी बाइक ली और भाग गये। बताया जा रहा है कि लौट कर आने के बाद भी अपराधियों द्वारा चौक पर फायरिंग की गयी। हालांकि पुलिस द्वारा इसकी पुष्टि नहीं की गयी है। लोगों की मानें तो भागने के दौरान अपराधियों ने रास्ते में बाइक बदल दी।
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गोलीबारी और हत्या के बाद पुलिस अलर्ट, सदर अस्पताल बना छावनी
बूटन चौधरी के भतीजे दीपू चौधरी की हत्या के गैंगवार तेज होने और प्रतिशोध की कार्रवाई की आशंका बढ़ गयी है। इसे लेकर पुलिस पूरी तरह अलर्ट हो गयी है। गोलीबारी की खबर मिलते ही सदर एसडीपीओ सदर अस्पताल पहुंच गये। वहीं किसी तरह की अप्रिय घटना को देखते हुये वज्र वाहन और काफी संख्या में पुलिस बल को भी तैनात कर दिया गया था। स्वाट और रेफिड एक्शन फोर्स की टीम भी पहुंच गयी थी।
आर्म्स एक्ट में जेल गया था दीपू चौधरी, हत्या कांड में आया था गिरोह का नाम
गैंग की अदावत में मारा गया बेलाउर गांव निवासी दीपू चौधरी भी जेल जा चुका है। आर्म्स एक्ट में वह करीब दो साल पहले जेल गया था। बताया जा रहा है कि सितंबर 2019 में उसे हथियार के साथ गिरफ्तार किया था। इसके अलावे पिछले साल आरा में एक प्रॉपर्टी डीलर की हत्या और जदयू नेता को गोली मारने के मामले में भी उसके गिरोह का नाम आया था। उस मामले में उसके गैंग के कुछ सदस्यों को गिरफ्तार भी किया गया था।
हथियारों के शौकीन बूटन और उसके भाई को आर्म्स एक्ट में हो चुकी है सजा
उदवंतनगर थाना के बेलाउर गांव निवासी कुख्यात बूटन चौधरी एके-47 जैसे अन्य हथियारों का काफी शौकीन है। इस मामले में उसे सजा भी हो चुकी है। बता दें कि 5 मार्च 2016 को बेलाउर गांव में छापेमारी कर तत्कालीन एसपी नवीनचंद्र झा के नेतृत्व में पुलिस द्वारा हथियारों के जखीरे के साथ बूटन चौधरी और उसके भाई सहित अन्य को गिरफ्तार किया गया था। तब इसके पास से एक एके-47, 1 रेगुलर रायफल, 3 देशी कट्टा, 29 एके-47 की गोलियां और 31 राइफल और कट्टे की गोलियां बरामद की गई थीं। उसके बाद से ही वह जेल में बंर है। गिरफ्तारी के करीब 3 साल बाद 2019 कोर्ट द्वारा एके 47 और अन्य हथियारों की बरामदगी के मामले में बूटन चौधरी और उसकेे भाई उपेंद्र चौधरी समेत पांंच को कारावास की सजा सुनाई थी।
बूटन व रंजीत की रंजिश में गिर चुकी हैं दर्जन भर लाशें
जेल में बंद कुख्यात बूटन चौधरी की अपने ही गांव के रंजीत चौधरी से अदावत है। कभी एक ही सिक्के के दो पहलू रहे बूटन चौधरी व रंजीत चौधरी की दुश्मनी ने ऐसा रूप धारण किया कि लाशें गिरनी शुरू हो गयी। इनके बीच वर्षों से जारी गैंगवार में अब तक दर्जन भर लोगों की जान जा चुकी है। इसमें रंजीत के भाई हेमंत चौधरी, तो बूटन चौधरी के पक्ष की तत्कालीन मुखिया चंपा देवी शामिल हैं। बुधवार को बूटन के भतीजे की हत्या को भी इसी कड़ी का हिस्सा माना जा रहा है। वर्चस्व की इस जंग में कितनी का सुहाग उजड़ चुका है, तो कितनी मां की गोद सूनी हो चुकी है।
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उदवंतनगर थाना क्षेत्र के बेलाउर गांव में पंचायत चुनाव के दौरान भी हत्या की घटना हुई थी। 3 मई 2016 को कुख्यात रंजीत चौधरी के भाई हेमंत चौधरी को चुनाव प्रचार के दौरान ही गोलियों से भूनकर हत्या कर दी गयी थी। हेमंत चौधरी अपने छोटे भाई की पत्नी और मुखिया पद की उम्मीदवार के प्रचार के सिलसिले में निकले थे। तभी गांव में ही हथियारबंद लोगों ने गोलियों से भूनकर मौत की नींद सुला दिया था। तब आरा जेल में बंद बुटन चौधरी और उनके समर्थकों पर आरोप लगा था।
वही 20 जुलाई 2016 को और उमेश राय उसके बड़े बेटे मनीष राय को गोलियों से भून डाला गया। दोनों खेत जोतने ट्रैक्टर से गए थे। 7 जुलाई 2017 को उदवंतनगर थाना क्षेत्र के बेलाउर बंगला के समीप बस से खींचकर वार्ड पार्षद के पति की गोली मारकर हत्या कर दी गयी थी। उस घटना में गड़हनी थाना क्षेत्र के पोसवां गांव निवासी सुदेश्वर रवानी का 30 वर्षीय पुत्र परमात्मा रवानी आरा से गांव जा रहा था। परमात्मा की पत्नी रजनी देवी पोसवां पंचायत की वार्ड सदस्य थी। बुटन चौधरी के परिवार से उसके करीबी रिश्ते थे। 21 सितंबर 2017 को बेलाउर गांव से जीजा की बाइक लेकर जमुआंव गांव के लिए निकले स्व. जितेन्द्र चौधरी के इकलौते बेटे को गोलियों से भून डाला गया था।
बताया जाता है रंजीत चौधरी कभी बूटन का शूटर रहा था। बाद में दोनों के बीच किसी बात को लेकर विवाद उत्पन्न हो गया। बाद में विवाद इतना बढ़ गया कि दोनों एक दूसरे के खून के प्यासे बन गये। इसको लेकर दोनों के बीच कई बार फायरिंग भी हो चुकी है। गोलीबारी की घटना में बूटन चौधरी जख्मी भी हो चुका है।