Sunday, November 24, 2024
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कारनामेपुर में मनाई गई पंडित रामानंद तिवारी की 44 वीं पुण्यतिथि

Ramanand Tiwari death anniversary: शाहपुर के कारनामेपुर में समाजवादी नेता पंडित रामानंद तिवारी की 44 वीं पुण्यतिथि मनाई गई

रामानंद तिवारी में अन्याय के खिलाफ खड़ा होने का था विशेष गुण-शिवानंद

देश मे समाजवाद आज हासिए पर है- श्याम रजक

Bihar/Ara/Shahpur: भोजपुर जिला के शाहपुर प्रखंड अंतर्गत करनामेंपुर मध्य विद्यालय में स्व. पंडित रामानंद तिवारी की 44 वी पुण्यतिथि कार्यक्रम के दौरान पूर्व सांसद शिवानंद तिवारी ने आजादी के आंदोलन के समय रामानंद तिवारी के ऐसे कार्यो को बताया जिससे लोग आज भी वाकिफ नही थे। उन्होंने कहा की उनमें एक विशेष गुण था कि अन्याय के खिलाफ खड़ा हो जाना। वे अपनी विचार से समाजवादी विचारधारा से जुड़े, क्योंकि जातिवाद के प्रखर विरोधी थे और सामाजिक विकृतियों के भी विरोधी थे। समाज को एक सूत्र में बांधने में विश्वास रखते थे। गांधी व अम्बेडकर की पैक्ट भी पंडित रामानंद तिवारी के सिद्धांतों के कारण ही हुआ था। पंडित रामानंद तिवारी को छुआछूत के करण पुलिस मेस में उन्हें ही कुजात भी बना दिया गया। बावजूद इसके उन्होंने अपने सिद्धांतों के साथ समझौता नहीं किया।

Ramanand Tiwari death anniversary: पूर्व मंत्री श्याम रजक ने कहा कि आज समाजवाद हासिये पर है। अमीर और अमीर हो रहा है। गरीब और गरीब होते जा रहा है। रामानंद तिवारी ने जिस सपने को देखा था आज वो तारतार है। कुर्बानी का उद्देश्य आज मंजिल तक नही पहुंच पाया हैं। उनके आदर्शों को अपनाकर आज आगे बढ़ा जा सकता है। हमारी संस्कृति वंचित वर्ग तक सुविधाओं को पहुंचाने का रहा है। भुखमरी तो नही लेकिन कुपोषण हावी है। देश का हालात आज 75 वर्ष पूर्व की तरह है।

इसके पूर्व शाहपुर प्रखंड के करनामेंपुर मध्य विद्यालय में स्व. पंडित रामानंद तिवारी की 44 वी पुण्यतिथि कार्यक्रम के दौरान उपस्थित लोगों द्वारा उनके चित्र पर श्रद्धा सुमन अर्पित कर श्रद्धांजलि दी गई। इसके बाद कार्यक्रम की अध्यक्षता डॉ राधेश्याम सिंह एवं संचालन पंडित रामानंद स्मृति संस्थान के प्रोफेसर राजेंद्र मनियारा द्वारा की गई।

पंडित रामानंद तिवारी के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर अपने विचार रखते हुए जिप सदस्य पंडित गंगाधर पांडे, शिक्षाविद ब्रह्मेश्वर राय, श्यामनंदन ओझा, शंभू नाथ पाठक, जनार्दन तिवारी, डॉ राजेंद्र चंद्रवंशी ने कहा कि समाजवाद के धरोहर थे पंडित रामानंद तिवारी। जिन्होंने अंग्रेजी हुकूमत से भी बगावत कर दी। आजादी के बाद के कई कार्यों में प्रतिरोध के कारण यातनाएं झेलनी पड़ी और जेल भी जाना पड़ा।

कार्यक्रम में उपस्थित लोगों में भोला राय अकेला, मुखिया बीरबल सिंह, बलराम यादव, बबलू राय, धनेश्वर राय, गुप्तेश्वर साह, सियाराम यादव, उमेश चंद्र पांडे उर्फ मुन्ना पांडे, परमार सिंह सहित कई गणमान्य लोग उपस्थित रहे।

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