Friday, November 22, 2024
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भगवान का शब्दिक अर्थ भा से प्रकाश, ग-ज्ञान, वा से वैभव और न से नेक

literal meaning of god: भगवान कभी पक्षपात नहीं करते। भगवान का शब्दिक अर्थ भा से प्रकाश, ग-ज्ञान, वा से वैभव और न से नेक है। भगवान से ही ये गुण पैदा होते है। भगवान सब को प्रकाशित करते हैं, जिससे वे अपना प्रकाश हटा लेते हैं, उस जीव का तेज समाप्त हो जाता है। तेजोहीन जीव-अजीव का अस्मिता समाप्त हो जाती है।

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Bihar/Ara: भोजपुर जिला के शाहपुर प्रखंड के दियारा क्षेत्र स्थित श्रीत्रिदंडी देव राजकीय डिग्री महाविद्यालय के प्रांगण चल रहे श्रीलक्ष्मीनारायण महायज्ञ के दौरान प्रवचन करते हुये श्री जीयर स्वामी जी ने कहा की सदाचार एवं नैतिकता विहीन मनुष्य मानव कहलाने का अधिकारी नहीं है। व्यक्ति को जीवन में अनैतिकता एवं दुराचार से बचना चाहिए। अनैतिकता से जीवन और मरण दोनों अमंगलमय हो जाते हैं। भावी पीढ़ी भी कलंक ग्रसित हो जाती है। अनैतिकता से जीवन यापन करने वाले को कभी यश प्राप्त नहीं होता। इसलिए स्वयं तथा अपनी पीढ़ियों के निमित्त मानव को मर्यादानुकूल जीवनयापन करना चाहिए।

श्री जीयर स्वामी ने कहा कि भगवान ने मनुष्य के अलावे दैत्य पुत्र प्रह्लाद एवं पशु गजेन्द्र पर भी कृपा की हैं, जो शास्त्र में उल्लेखित है। भगवान कभी पक्षपात नहीं करते। भगवान का (literal meaning of god) शब्दिक अर्थ भा से प्रकाश, ग-ज्ञान, वा से वैभव और न से नेक है। भगवान से ही ये गुण पैदा होते है। भगवान सब को प्रकाशित करते हैं, जिससे वे अपना प्रकाश हटा लेते हैं, उस जीव का तेज समाप्त हो जाता है। तेजोहीन जीव-अजीव का अस्मिता समाप्त हो जाती है।

स्वामीजी महराज ने कहा कि पृथ्वी का भार शेष जी उठाते हैं तो शेष जी बड़े है उनसे भी बड़े शंकर जी हैं, जो उन्हें अपने शरीर में लपेटे रहते हैं। शंकर जी से बड़े रावण हैं जो अंगूठे पर शंकर जी को उठा लिया। उससे बड़े बालि हैं जो रावण को छ: माह तक कांख में दबाये रखा, उनसे बड़े राम हैं, जो बालि का वध किए। लेकिन राम से भी बड़े भगवान के भक्त हैं, जो अपने हृदय में उन्हें सूक्ष्म रुप में सदा धारण किए रहते हैं। भगवान के भक्तों से बड़ा दुनिया में कोई नहीं है। भगवान के भक्तों के साथ कभी अपचार नहीं करना चाहिए।

श्री लक्ष्मी नारायण महायज्ञ में यज्ञ मंडप की परिक्रमा करने हेतु काफी दूर-दूर से लोग आ रहे हैं तथा स्वामी जी का दर्शन कर प्रवचन का रसपान कर रहे हैं। 14 को राज्यपाल के कर कमलों से महाविद्यालय का उद्घाटन होना है इसके लिए डीएम एसपी तथा भीसी द्वारा लगातार दौरा किया जा रहे हैं तथा निरीक्षण किया जा रहा है ताकि कोई कमियां ना रह जाए। इस यज्ञ में काफी दूर-दूर से संत महात्मा आए हुए हैं। आसपास के लोगों में काफी उत्साह है। 15 बीघा जमीन लोगों ने कॉलेज के लिए दान दिया है जिसके लिए जितने भी संत प्रवचन करने हेतु आ रहे हैं भूमि दाताओं की प्रशंसा कर रहे हैं।

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