Tuesday, May 7, 2024
No menu items!
Homeअन्यचर्चित खबर11 साल बीत गए, ब्रह्मेश्वर मुखिया के हत्यारे का अब तक कोई...

11 साल बीत गए, ब्रह्मेश्वर मुखिया के हत्यारे का अब तक कोई सुराग नहीं मिला

Bihar: तब बिहार के सबसे चर्चित ब्रह्मेश्वर मुखिया (Brahmeshwar Mukhiya) की हत्या की खबर आग की तरह चारों तरफ में फैल गई थी। 65 साल के ब्रह्मेश्वर मुखिया की हत्या के 11 साल बीत गए लेकिन अब तक यह पता नहीं चल पाया कि इस वारदात को किसके इशारे पर अंजाम दिया गया? गोली मारने वाले कौन थे? हत्या के पीछे की वजह क्या है? इन सब सवालों का कोई ठोस जवाब आज तक नहीं मिल पाया। जबकि, पिछले 11 साल से इसकी जांच CBI कर रही है। लम्बा वक्त बीतने के बाद भी इस कांड का रिजल्ट अभी अधूरा है। CBI की टीम को अब तक कोई सुराग हाथ नहीं लगा। CBI ने इस मामले में 10 लाख रुपए का इनाम दिए जाने की घोषणा की थी, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ।

बता दें की एक जून, 2012 को ब्रह्मेश्वर मुखिया (Brahmeshwar Mukhiya) रोजाना की तरह मॉर्निंग वॉक पर निकले थे। मुखिया के घर के पास एक गली के पहले मोड़ पर मुखिया को देखते ही मौजूद अपराधी ताबड़तोड़ गोलियां चलाने लगे। देखते ही देखते कई गोलियां मुखिया के आरपार कर दी। पल भर में मुखिया ने दम तोड़ दिया। ब्रह्मेश्वर मुखिया की हत्या की खबर आग की तरह पूरे बिहार में फैल गई। नवादा थाना समेत पूरे आरा की पुलिस वहां पहुंच गई। किसी को एहसास भी नहीं था कि अगले दो दिनों तक क्या होने वाला है।

BREAKING NEWS
BREAKING NEWS

मुखिया की हत्या की जिसने भी जहां सुनी, वह वहीं से आरा के कूच कर गए। सुबह 10 बजे तक लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी थी। कई लोग तो इसलिए पहुंचे थे कि उन्हें देखना था कि ब्रह्मेश्वर मुखिया दिखते कैसे थे। 11 बजे तक भोजपुर, बक्सर, पटना, जहानाबाद, अरवल समेत कई जिलों से लोग कातिरा मोहल्ला स्थित ब्रह्मेश्वर मुखिया के आवास की ओर आने लगे। लोगों का आक्रोश इतना बढ़ गया कि पोस्टमार्टम के लिए लाश उठाने पहुंची पुलिस को बैक होना पड़ा। ऐसा प्रतीत हो रहा था कि भीड़ हिंसा के लिए तैयार होने लगी थी।

उस वक्त के नामी विधायक और वरीय नेता भी ब्रह्मेश्वर मुखिया की आवास की तरफ बढ़ रहे थे। इसी बीच भीड़ से किसी ने कहा कि “मारो नेता सबको” इतना कहते ही भीड़ रोड़ेबाजी करने लगी। नेताओं को बैरंग लौटना पड़ा। आक्रोशित भीड़ ने पटना-आरा हाईवे को जाम कर दिया। इसके बाद कई गाड़ियां फूंक दी गई। आरा के सर्किट हाउस को आग लगा दिया गया। ऐसा लग रहा था कि हिंसा की आग पूरे बिहार में फैल जाएगी। अगले दिन शव यात्रा निकाली गई। आरा शहर से पटना के बांसघाट आ रही शवयात्रा में शामिल लोगों ने पटना में जमकर बवाल मचाया। पुलिस और आम लोगों की गाड़ियां फूंक दी। कई वरीय नेता और विधायको के साथ धक्का-मुक्की की। मीडियाकर्मियों पर भी हमला बोला। हालांकि, पुलिस ने प्रतिक्रिया में कोई कार्रवाई नहीं की।

- Advertisment -
Vikas singh
Vikas singh
sambhavna
aman singh

Most Popular

Don`t copy text!