Karnamepur Thana: भोजपुर जिले के करनामेपुर ओपी को थाना का दर्जा दिया गया है। अब थाना के रूप में स्वतंत्र होकर काम करेंगे। अब यहां FIR से लेकर थाने को मिलनेवाली सभी सुविधाएं मिलने लगेगी।
- हाइलाइट :- Karnamepur Thana
- पुलिस अधीक्षक नीरज कुमार ने दिए आवश्यक दिशा निर्देश
- पुलिस अवर निरीक्षक चंदन कुमार इस थाना के पहले थानाध्यक्ष
आरा/शाहपुर: भोजपुर जिले के करनामेपुर ओपी को थाना का दर्जा दिया गया है। अब थाना के रूप में स्वतंत्र होकर काम करेंगे। अब यहां FIR से लेकर थाने को मिलनेवाली सभी सुविधाएं मिलने लगेगी। थाना का दर्जा मिलने के बाद मंगलवार को पुलिस अधीक्षक नीरज कुमार थाना परिसर पहुंचे और आवश्यक दिशा निर्देश दिए।
करनामेपुर ओपी को थाना का दर्जा मिलने पर स्थानीय लोग काफी खुश है। स्थानीय लोग दियरा क्षेत्र के लिए थाना का दर्जा मिलना वरदान मान रहे हैं। क्योंकि कई वर्षों पुरानी लोगों की मांग पूरी हो गयी है। अब पुलिस बलों की संख्या के साथ ही बेहतर सुविधाएं भी बहाल हो जाएंगी। अभी फिलहाल करनामेपुर थाना में स्वीकृत बलों में पुअनि के 3 पद, सअनि के 6 पद, डीएपी के 8 पद (महिला सहित) और चालक सिपाही के 2 पद रहेंगे। बाद में बलों की संख्या बढ़ा दी जाएगी। अब प्राथमिकी दर्ज कराने के लिए दूसरे थाने अधिकारी पर आश्रित नहीं रहना होगा।
करनामेपुर ओपी से थाना में दर्जा मिलने पर करनामेपुर ओपी इंचार्ज पुलिस अवर निरीक्षक चंदन कुमार इस थाना के पहले थानाध्यक्ष बनाये गए है। पुलिस अधीक्षक ने मंगलवार को पहुंचकर थानाध्यक्ष को करनामेपुर थाना को सुचारू रूप से चलकर गृह विभाग से क्षेत्राधिकार निर्धारण के बाद और गांव इस थाना से जोड़े जाएंगे। नवसृजित थाना अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी जगदीशपुर और पुलिस निरीक्षक बिहिया अंचल के नियंत्रण में होगा।
करीब ₹ 4.20 करोड़ की लागत से बना है हाईटेक थाना भवन
बताया जाता है कि तत्कालीन पुलिस अधीक्षक प्रमोद कुमार ने ओपी को थाने में अपग्रेड करने की अनुशंसा गृह विभाग से की थी। गौरतलब हो कि पिछले 31 जनवरी को करनामेपुर ओपी को नवनिर्मित हाईटेक मॉडल थाना भवन का सौगात मिला था। करीब 4 करोड़ 20 लाख रुपये की लागत से नवनिर्मित थाना भवन में सभी अत्याधुनिक सुविधाओं का ख्याल रखा गया है। थाना भवन पूरी तरह से हाईटेक है। भवन का उद्घाटन होने के बाद से ही करनामेपुर ओपी को थाना का दर्जा मिलने का कयास लगाया जा रहा था। ओपी से थाने में अपग्रेड होने के बाद अपराध नियंत्रण व विधि व्यवस्था में काफी सहुलियत होगी। शाहपुर थाने पर से अतिरिक्त बोझ भी कम होगा। क्योंकि अभी तक शाहपुर थाने से यह ओपी जुड़ी थी।