Chhath Puja – Shahpur NGO: शाहपुर नगर के जनता की ओर से मांग की जाने लगी है कि सफाई एनजीओ को ब्लैकलिस्टेड की जाए और हर माह करीब 12 लाख रुपये की जो धनराशि सफाई के लिए आवंटित होती है, उसे रिकवर किया जाए।
- हाइलाइट : Chhath Puja – Shahpur NGO
- सफाई एनजीओ की लापरवाही से छठ पूजा का माहौल प्रभावित
- सफाई एनजीओ को ब्लैकलिस्टेड और पैसा रिकवर करने की उठी मांग
- नगर प्रशासन इस समस्या को गंभीरता से ले: पूर्व मुख्य पार्षद
आरा/शाहपुर: धार्मिक आस्था का महापर्व छठ पूजा, विशेष रूप से बिहार में बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है। इस अवसर पर श्रद्धालु सूर्य देवता एवं छठी मैया के प्रति अपनी श्रद्धा व्यक्त करते हैं, और नदी किनारे श्रद्धापूर्वक अर्चना करते हैं। लेकिन भोजपुर जिला के शाहपुर नगर पंचायत में इस पूजा का माहौल प्रभावित हुआ है। प्रताप सेवा संकल्प गोविंद फूलकान मुजफ्फरपुर की सफाई एनजीओ, जो शाहपुर नगर के सफाई के लिए जिम्मेदार है, ने नदी को कूड़े से भर दिया है। जिस कारण नदी का प्रदूषण एक सतत समस्या बन गया है।
कभी छठ पूजा के दौरान रोशनी से जगमग रहनेवाली नारायणी नदी के घाट की स्थिति अब नरकीय हो गई है। सफाई एनजीओ ने यहां कूड़ा कचरा डंप कर दिया है। इससे शाहपुर नगर पंचायत के निवासियों में भारी आक्रोश है।
स्थानीय लोगों का कहना है कि सफाई एनजीओ की कार्यशैली में बहुत अधिक अनियमितताएँ हैं। दीपावली बीत गया, छठ पूजा नजदीक है, छठ घाट की ओर जानेवाली सड़क के किनारे कूड़ा पसरा हुआ है। सफाई एनजीओ की लापरवाही के कारण न केवल धार्मिक आस्था को ठेस पहुँच रही है, बल्कि स्वास्थ्य और पर्यावरण के लिए भी गंभीर समस्याएँ उत्पन्न की जा रही हैं।
इस गंभीर स्थिति के खिलाफ अब आवाज उठाई जा रही है। जनता की ओर से मांग की जाने लगी है कि सफाई एनजीओ पर ब्लैकलिस्टेड की कार्रवाई की जाए और हर माह करीब 12 लाख रुपये की जो धनराशि सफाई के लिए आवंटित होती है, उसे रिकवर किया जाए।
इधर, पूर्व मुख्य पार्षद बिजय कुमार सिंह ने कहा की एक ओर जहाँ छठ पूजा जैसे पुण्य अवसर को बहुत ही स्वच्छता व शुद्धि से मनाने का महत्व है, वहीं दूसरी ओर नदी की सफाई और संरक्षण की जिम्मेदारी भी उतनी ही महत्वपूर्ण है। नगर प्रशासन इस समस्या को गंभीरता से ले, ताकि आगामी महापर्व छठ पूजा में श्रद्धालु बिना किसी बाधा के अपनी धार्मिक परंपराओं का पालन कर सकें।