Horse Racing – Brahmapur: बाबा ब्रह्मेश्व नाथ की नगरी ब्रह्मपुर धाम, फाल्गुन माह की महाशिवरात्रि के अवसर पर आयोजित होने वाला पशु मेला, विशेषकर घुड़दौड़ प्रतियोगिता के लिए प्रसिद्ध है।
- हाइलाइट: Horse Racing – Brahmapur
- उच्च न्यायालय के आदेश को ले प्रतियोगिता का आयोजन इस साल अब संभव नहीं
- घोड़ा मालिक और उनके घुड़सवार इस आश्चर्यजनक परिस्थिति से अत्यंत निराश
बक्सर/ब्रह्मपुर: बाबा ब्रह्मेश्व नाथ की नगरी ब्रह्मपुर धाम, फाल्गुन माह की महाशिवरात्रि के अवसर पर आयोजित होने वाला पशु मेला, विशेषकर घुड़दौड़ प्रतियोगिता के लिए प्रसिद्ध है। यह वार्षिक आयोजन न केवल स्थानीय नागरिकों के लिए बल्कि बिहार के कई जिलों व अन्य राज्यों से आए घोड़ा मालिकों और घुड़सवारों के लिए एक महत्त्वपूर्ण क्षण होता है। इस वर्ष भी घुड़दौड़ प्रतियोगिता की तैयारी पूरी हो चुकी थी, लेकिन पटना उच्च न्यायालय के आदेश का हवाला देकर स्थानीय प्रसाशन द्वारा इसे स्थगित कर दिया गया, जिसके कारण प्रतियोगिता का आयोजन इस साल अब संभव नहीं है।
इस निर्णय का सीधा प्रभाव उन घोड़ा मालिकों और घुड़सवारों पर पड़ा है, जिन्होंने वैशाली, बक्सर, शाहपुर, बरिसवन, डुमरी, चक्की, पटना, बलिया, समस्तीपुर, दरभंगा, बेलौ, सहरसा, मोकामा, गया, मोतिहारी, बिहिया और आरा जैसे विभिन्न स्थानों से अपनी भागीदारी सुनिश्चित की थी। घुड़दौड़ की तैयारी में लगे पंकज त्रिपाठी, चंद्रिका सिंह, कृष्णा पांडेय, नित्यानंद तिवारी, मो. शरीफ और अन्य घोड़ा मालिक और उनके घुड़सवार इस आश्चर्यजनक परिस्थिति से अत्यंत निराश हैं।
घुड़दौड़ प्रतियोगिता के संयोजक पंकज त्रिपाठी ने कहा की हाईकोर्ट के आदेश का पालन आवश्यक है, परंतु स्थानीय संस्कृति और परंपरा का संरक्षण भी आवश्यक है। घुड़दौड़ प्रतियोगिता एक ऐसा मंच है जहां सभी के चेहरे पर उल्लास और उत्साह देखने को मिलता था, जो अब गायब है। ब्रह्मपुर धाम में घुड़दौड़ प्रतियोगिता के स्थगन ने एक बड़ी निराशा का वातावरण बना दिया है। भविष्य में, ऐसी परंपराओं के संरक्षण के लिए उचित विचार-विमर्श आवश्यक है, ताकि स्थानीय संस्कृति के ऐसे आयोजनों का आयोजन व्यवस्थित तरीके से हो सके।