शुक्रवार को तेरहवीं पर भी सांत्वना व श्रद्धांजलि देने नहीं आये प्रतिनिधि
नायक सूबेदार के परिजनों व रिश्तेदारों में नाराजगी और मायूसी
23 मार्च को युद्धाभ्यास के लिये जाने के दौरान ट्रेन से गिरने से हुई थी मौत
भोजपुर के चरपोखरी थाना क्षेत्र के नगराव गांव निवासी आर्मी नायक सूबेदार श्रीमन दूबे की मौत के 14 दिन बाद भी कोई प्रतिनिधि सुधि लेने उनके घर नहीं पहुंच सका। शुक्रवार को तेरहवीं पर भी कोई प्रतिनिधि श्रद्धांजलि व परिजनों को सांत्वना देने नहीं आ सका। इस बीच शुक्रवार को शोकाकुल माहौल में गांव में उनका श्राद्धकर्म सम्पन्न हुआ। नायक सूबेदार की पत्नी सुधा देवी, बेटी भावना कुमारी और बेटा ऋषिकेश व शुभम दूबे ने उन्हें श्रद्धांजलि दी। सभी परिजनों ने दुखी स्वर में कहा कि आम लोगों की मौत पर भी जनप्रनिधि गांव-गांव में दौड़ते चलते हैं। लेकिन आर्मी के एक नायक सूबेदार की मौत पर शोक संवेदना व्यक्त करने किसी प्रतिनिधि का नहीं पहुंचना निंदनीय और शर्मनाक है।
बता दें कि श्रीमन दूबे आर्मी में नायक सूबेदार के रूप में झारखंड के रांची में पोस्टेड थे। युद्ध अभ्यास के लिए वो राजस्थान के सूरतगढ़ में गये थे। राजस्थान में ही एक ट्रेन दुर्घटना में 20-21 मार्च को उनकी मौत हो गई थी। सूरतगढ़ जाने के दौरान ट्रेन से उतरने के क्रम में गिरकर उनकी मौत हो गई थी। उनकी मौत की खबर सुनकर उनके परिजनों और रिश्तेदारों में कोहराम मच गया था।
मौत की खबर सुनकर उनकी पत्नी सुधा देवी का काफी समय तक बहुत बुरा हाल था। 23 मार्च को तिरंगे में लिपटा उनका शव उनके पैतृक गांव नगराव लाया गया था। 23 मार्च को ही शाम में बरजा गांव के समीप गंगा घाट पर राजकीय सम्मान के साथ उनका दाह-संस्कार किया गया था। दाह-संस्कार के पूर्व गंगा घाट पर ही वहां उपस्थित लोगों द्वारा उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि दी गई थी। रिश्तेदार निलेश राय ने बताया कि नायक सूबेदार की मौत पर किसी प्रतिनिधि का उनके घर नहीं पहुंचना देश प्रेम के जज्बे को बताने के लिये काफी है।