Ara Lok Sabha History: बिहार ही नहीं पूरे देश में एक प्रचलित भोजपुरी गाना ह आरा जिला उखाड़ देला किला..। भोजपुरिया भाषी गांव समाज के लोग इस गाने का अक्सर उपयोग अपने लोगों का मनोबल बढ़ाने के लिए करते है, लेकिन आरा लोकसभा की राजनीति में देखें त यह बिल्कुल उलट साबित होती है।
राजनीति गवाह है कि वर्ष 1952 से 2019 तक 17 लोकसभा चुनाव में राजनीतिक दलों की पहली पसंद बाहरी जिले या राज्यों के प्रत्याशी रहे हैं। इनमें 15 बार बाहरी जिलों के प्रत्याशियों आरा सीट को जीता और यहां का किला उखाड़ते रहे। स्थानीय प्रत्याशी महज दो बार लोकसभा चुनाव में आरा का किला बचा सके।
आरा लोकसभा क्षेत्र वर्ष 1977 में अस्तित्व में आया। हालांकि, इसका इतिहास वर्ष 1952 से शुरू होता है। तब यह शाहाबाद संसदीय क्षेत्र के नाम से जाना जाता था। इनमें 15 चुनाव में बाहरी जिले के प्रत्याशी जीते। सिर्फ 1998 में हरिद्वार प्रसाद सिंह (समता पार्टी) और 2004 में जदयू की मीना सिंह ही सांसद पद जीतकर किला बचा सकी।
मतलब साफ है कि राजनीतिक दलों की तरह आरा संसदीय क्षेत्र की जनता ने भी स्थानीय की बनिष्पत बाहरी प्रत्याशियों को तव्वजों देकर अधिकतर बार विजयश्री का माला पहनाया। जीतने वाले अधिकांश उम्मीदवार पटना जिले के रहे। दूसरे नंबर पर रोहतास जिला और तीसरे नंबर पर भोजपुर जिला रहा।
फिलवक्त, सुपौल जिले के मूल निवासी एनडीए प्रत्याशी राजकुमार सिंह आरा सीट से भाजपा सांसद हैं। स्थानिय राजद उम्मीदवार श्री भगवान सिंह कुशवाहा और भाकपा माले के महागठबंधन उम्मीदवार राजू यादव को हराकर ये दूसरी बार यहां से किला उखाड़ने में कामयाब रहें है और तीसरी तयारी में लगे हुए है।
दिलचस्प बात यह भी कि उत्तर प्रदेश के बलिया जनपद के निवासी और धनबाद काेयलांचल के प्रसिद्ध माफिया सूर्यदेव सिंह ने वर्ष 1991 में राम लखन सिंह यादव के खिलाफ चुनाव लड़ा, पर हार गए।
Ara Lok Sabha History: वर्ष 2009 में जदयू प्रत्याशी मीना सिंह के खिलाफ चुनाव हारने वाले लोजपा के रामा किशोर सिंह हाजीपुर जिले के निवासी हैं।
हालांकि यहां के मतदाताओं का कहना है कि हम उन्हें ही संसद भवन में भेजते हैं जो हमारे हित के लिए वे कोई भी लड़ाई लड़ने से पीछे नहीं रहें ।
Ara Lok Sabha Election History
चुनावी वर्ष | विजयी उम्मीदवार | गृह जिला |
1952 | बलिराम भगत | पटना |
1957 | बलिराम भगत | पटना |
1962 | बलिराम भगत | पटना |
1967 | बलिराम भगत | पटना |
1971 | बलिराम भगत | पटना |
1977 | चंद्रदेव प्रसाद वर्मा | पटना |
1980 | चंद्रदेव प्रसाद वर्मा | पटना |
1984 | बलिराम भगत | पटना |
1989 | रामेश्वर प्रसाद | पटना |
1991 | रामलखन सिंह यादव | पटना |
1996 | चंद्रदेव प्रसाद वर्मा | पटना |
1998 | हरिद्वार प्रसाद सिंह | आरा |
1999 | रामप्रसाद सिंह | रोहतास |
2004 | कांति सिंह | रोहतास |
2009 | मीना सिंह | आरा |
2014-2019 | राजकुमार सिंह | सुपौल |