Sunday, February 23, 2025
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Catch monkeys: एक बंदर पकड़ने पर मिलेंगे एक हजार रुपये

Catch monkeys: बंदरों को पकड़ने की तैयारी मे आरा नगर निगम

खबरे आपकी बिहार बंदरों के लगातार बढ़ रहे आतंक से निजात दिलाने के लिए निगम प्रसाशन आरा रेलवे स्टेशन, पुरानी पुलिस लाइन, एमपी बाग, हरिजी का हाता, मदन जी का हाता, बाबू बाजार, नवादा, करमन टोला, राजेंद्र नगर, बंधन टोला, शिवगंज, शीतल टोला, जैन कॉलेज का इलाका, चंदवा, जवाहर टोला, महाराजा हाता, केजी रोड, नवादा व आनंद नगर में अभियान चलाएगा। शहरी क्षेत्र में बंदरों के लगातार बढ़ रहे आतंक से निजात दिलाने की तैयारी पूरी कर ली गई है। नगर निगम की ओर से सोमवार से निगम क्षेत्र में बंदरों को पकड़ने का अभियान शुरू किया जायेगा। इसके लिए एजेंसी का चयन किया गया है।

Catch monkeys:बंदरों को पकड़ सासाराम के जंगल व पहाड़ी इलाके में छोड़ा जायेगा

Catch monkeys

आरा के बंदरों को पकड़ सासाराम के जंगल व पहाड़ी इलाके में छोड़ा जायेगा। निगम क्षेत्र के उत्पाती बंदरों को पकड़ने के लिए नगर निगम ने यूपी के कानपुर शहर की एजेंसी श्री साईं इंटरप्राइजेज को जिम्मेवारी दी है। प्रति बंदर पकड़ने के लिए निगम की ओर से निर्धारित राशि संबंधित एजेंसी को दी जायेगी। इसके लिए निगम की ओर से एजेंसी को वर्क ऑर्डर दे दिया गया है। संबंधित एजेंसी अभी फिलहाल भोजपुर के सीमावर्ती जिला बक्सर में बंदर पकड़ने का अभियान चला रही है। इस कारण आरा शहर में अभियान शुरू करने में विलंब हुआ है।

Pintu bhaiya
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बताया जाता है कि एक बंदर पकड़ने पर नगर निगम की ओर से लगभग एक हजार रुपये खर्च किये जायेंगे। निगम की ओर से एजेंसी के सामने शर्त रखी गयी है कि बंदर पकड़ने के बाद आसपास के इलाके में नहीं छोड़ना है। आरा से पकड़ने के बाद बंदरों को सासाराम के जंगली व पहाड़ी इलाके में छोड़ा जायेगा।

बंदरों के आतंक से बचने को लोगों ने घरों में लगा रखी है जाली: शहरी क्षेत्र में बंदरों के आतंक से बचने के लिए कई मोहल्लों में लोगों ने छतों की बालकनी में जाली लगा रखी है। कई लोगों ने पूरी छत को लोहे की जाली से पैक करा दिया है।

छत पर गेहूं सुखाना मुश्किल, फूल-पौधों को भी नुकसान: बंदरों के उत्पात के कारण छतों पर गेहूं सुखाना मुश्किल हो गया है। कई परिवारों ने बंदरों के आतंक के कारण ही गेहूं सुखाने का कार्य बंद कर दिया है और आटा खरीद रहे हैं। इसके अलावा बंदर छत, बालकनी या कैंपस में लगाये फूल-पौधों को भी उखाड़ कर नष्ट कर दे रहे हैं। खासकर गुलाब और तुलसी के पौधों को नुकसान पहुंचा रहे हैं। छत की बागवानी भी उजाड़ दे रहे हैं।

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