Baiju Baba: बैजू बाबा का नाम सुनते ही श्रद्धालुओं के मन में आस्था और विश्वास का सागर उमड़ने लगता है। कहा जाता है कि बैजू बाबा की कृपा से अनेक लोगों की कठिनाइयाँ दूर हुई और उनके आशीर्वाद से जीवन में सुख-शांति आई।
- हाइलाइट : Baiju Baba
- शाहपुर प्रखंड के भीमपट्टी गाँव स्थित प्रसिद्ध सिद्धनाथ बैजू बाबा शिव मंदिर
आरा/शाहपुर: बैजू बाबा (Baiju Baba) का नाम सुनते ही श्रद्धालुओं के मन में आस्था और विश्वास का सागर उमड़ने लगता है। कहा जाता है कि बैजु बाबा की कृपा से अनेक लोगों की कठिनाइयाँ दूर हुई हैं, और उनके आशीर्वाद से जीवन में सुख-शांति आई है। समाज में बैजु बाबा का स्थान एक अनोखे विश्वास का प्रतीक है, जहां भक्ति और समर्पण की सच्चाई जीवन को नई दिशा देती है। जब भी श्रद्धालु वहाँ आते हैं, उनके मन में एक अद्वितीय शांति और भक्ति का भाव जागता है। उनकी प्रसिद्धि का एक प्रमुख कारण उनके मुख से निकले वचन का चमत्कार हैं। अनेक श्रद्धालुओं ने यह अनुभव किया है कि बैजु बाबा की कृपा से उनकी बीमारियों का उपचार हुआ, और विभिन्न प्रकार की कठिनाइयों का निराकरण हुआ।
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बैजू बाबा का प्रसिद्ध शिव मंदिर : भोजपुर जिले के शाहपुर प्रखंड मुख्यालय से लगभग 15 किलोमीटर दूर स्थित भीमपट्टी गाँव के उत्तर दिशा में अवस्थित श्री सिद्धनाथ बैजू बाबा का प्रसिद्ध शिव मंदिर आस्था और विश्वास का केंद्र है।। यहाँ सालों भर धार्मिक गतिविधियाँ चलती रहती हैं लेकिन सावन माह के अलावा शिवरात्रि के अवसर पर यहाँ शिवलिंग पर जलाभिषेक करने के लिए लोगों का हुजूम उमङ पड़ता है। सावन के सोमवारी तथा महाशिवरात्रि के अवसर पर बङी संख्या मे श्रद्धालु यहाँ जलाभिषेक करते हैं। सावन के सोमवारी के पहले से ही उत्तर प्रदेश के बलिया जिला और बिहार के भोजपुर ,बक्सर ,रोहतास समेत झारखंड तक से बड़ी संख्या में महिला, पुरुष श्रद्धालु मंदिर पहुॅचते हैं। इस प्रसिद्ध मंदिर से महज डेढ़ किलोमीटर उत्तर दिशा में उत्तरायण प्रवाहित गंगा मैया हैं। जहाँ से हजारों की संख्या में पुरुष, महिला के अलावा कांवरिया जल लेकर मंदिर में जलाभिषेक करते हैं। सावन में जुटने वाली भीड़ को नियंत्रित करने के लिए मंदिर को रात 12 बजे के बाद से ही जलाभिषेक के लिए खोल दिया जाता जाता है।
बैजू बाबा से प्रसिद्ध भीमपट्टी गाँव : श्री सिद्धनाथ बैजू बाबा शिव मंदिर के बारे में बताया जाता है कि बहुत पहले यहाॅ झाड़ीनुमा जंगल था। आसपास के लोगों ने एक शिवलिंग देखा। शिवलिंग की दैविक भव्यता को देखकर आसपास के गाँव के लोगों ने वहाॅ पूजा करना शुरू किया। कुछ दिनों के बाद भीमपट्टी गाँव के बैजू नामक एक युवक ने भी वहाँ पूजा अर्चना शुरू किया जो बाद में संत श्री बैजू दास जी महाराज (Baiju Baba) के नाम से प्रसिद्ध हुए। परम संत श्री बैजू दास बाबा अपने मुख से जो भी वचन कहते थे वह सत्य हो जाता था। साथ ही ऐसी मान्यता है कि इस मंदिर के हवन कुंड के भस्म से असाध्य रोगों से भी मुक्ति मिलती है। हवन कुंड से भस्म लेने के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ जुटी रहती है। लोगों का ऐसा मानना और विश्वास है कि इस मंदिर में जो भी मनोकामना मांगी जाती है वह जरूर पूरी होती है।
शिव भक्ति में लीन होकर 5 वर्ष पूर्व ब्रह्मलीन हुए बैजू बाबा: इस मंदिर के पुजारी रहे ब्रह्मलीन हो चुके संत श्री बैजू दास जी महाराज शिव भक्तों के लिए श्रद्धा और आस्था के प्रतीक थे। अपनी अलौकिक दिव्य शिव भक्ति से अपने जीवन काल में ही लोगों के लिए भगवान के समान थे बैजू बाबा। वे बाल्यावस्था से ही शिव भक्ति में लीन होकर इस मंदिर में शिव की आराधना किया करते थे। अपनी अलौकिक दिव्य शक्ति से बैजू बाबा ने कई लोगों की जिंदगी की गाड़ी को आगे बढ़ाया जो जिंदगी से उम्मीद खो चुके थे। लोगों का ऐसा विश्वास है कि बाबा द्वारा दिया गया आशीर्वाद सत्य हो जाता था।
मंदिर में वर्ष 2001 से ही जलता है दो अखंड दीप: इस मंदिर में संत श्री बैजनाथ जी महाराज द्वारा अपने हाथों से 2001 मे दो अखंड दीप प्रज्वलित किया गया था। उनके ब्रह्मलीन होने के बाद आज भी श्री सिद्धनाथ बाबा व हनुमान जी के मंदिर में अखंड दीप प्रज्वलित हो रहा है। अद्वितीय रहस्य और चमत्कारों के माध्यम से उन्होंने न केवल अपने अनुयायियों को बल्कि समस्त मानवता को प्रबुद्ध किया है। इस प्रकार, पूज्य संत बैजु बाबा का नाम भारतीय आध्यात्मिक इतिहास में सदैव अमर रहेगा।