Bihar Assembly elections – फेसबुक बना प्रत्याशियों और दलों के प्रचार का एक सशक्त जरिया
समर्थक भी सोशल साइट पर लगा रहे जोर, जमकर हो रही तकरार और नोकझोंक
आरा। कृष्ण कुमार Bihar Assembly elections विधान सभा चुनाव के पहले चरण के मतदान में अब महज तीन दिन का समय रह गया है। भोजपुर में भी पहले चरण में अगामी 28 अक्टूबर को ही मतदान होना हो। ऐसे में प्रचार अंतिम और निर्णायक दौर में पहुंच गया है। जनता को अपने पक्ष में करने के लिये सभी दलों के तमाम बड़े नेताओं की ताबड़तोड़ सभायें हो रही है। प्रत्याशी भी हर वोटर तक पहुंचने में जी-जान से जुट गये हैं।
फेसबुक और व्हाटसएप पर मिल जा रही चुनाव से जुड़ी हर अपडेट
Bihar Assembly elections इधर, सोशल साइट डिजिटल प्लेटफॉर्म पर भी चुनावी जंग छिड़ गयी है। सोशल साइट पर वाणों के तीर भी चल रहे हैं। खासकर फेसबुक इसमें सबसे आगे है। एक तरह से कहें तो चुनाव प्रचार को लेकर फेसबुक एक सशक्त जरिया बन गया है। सभी प्रत्याशी फेसबुक पेज के माध्यम से लोगों से जुड़ने की कोशिश कर रहे हैं। बड़े नेताओं के भाषण से लेकर जनसंपर्क अभियान तक फेसबुक पर अपलोड किये जा रहे हैं।
इधर, दलों और प्रत्याशियों के समर्थक भी फेसबुक पर धमाल मचा रहे हैं। अपने चहेते प्रत्याशी और गठबंधन के पक्ष में समर्थक ताबड़तोड़ पोस्ट कर रहे हैं। अपने-अपने तरीके से लोग अपनी बातों को रख रहे हैं। कोई सरकार और उसकी एलाइंस तो कोई भी विपक्षी दलों को नसीहत दे रहा है। इस दौरान एक-दूसरे दलों के समर्थकों के बीच नोकझोंक और तकरार भी देखने को मिल रही है। हालांकि इस चुनावी नोकझोंक में कुछ लोग अपनी मर्यादा भी भूल जा रहे हैं। सोशल मीडिया के जरिये अपनी बात रखने में युवा काफी मुखर दिख रहे हैं। युवा वर्ग अपने प्रत्याशियों खासकर निर्वाचित विधायकों से सवाल-जवाब भी कर रहा है।
ताबड़तोड़ प्रचार के बावजूद हर गांव तक नहीं पहुंच रहे प्रत्याशी
आरा। Bihar Assembly elections कोरोना काल में हो रहे चुनाव को लेकर प्रत्याशियों के साथ आम पब्लिक को भी परेशानी हो रही है। प्रचार के लिये कम समय मिलने से जहां प्रत्याशी हर वोटर तक नहीं पहुंच पा रहे हैं। दूसरी और प्रत्याशियों खासकर विधायकों के प्रचार में नहीं आने से आम लोग भी मायूस हो रहे हैं। इस कारण लोग विधायकों से शिकायत करने से भी वंचित रह जा रहे हैं। लोगों की मानें तो चुनाव जीतते ही माननीय बन जाने वाले विधायक जनता से दूर चले जा रहे हैं। अगिआंव विधान सभा के चरपोखरी प्रखंड के धनौती गांव लोगों की कुछ ऐसी ही शिकायतें हैं। गांव के लोगों की मानें तो चुनाव जीतने बनने के बाद उनके विधायक धनौती का रास्ता भूल गये। पांच साल तक तो वह जनता से दूर रहे ही। अब प्रचार में भी नहीं आ सके, ताकि लोग उनके समक्ष अपनी बात रख सकें।
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