Case of Disqualification : ‘नामांकन पूर्व टैक्स’ का भुगतान। ऐसा माना जाता है कि यदि किसी पार्षद ने नामांकन से पूर्व अपने सभी करों का भुगतान नहीं किया है, तो वह अपनी कुर्सी खो सकता है।
- हाइलाइट्स: Case of Disqualification
- शाहपुर नगर पंचायत के चेयरमैन और दो पार्षदों की कुर्सी पर खतरा बरकरार
- पूर्व में वार्ड-07 की पार्षद व वार्ड-08 की पार्षद को पद से मुक्त कर दिया गया है
आरा/शाहपुर: नगर निकाय चुनावों में उम्मीदवारों की पात्रता और निर्वाचन प्रक्रिया को स्पष्ट रूप से निर्धारित करने के लिए नियम एवं विनियम बनाए गए हैं। बिहार नगरपालिका अधिनियम 2007 की धारा 18 (I) (k) अक्सर चर्चा में रहता है, यह है ‘नामांकन पूर्व टैक्स’ का भुगतान। ऐसा माना जाता है कि यदि किसी पार्षद ने नामांकन से पूर्व अपने सभी करों का भुगतान नहीं किया है, तो वह अपनी कुर्सी खो सकता है।
इधर, भोजपुर जिले के शाहपुर नगर पंचायत की मुख्य पार्षद जुगनू देवी, वार्ड संख्या- 04 के पार्षद कमलेश कुमार राज तथा वार्ड-11 के पार्षद आरती देवी के आयोग्ता को लेकर SEC-Bihar Court में वाद दर्ज किया गया है। राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा सुनवाई की अगली तिथि 30 जनवरी निर्धारित की गई है।
पटना हाई कोर्ट के अधिवक्ता अभय कुमार पांडेय ने कहा कि ‘नामांकन पूर्व टैक्स भुगतान’ का प्रावधान इस दृष्टिकोण को सुनिश्चित करता है कि केवल वे ही व्यक्ति स्थानीय निकायों में प्रतिनिधित्व के लिए योग्य होंगे, जो समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारियों को समझते हैं। नगर निकाय चुनावों में ‘नामांकन पूर्व टैक्स’ भुगतान की अनिवार्यता एक आवश्यक प्रावधान है, जो नगर निकाय के पार्षदों की कुर्सी के लिए योग्यता के मानकों को स्थापित करता है।
बता दें की शाहपुर नगर पंचायत के दो महिला पार्षदों को राज्य निर्वाचन आयोग,पटना के द्वारा पद से मुक्त कर दिया गया है। हलाकी इन दोनों पार्षदों को बिहार नगरपालिका अधिनियम 2007 की धारा 18 (1) (ड) के तहत कट ऑफ तिथि 04 अप्रैल 2008 के बाद तीसरे संतान को जन्म को लेकर की गई है।
पद मुक्त का ताजा मामला: बिहार के सिवान जिले में मैरवा नगर पंचायत के चेयरमैन की कुर्सी इसलिए चली गई क्योंकि उन्होंने ‘टैक्स’ जमा नहीं किया था। तथ्य छिपाने के आरोप में चुनाव आयोग ने एक्शन लिया और वार्ड पार्षद की शिकायत पर कार्रवाई कर डाली। मैरवा चेयरमैन किस्मती देवी को अध्यक्ष के पद से मुक्त कर दिया गया।