Chaitra Festival:हर प्रसाद दास जैन स्कूल आरा में आयोजित पांच दिवसीय चैत्र महोत्सव
बिहार/आरा खबरे आपकी भारतीय मौलिक कलाओं की खुशबू बिखेरते हुए पांच दिवसीय चैत्र महोत्सव संपन्न हुआ। शिवादी क्लासिक सेंटर ऑफ आर्ट एंड म्यूजिक के बैनर तले स्थानीय हर प्रसाद दास जैन स्कूल में आयोजित पांच दिवसीय चैत्र महोत्सव में कला साहित्य और संगीत के अनुपम संगम को साहित्यकार चित्रकार व कलाकारों ने अपनी रचनात्मकता से सजाया।
चैत्र महोत्सव की पांचवीं संध्या का उद्घाटन करते हुए उद्घाटनकर्ता एसबी कॉलेज के प्रधानाचार्य डॉ.नवीन कुमार ने कहा कि रचनात्मकता मानव का स्वभाव है। संगीत साहित्य व कला के माध्यम से रचनाकार पूरी प्रकृति को स्पर्श कर सकता है। समाज के विकास में कला और साहित्य की महत्वपूर्ण भूमिका है।
Chaitra Festival: एही ठैया मोतियां हेराई गइल हो रामा कहवां मैं ढूंढू…..
साहित्यकार संतोष श्रेयांश व डॉ. किरण कुमारी ने अपनी कविताओं से मन मोह लिया। दिल्ली से पधारे अमृतेश शांडिल्य ने तीनताल में तबला वादन करते हुए पेशकार, कायदा, बांट, टुकड़ा, रेला व लग्गी प्रस्तुत कर मंत्रमुग्ध कर दिया। वहीं कलकत्ता से आयी शास्त्रीय गायिका विदुषी इंद्राणी चौधरी ने राग श्याम कल्याण में झपताल व तीन ताल की बंदिश श्याम छवि मन मोह लियो व पायल मोरी बाजे, दादरा तुम बिन नींद ना आवे सांवरिया, निठुर सखी श्याम बईया मरोरी व चैती एही ठैया मोतियां हेराई गइल रामा कहवां मैं ढूंढू प्रस्तुत कर समां बांधा।
कार्यक्रम में विदुषी बिमला देवी ने राग मुल्तानी, दादरा व चैती मोरा दरादियो ना जाने हो रामा निर्मोही सैंया सुनाकर तालियां बटोरी। वहीं आकाशवाणी की मशहूर गायिका विदुषी मोहिनी देवी ने पारम्परिक लोक शैली की चैती ” तब सैंया का करे अईब हो रामा चैत बीत जैबे गाकर भाव विभोर कर दिया।
चैत्र महोत्सव कार्यक्रम के इस अवसर पर सामाजिक सांगीतिक साहित्यिक व कलात्मक कार्यों के लिए भोजपुर के प्रतिभाओं को सम्मानित किया गया। संचालन रौशन कुमार एवं धन्यवाद ज्ञापन कथक गुरु बक्शी विकास ने किया।