Consolidation office Shahpur खबरे आपकी: बिहार में एक अजीब मामला सामने आया है जहाँ अधिकारियों ने अपनी सहूलियत के मुताबिक भूमि से जुड़े एक महत्वपूर्ण कार्यालय को एक प्रखंड से दूसरे प्रखंड स्थित रेलवे स्टेशन के नजदीक शिफ्ट कर लिया। मामला भोजपुर जिला के शाहपुर प्रखंड अंतर्गत चकबंदी कार्यालय का है।
बता दें की शाहपुर से चकबंदी जैसे महत्वपूर्ण विभाग को प्रखंड वासियों से दूर बिहिया प्रखंड में शिफ्ट कर दिया गया है। शाहपुर के नाम पर बिहिया में चलने वाला चकबंदी कार्यालय प्रखंड वासियों के लिए परेशानी का सबब बन गया है। करीब 33 वर्ष तक शाहपुर में चल रहे चकबंदी कार्यालय को बिहिया में शिफ्ट कर दिया गया। इस तरह शाहपुर से चकबंदी जैसे महत्वपूर्ण विभाग प्रखंड वासियों से दूर हो गया है।
भूमि विवाद के ज्यादातर मामले चकबंदी व सर्वे खतियान से जुड़े हुए होते हैं। जबकि वर्ष 1981- 82 से वर्ष 2013 तक यह कार्यालय शाहपुर में ही चलता था। शाहपुर प्रखंड का क्षेत्र बड़ा है २० पंचायत सहित एक नगर पंचायत है। विभिन्न राजस्व ग्रामों के मौजा में जमीन की खरीद बिक्री को लेकर जरूरत पड़ती है। इसके साथ ही चक खाता एवं सर्वे खाता के नकल व मिलान के लिए लोग प्रत्येक दिन चकबंदी कार्यालय आते – जाते है। वही जमीन बिक्री के लिए परमिशन लोगों के लिए परेशानी का सबब बन गया। क्योंकि शाहपुर के गांव की दूरी बिहिया से करीब 15 तो किसी गांव की दूरी 30 किलोमीटर तक है।
Consolidation office Shahpur: बताया जाता है की अधिकारियों को बिहिया रेलवे स्टेशन से ट्रेन पकड़ने में आसानी होती है। इसलिए शाहपुर से कार्यालय को ही बिहिया ले जाया गया। चकबंदी विभाग का कार्यालय अभी बिहिया स्टेशन के करीब में स्थित है, पहले यह कार्यालय शाहपुर नगर पालिका क्षेत्र में था। कई साल पूर्व जब कार्यालय को बिहिया ले जाया गया तब से कई मर्तबा नगर एवं प्रखंड के समजसेवियों ने अफसरों से मिलकर चकबंदी कार्यालय को शाहपुर में शिफ्ट करने की बात कही, अफसरों द्वारा जल्द समस्या की निदान करने की बात कही गई लेकिन लाख प्रयास के बाद भी चकबंदी कार्यालय आज तक शाहपुर में शिफ्ट नहीं हो सका है। अब चुकी भूमि विवाद के बढ़ते मामले को लेकर चकबंदी कार्यालय के शिफ्ट करने की चर्चाएं तेज हो गई है। मामला प्रशासनिक अधिकारियों के संज्ञान में भी आ चूका है ,अब देखना है कार्यालय के शिफ्ट करने में प्रशासनिक अधिकारियों की क्या सख्ती होती है ।