Thursday, November 21, 2024
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भोजपुर जिले में 85000 लोगों में फाइलेरिया के लक्षण

भोजपुर जिले में चल रहे सर्वजन दवा सेवन (एमडीए) अभियान की समीक्षा के लिए शुक्रवार को भारत सरकार के एनसीवीबीडीसी विभाग के असिस्टेंट डायरेक्टर डॉ. संबित प्रधान ने भोजपुर का दौरा किया।

Filariasis: भोजपुर जिले में चल रहे सर्वजन दवा सेवन (एमडीए) अभियान की समीक्षा के लिए शुक्रवार को भारत सरकार के एनसीवीबीडीसी विभाग के असिस्टेंट डायरेक्टर डॉ. संबित प्रधान ने भोजपुर का दौरा किया।

  • हाइलाइट : Filariasis
    • भोजपुर जिले में 85000 लोगों में फाइलेरिया के लक्षण, इसे खत्म करने के लिए धरातल पर करना होगा काम : डीडीसी
    • मुखिया अपने पंचायतों में सुनिश्चित करें की सभी लाभुक अनिवार्य रूप से करें दवाओं का सेवन: असिस्टेंट डायरेक्टर
    • भारत सरकार के एनसीवीबीडीसी विभाग के असिस्टेंट डायरेक्टर ने जिले में एमडीए का लिया जायजा
    • शाहपुर और कोइलवर प्रखंड के दो बूथों का लिया जायजा


Filariasis आरा: भोजपुर जिले में चल रहे सर्वजन दवा सेवन (एमडीए) अभियान की समीक्षा के लिए शुक्रवार को भारत सरकार के एनसीवीबीडीसी विभाग के असिस्टेंट डायरेक्टर डॉ. संबित प्रधान ने भोजपुर का दौरा किया। इस क्रम में उपविकास आयुक्त विक्रम विरकर की अध्यक्षता में आयोजित उन्मुखीकरण कार्यशाला में भी असिस्टेंट डायरेक्टर ने हिस्सा लिया। उक्त कार्यशाला में जिले के 20 आकांक्षी पंचायतों के मुखिया व उनके प्रतिनिधियों के साथ साथ स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी और सहयोगी संस्थानों के प्रतिनिधि भी शामिल हुए।

इस दौरान उपविकस आयुक्त ने बताया कि आकांक्षी पंचायत विकास कार्यक्रम के तहत जिले के 20 पंचायतों का चयन किया गया है। जहां पर विकास योजनाओं के साथ साथ स्वास्थ्य विभाग की योजनाओं को गति प्रदान की जाएगी। ताकि, इन पंचायतों में लोगों को सभी योजनाओं और सुविधाओं का लाभ दिलाया जा सके। इस क्रम में आप सभी पंचायत के मुखियागण भी अपनी भागीदारी सुनिश्चित करें और लोगों तक सेवाओं और सुविधाओं को पहुंचाएं।

उन्होंने बताया कि बीते दिनों हुए नाइट ब्लड सर्वे के अनुसार जिले में लगभग 85 हजार लोग ऐसे हैं, जिनमें फाइलेरिया (Filariasis) के लक्षण हैं। यदि समय पर उनका इलाज नहीं हुआ तो भविष्य में वो दिव्यांग बन सकते हैं। इसके लिए हमें धरातल पर काम करना होगा। क्योंकि फाइलेरिया का अब कोई मुकम्मल इलाज नहीं है। केवल फाइलेरिया रोधी दवाओं का सेवन करने से ही हम इस बीमारी से बच पाएंगे। इसलिए आप सभी से अनुरोध है कि आप सभी अपने पंचायतों में फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम का संचालन ठीक के कराएं। ताकि, लोगों को इस भयावह बीमारी से बचाया जा सके।

इस दौरान एसीएमओ डॉ. केएन सिन्हा, जिला पंचायती राज पदाधिकारी रवि रंजन, जिला यक्ष्मा पदाधिकारी डॉ. ए अहमद, विश्व स्वास्थ्य संगठन के जोनल कोऑर्डिनेटर डॉ. अरुण कुमार, पीसीआई की एसपीएम पंखुड़ी मिश्रा, सीएफएआर के एसपीएम रणविजय कुमार, पीरामल फाउंडेशन के टेक्निकल स्पेशलिस्ट कम्युनिकेबल डिजीज डॉ. इन्द्रनाथ बनर्जी, पीरामल स्टेट टीम लीड आनंद कश्यप ने विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की।

पंचायतों में एमडीए को सफल बनाना आप सबकी भी जिम्मेदारी :
इस क्रम में असिस्टेंट डायरेक्टर डॉ. संबित प्रधान ने उपस्थित मुखियागण से कहा कि आप सभी ने अपने पंचायतों और गांवों में फाइलेरिया या हाथीपांव (Filariasis) के मरीज देखे होंगे। इससे ग्रसित होने मरीज अपने जीवन में काफी संघर्ष करते हैं। सबसे अधिक समस्या उनकी आजीविका पर पड़ता है। क्योंकि हाथीपांव का एक मरीज जब चलने में असमर्थ हो जाए तो उससे काम भी बामुश्किल ही हो पाएगा। इसलिए इसकी गंभीरता को देखते हुए आप सभी अपने पंचायतों में लोगों फाइलेरिया से बचाव के लिए लोगों को प्रेरित करें। ताकि, सभी इस बीमारी के प्रति सतर्क हो जाएं और फाइलेरिया रोधी दवाओं का सेवन कर स्वयं के साथ अपने परिजनों को फाइलेरिया से बचाएं।

उन्होंने बताया कि फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम के तहत घर घर जाकर और बूथ लगाकर फाइलेरिया रोधी दवाओं का सेवन कराया गया है। अब अगले सात दिनों तक जिले में मॉपअप राउंड चलाया जाएगा। जिसमें छूटे हुए लाभुकों को दवाओं का सेवन कराया जायेगा। इस दौरान आप सब की भूमिका अहम होगी। क्योंकि इस दौरान आप सभी अपने अपने पंचायतों में यह सुनिश्चित कर लेंगे कि आपके पंचायत और गांव में हर योग्य लाभुक फाइलेरिया रोधी दवाओं का अनिवार्य रूप से सेवन कर लें।

शाहपुर में सबसे अधिक पाए गए फाइलेरिया के लक्षण :
अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी सह जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ. केएन सिन्हा ने बताया कि इस बार नाइट ब्लड सर्वे में जिले में माइक्रो फाइलेरिया की दर 2.2 प्रतिशत पाई गई है। जिसमें सबसे अधिक शाहपुर में 7.0 प्रतिशत माइक्रो फाइलेरिया दर पाई गई है। इसलिए जिन प्रखंडों में माइक्रो फाइलेरिया की दर अधिक है, वहां विशेष अभियान चलाया जा रहा है।

उन्होंने बताया कि जिले में फाइलेरिया (Filariasis) उन्मूलन कार्यक्रम का संचालन अच्छे से किया जा रहा है। जिन लोगों ने दवाओं का सेवन करने से मना कर दिया है, उनको सहयोगी संस्थाओं के माध्यम से जागरूक करते हुए दवाओं का सेवन कराया जा रहा है। उन्होंने बीते गुरुवार को कोईलवर प्रखंड के सलेमपुर में हुए एडीआर के मामले में बताया कि उक्त स्कूल में एमडीएम के पहले ही दवाओं का सेवन कराया गया। जिसके कारण कुछ बच्चों की तबियत बिगड़ी। लेकिन उन बच्चों को देख बाकी बच्चों के अभिभावक डर गए, जिसके कारण वो अपने बच्चों को अस्पताल लेकर पहुंचे। लेकिन, अस्पताल में आते ही सभी स्वस्थ पाए गए। इसलिए आप लोगों से निवेदन है कि आप लोग अफवाहों पर ध्यान ना दें और अनिवार्य रूप से दवाओं का सेवन करें।

असिस्टेंट डायरेक्टर ने बूथों का लिया जायजा :
असिस्टेंट डायरेक्टर डॉ. संबित प्रधान ने प्रखंडों में लगे बूथों का जायजा लिया। उन्होंने शाहपुर नगर पंचायत अंतर्गत वार्ड नंबर 11 में स्थित निर्मला शिक्षा भवन स्कूल में एमडीए राउंड के तहत बूथ का निरीक्षण किया। जहां स्कूल की प्राचार्य सिस्टर निर्मला ने बताया कि उनके स्कूल में लगभग 2300 बच्चे अध्ययनरत हैं। जिनमें से 377 बच्चों ने फाइलेरिया रोधी दवाओं का सेवन कर लिया है। शेष बच्चों को दोपहर के लंच ब्रेक के बाद दवाओं का सेवन कराया जायेगा।

इस क्रम में असिस्टेंट डायरेक्टर ने दवाओं का सेवन कर चुके 10वीं कक्षा के छात्र छात्राओं से मुलाकात की। उन्होंने बच्चों से हाथीपांव की गंभीरता व उसके बचाव पर चर्चा की। बच्चों ने भी उत्सुकता दिखाते हुए उनके दवाओं का जवाब दिया। इसके बाद उन्होंने गड़हनी के पिपरा और कोइलवर प्रखंड के गांवों का दौरा किया और लाभुकों से दवाओं का सेवन करने की जानकारी ली।

मौके पर जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण कार्यालय के वीडीसीओ अजीत कुमार पटेल, वीडीसीओ अनुज कुमार, एफएलए प्रियंका कुमारी, पीरामल फाउंडेशन के डीएमसी सोमनाथ ओझा, पीएल हिमांशु शेखर सिंह, पीएल अरविंद कुमार पाठक, पीएल स्मृति कुमारी, सीएफएआर की जिला समन्वयक जुलेखा फातमा, एडीसी अमित सिंह व अन्य लोग मौजूद रहे।

MD WASIM
MD WASIM
Journalist
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