Lord Buddha: बौद्ध धर्मावलंबियों द्वारा शाहपुर नगर पंचायत में गुरुवार को बुद्ध पूर्णिमा के दिन भगवान बुद्ध का जन्मदिन धूम धाम से मनाया गया।
- हाइलाइट :- Lord Buddha
- बौद्ध धर्मावलंबियों ने बड़ी श्रद्धा और आस्था पूर्वक मनाया भगवान बुद्ध का जन्मदिन
- भगवान बुद्ध ने हमेशा लोगों को सत्य और अहिंसा के मार्ग पर चलने की प्रेरणा दी- संजय सिंह
आरा/शाहपुर: शाहपुर नगर पंचायत में गुरुवार को बुद्ध पूर्णिमा के दिन भगवान बुद्ध का जन्मदिन धूम धाम से मनाया गया। यह कार्यक्रम सरना-भरौली रोड स्थित नवल धवल बाबा समाधि स्थल के समीप पीपल के पेड़ के नीचे जुटकर बौद्ध धर्मावलंबियों ने बड़ी श्रद्धा और आस्था पूर्वक मनाया। कार्यक्रम में जुटे बौद्ध धर्मावलंबियों ने पीपल के पेड़ के नीचे भगवान बुद्ध की प्रतिमा रखकर दूध व इत्र डाला और दीपक जलाए।
इस मौके पर आयोजित समारोह के प्रमुख आईटीआई संचालक संजय सिंह ने कहा कि भगवान बुद्ध का जन्म बैशाख पूर्णिमा के दिन ही हुआ था और इसी दिन उन्हें ज्ञान प्राप्त हुआ था। यही वजह है की इतिहास में बैशाख पूर्णिमा का धार्मिक महत्व अत्यधिक है। उन्होंने कहा की भगवान बुद्ध ने हमेशा लोगों को सत्य और अहिंसा के मार्ग पर चलने की प्रेरणा दी।
इस अवसर पर कार्यक्रम में शाहपुर नपं की उपमुख्य पार्षद झुनीया देवी, पूर्व उपमुख्य पार्षद गुप्तेश्वर साह, संजय मौर्य, धनजी सिंह, मनोज कुशवाहा, नारायण कुशवाहा, निशांत मौर्य, राकेश कुशवाहा, आर्यन मौर्य, जय प्रकाश मौर्य ,राधेश्याम, रंजन सिंह, बिजय कुशवाहा आदि शामिल हुए।
बौद्ध धर्म के अनुयायियों के लिए सबसे महत्त्वपूर्ण त्योहार
वैशाख महीने की पूर्णिमा को बुद्ध पूर्णिमा कहते हैं। इस दिन भगवान बुद्ध की जयंती होती है, साथ ही इसे भगवान बुद्ध को ज्ञान की प्राप्ति के रूप में भी देखा जाता है। इसलिए इस पूर्णिमा को हिंदू धर्मावलंबियों के अलावा बौद्ध अनुयायी भी मनाते हैं। बुद्ध पूर्णिमा, जिसे वैशाख पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है, दुनिया भर में बौद्ध धर्म के अनुयायियों के लिए सबसे महत्त्वपूर्ण त्योहार है। कहा जाता है कि वैशाख पूर्णिमा के दिन ही भगवान बुद्ध (Lord Buddha) का प्राकट्य हुआ था, तो इसे बुद्ध पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है। ऐसा कहा जाता है कि गौतम बुद्ध के जीवन की तीनों महत्त्वपूर्ण घटनाएं उनका जन्म, ज्ञान और मोक्ष वर्ष के एक ही दिन आते हैं। इसलिए इस दिन का विशेष महत्त्व होता है। बौद्ध संप्रदायों द्वारा बहुत उत्साह के साथ यह पर्व मनाया जाता है।
भगवान बुद्ध के जीवन की विशेष तिथि
वैशाख पूर्णिमा भगवान बुद्ध के जीवन की तीन अहम चीजों से जुड़ी है। गौतम बुद्ध का जन्म, भगवान बुद्ध को ज्ञान प्राप्ति और बुद्ध का निर्वाण के कारण भी विशेष तिथि मानी जाती है। मान्यता है कि पीपल के वृक्ष के नीचे गौतम बुद्ध को ज्ञान प्राप्त हुआ था। ऐसे में बुद्ध पूर्णिमा के दिन पूरी दुनिया के बौद्ध मठों में भगवान बुद्ध के उपदेश सुने जाते हैं। उनके सभी अनुयायी उनकी शिक्षाओं को याद करते हैं और उनकी पूजा-अर्चना करते हैं। भगवान बुद्ध ने हमेशा लोगों को सत्य और अहिंसा के मार्ग पर चलने की प्रेरणा दी। कहते हैं कि अगर बुद्ध पूर्णिमा के दिन जल से भरा कलश और पकवान दान किए जाएं, तो गौ दान करने के समान पुण्य प्राप्त होता है। बुद्ध पूर्णिमा के दिन बिहार के बोधगया में बोधिवृक्ष की पूजा की जाती है, वास्तव में यह एक पीपल का पेड़ है। इस दिन इसकी जड़ों में दूध और इत्र डाला जाता है और दीपक जलाए जाते हैं। वहीं कई लोग अपने-अपने क्षेत्र में पीपल वृक्ष के नीचे पूजा करते हैं।