Tuesday, April 1, 2025
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प्रो. श्याम मोहन अस्थाना की जन्म शताब्दी के अवसर पर आरा में नाट्यांजलि की हुई प्रस्तुति

Natyanjali Ara: आरा के मानसरोवर कॉलोनी स्थित सावित्री श्याम सभागार में रविवार को प्रो. श्याम मोहन अस्थाना की जन्म शताब्दी के अवसर पर कामायनी नाट्य संस्था ने नाट्यांजलि प्रस्तुत की।

  • हाइलाइट : Natyanjali Ara
    • कामायनी की सबसे अधिक मंचित नृत्य नाटिका “बुद्धम शरणम् गच्छामि की भी हुई प्रस्तुति
    • शहर के मानसरोवर कॉलोनी स्थित सावित्री श्याम सभागार में आयोजित हुआ कार्यक्रम

Natyanjali Ara आरा: स्थानीय मानसरोवर कॉलोनी स्थित सावित्री श्याम सभागार में रविवार को प्रो. श्याम मोहन अस्थाना की जन्म शताब्दी के अवसर पर कामायनी नाट्य संस्था ने नाट्यांजलि प्रस्तुत की। सर्वप्रथम प्रसिद्ध नर्तक अनीश कुमार ने गणेश वंदना पर भाव नृत्य प्रस्तुति दी। पत्रकार शमशाद प्रेम ने प्रो. श्याम मोहन अस्थाना जी के व्यक्तित्व और कृतित्व पर अपना एक ज्ञानवर्धक आलेख पढ़ा। इसके बाद प्रो. श्याम मोहन अस्थाना के लिखे हुए नाटकों की प्रस्तुतियां की गईं।

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सर्वप्रथम कामायनी की वाराणसी शाखा द्वारा प्रस्तुत नाटक “अश्वत्थामा हतो, नरो वा कुंजरो वा” का अत्यंत भावपूर्ण प्रदर्शन हुआ। अमलेश श्रीवास्तव के कुशल और सजे हुए निर्देशन से इस नाटक ने दर्शकों को एकदम बांधे रखा। अश्वत्थामा की भूमिका में अमन श्रीवास्तव, युधिष्ठिर की भूमिका में भानु प्रताप राय, द्रौपदी की भूमिका में अनुषा मिश्रा, कृष्ण की भूमिका में सारा मिश्रा, संजय की भूमिका में राहुल कुमार रजक और प्रतिहारी की भूमिका में शेषनाथ यादव ने पूर्ण रूप से न्याय किया।

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दूसरी प्रस्तुति कामायनी की सबसे अधिक मंचित नृत्य नाटिका “बुद्धम शरणम् गच्छामि” थी। कावेरी मोहन द्वारा निर्देशित इस नाटिका में चंदा की भूमिका कविता सहाय देवकुलियार, छंदा की भूमिका में वर्षा खान, वणिक पुत्र की भूमिका में शैलेन्द्र कुमार सिंह, राजा की भूमिका में अनिल कुमार सिंह, पुरोहित की भूमिका में डब्लू कुमार एवं बुद्व की भूमिका में शिवेश्वर पाण्डेय थे। छुआछूत पर आधारित इस नाटिका में उत्कृष्ट अभिनय किया। संगीत और नृत्य संयोजन सरोज सुमन और कावेरी मोहन का था।

तीसरी प्रस्तुति चंद्र भूषण पांडे की परिकल्पना और रितिक सुंदरम द्वारा निर्देशित सम सामयिक व्यंग्य नाटक “कोई जगह खाली नहीं है” ने सभी को रोजगार, भ्रष्टाचार और भाई भतीजा वाद पर गहरी चोट करता है। मुख्य अतिथि डॉ. कैलाश कुमारी सहाय एवं विशिष्ट अतिथि डॉ. जया जैन और डॉ. नीरज सिंह थे। मंच संचालन डॉ. सुनील कुमार पांडेय ने किया।

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