Friday, April 19, 2024
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साफ-सफाई के द्वारा ही ब्लैक फंगस से बचाव-डाॅ. एस.के रुगटा

Prevention of Black Fungus-ब्लैक फंगस को लेकर ऑनलाइन वेबीनार का हुआ आयोजन

यूथ हॉस्टल एसोसिएशन, भोजपुर ईकाई के तत्वाधान में आयोजित हुआ ऑनलाइन वेबीनार

डॉ. शैलेंद्र कुमार
Holi Anand
Dr. Prabhat Prakash
Vishvaraj Hospital, Arrah
डॉ. शैलेंद्र कुमार
Holi Anand
Dr. Prabhat Prakash
Vishvaraj Hospital, Arrah

आरा। यूथ हॉस्टल एसोसिएशन, भोजपुर ईकाई के तत्वाधान में तीन घंटे ऑनलाइन वेबीनार का आयोजन किया गया। संचालन व धन्यवाद ज्ञापन एसोसिएशन की चेयरमैन डाॅ. अर्चना सिंह ने किया। वेबीनार का मुख्य मुद्दा ब्लैक फंगस था। मुख्य वक्ता एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष व वरिष्ठ नेत्र रोग विशेषज्ञ डाॅ. एसके रुंगटा, डाॅ दीपक, डाॅ. राजेश कुमार सिंंह थे।

वेबीनार में 50 से ऊपर कई लोगों ने डाॅ. रुंगटा से ब्लैक फंगस बीमारी (Prevention of Black Fungus) के बारे में सवाल पुछे। जवाब देते हुए डाॅ. एसके रुंगटा ने बताया कि पिछले 1 वर्ष से ज्यादा से सभी लोग कोविड-19 की दहशत में रह रहे हैं। अब ब्लैक फंगस के रूप में एक नई आफत आ गई है। फंगस पुराने जमाने से वातावरण में है, पर ब्लैक फंगस यानी म्यूकर नामक फंगस का प्रकोप मानव शरीर पर आम नहीं था। कोविड-19 वायरस के इंफेक्शन के बाद शरीर की प्रतिरोधक क्षमता (इम्यूनिटी) कम हो जाती है और ऐसी स्थिति में अगर ब्लड शुगर बढ़ा हुआ हो, गंदा मास्क का प्रयोग हो रहा हो, लंबे समय तक एक ही पाइप से ऑक्सीजन दी जा रही हो या स्ट्राइड भी लिया जा रहा हो, तो फंगस के प्रकोप की संभावना बढ़ जाती है।

एक सवाल के जवाब में उन्होने कहा कि शुरुआत में नाक के पास काले स्पॉट, फिर नाक में काली झिल्ली देखी जा सकती है। कभी-कभी नाक से हल्का रक्तस्राव भी हो सकता है। फिर बगल के एरिया में साइनस में भी इसका प्रकोप, सूजन सूनापन, दर्द के रूप में भी देखा जा सकता है। आगे बढ़ने पर आंखों में भी इसका प्रभाव हो सकता है। आंख में सूजन, लाली, आंख का बाहर की तरफ निकलना (प्रोप्टोसिस) देखा जा सकता है। पर यह सब बहुत कम प्रतिशत में ही होता है। फंगस से बचाव करना है। दहशत में नहीं रहना है और नही डरना है। इससे बचा जा सकता है। इसके लिए आसपास सफाई रखना है।

Prevention of Black Fungus - Dr. SK Rugta
Prevention of Black Fungus – Dr. SK Rugta

Prevention of Black Fungus-मिट्टी या पौधे को छूने पर हाथों को साबुन से जरूर धोना है। बार-बार नाक, मुंह, आंख को उंगली से नहीं छूना है। मास्क प्रतिदिन नया या धुला हुआ पहनना है। अपनी टूथ ब्रश महीने में जरूर बदल देना है। कंघी जरूर साफ रखना है। तंबाकू, सिगरेट, शराब का सेवन बिलकुल खतरनाक है। बार-बार हाथ धोते रहना है। स्टीरॉयड अपने मन से घर पर नहीं लेना है। इन बातों पर ध्यान देने से फंगस से बचा जा सकता है।

अपनी रुमाल, तौलिय, बेडशीट साफ एवं अलग रखना है। फिर भी अगर फंगस का प्रकोप हो तो सरकार द्वारा प्रचुर मात्रा में एंफोटेरिसिन बी नामक दवा का प्रबंध कर दिया गया है। यह दवा आईजीआईएमएस, एम्स, पीएमसीएच , एनएमसीएच में उपलब्ध है। शीघ्र ही जिला अस्पतालों में इसकी उपलब्धता सुनिश्चित होने वाली है। सवाल पूछने वालों में विजय कुमार सिंह, आलोक अतुल्य, स्मिता आर्यन, रमेश कुमार सिंह, अनिल राज, डाॅ. एमएम द्विवेदी, रीता सिंह, प्रो. मोहम्मद सैफ सहित 50 से ऊपर लोगों ने ब्लैक फंगस के बारे में जानकारी ली।

MD WASIM
MD WASIM
Journalist
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Vikas singh
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sambhavna
aman singh

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