Protest with posters capen – वेतन रोकना मानवाधिकार का उल्लंघन, सरकार के बेरुखी से बेबश है शिक्षक
खबरे आपकी बिहार/आरा/बिहिया: Protest with posters capen कोरोनाकाल मे महीनों से लंबित वेतन भुगतान सहित अनेक मांगों को लेकर शिक्षकों ने विद्यालय एवं घर से परिवार के सदस्यों के साथ प्रोटेस्ट विथ पोस्टर का राज्य व्यापी अभियान चलाया।
उक्त आशय की जानकारी देते हुए टेट-एसटेट उतीर्ण नियोजित शिक्षक संघ बिहिया के प्रखंड अध्यक्ष जय प्रकाश मिश्र ने कहा कि पिछले तीन माह से वेतन नहीं मिला है, वर्षों से वेतन अंतर राशि बकाया है। ऐसे मे यक्ष प्रश्न है कि अल्प वेतन भोगी नियोजित शिक्षकों के परिवार का भरण पोषण कैसे हो? प्रखंड मे दर्जनों शिक्षक एवं उनका परिवार कोरोना संक्रमण का कहर झेल रहा है तो कमरतोड़ महंगाई, दवाई, बुढे माता-पिता का देखभाल, बच्चों का लालन पालन का जिक्र करते शिक्षकों की बेबसी झलकती है।
राज्य कार्यकारिणी सदस्य जयप्रकाश, तनवीर अली ने कहा की संघ मांग करता है कि कोरोना कार्य मे प्रतिनियुक्त शिक्षकों के मेडिकल एवं आर्थिक सुरक्षा की गारंटी हो, प्रतिनियुक्त शिक्षकों एवं उनके परिजनों को विशेष भत्ता दिया जाए।
संगठन सचिव जसवीर सिंह,रणजीत कुमार ने कहा कि महीनों तक कर्मचारियों का वेतन रोकना मनवाधिकार का उल्लंघन है। शिक्षकों से मल्टीटास्किंग स्टाफ वाला काम लिया जाता है, तीन महीने वेतन वेतन नहीं देना सरकारी सौतेलापन है।
विरोध करने वालों मे शशांक भूषण पाण्डेय, जयप्रकाश मिश्रा, वंशिधर कुशवाहा, सौरभ कुमार,तनु प्रिया, शालिनी जी, लवली कुमारी,अनामिका,गजेंद्र सिंह, संतोष गुप्ता,शशि सिंह, रविकांत शर्मा, शशिभूषण तिवारी,संजय दास,समेत दर्जनों शिक्षक शामिल रहे।
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