Thursday, May 15, 2025
No menu items!
Homeमनोरंजनकलाआरा: जनोपयोगी कला को आमजनों के बीच बनाना होगा लोकप्रिय

आरा: जनोपयोगी कला को आमजनों के बीच बनाना होगा लोकप्रिय

“संगीत में शिक्षण संस्थान की भूमिका” विषय पर हुई वार्ता

चार दिवसीय ऑनलाइन कार्यक्रम “वार्ता-व्याख्यान-प्रदर्शन” के द्वितीय दिन का कार्यक्रम सम्पन्न

आरा प्रदर्श कला विभाग, एचडी जैन कॉलेज के एक वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में आयोजित चार दिवसीय ऑनलाइन कार्यक्रम “वार्ता-व्याख्यान-प्रदर्शन” के द्वितीय दिन का कार्यक्रम हुआ। अतिथि प्रो. लालबाबू निराला, संगीत विभाग, चौधरी चरण सिंह पी. जी. कॉलेज, सैफई (इटावा) से “संगीत में शिक्षण संस्थान की भूमिका” विषय पर वार्ता की गई।

Mathematics Coching shahpur
Bharat sir
Mathematics Coching shahpur
Bharat sir
previous arrow
next arrow

देखें: – दो साल में इस गांव के दो बेटे व बेटियों ने यूपीएससी में अपनी सफलता का परचम लहाराया

इस कार्यक्रम में सर्वप्रथम महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. शैलेंद्र कुमार ओझा ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि संगीत का जुड़ाव अध्यात्म और विज्ञान से भी हैं। संगीत से मानसिक रोगियों का उपचार होता है। वार्ता के प्रमुख वक्ता प्रो. लालबाबू निराला ने कहा कि संगीत के प्रचार प्रसार में शिक्षण संस्थाओं की बड़ी भूमिका रही है। 1901 ई. पंडित विष्णु दिगम्बर पुलस्कर ने संगीत गन्धर्व महाविद्यालय व 1926 ई. में विष्णु नारायण भातखण्डे ने भातखण्डे संगीत विद्यालय की स्थापना की। जहां डिग्री व डिप्लोमा का कोर्स हुआ करता था। 1956 ई. में यूजीसी से मान्यता प्राप्त प्रथम संगीत का विश्वविद्यालय इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय की स्थापना हुई जहां अन्य विषयों की भांति संगीत में ग्रैजुएट पोस्ट ग्रैजुएट एमफिल पीएचडी तक की डिग्री दी जाने लगी। इसी के समकालीनअन्य महाविद्याओं में भी संगीत विषय की पढ़ाई शुरू हुई। इन संस्थाओं से रोजगार परक संगीत का विकास हुआ है। परन्तु अभी भी संगीत विषय के रूप में आम जन मानस में चेतना बहुत ही कम है ।

आरा: जनोपयोगी कला को आमजनों के बीच बनाना होगा लोकप्रिय

करोना के मरीजों के लिए मददगार होगा ऑक्सीजन बैंक-अरुण प्रकाश

भूगोल विभाग के सहायक प्रो. (डॉ.) शैलेश कुमार ने कहा कि सर्वप्रथम इस जनोपयोगी कला को आमजनों के बीच लोकप्रिय बनाना ही होगा। लोकप्रियता के बाद स्वतः ही लोगों की अभिरुचि प्रस्फुटित होगी एवं लोग विधिवत रूप से गुरु की तलाश में संस्थानों की ओर आकर्षित होगें और विधिवत विषय के रूप में अध्ययन के अभिप्रेरित होगें। संस्थानों को भी संगीत के क्षेत्र में बेहतरीन प्रदर्शन व योगदान देने वाले कलाकारों को सम्मानित और विधिवत रूप से शिक्षण व्यवस्था में उनको सम्मान सहित शामिल करना ही होगा। उच्चतर माध्यमिक स्तर की शिक्षा पद्धति में सुधार एवं बदलाव से विषय के चयन में बाध्यता खत्म होगी एवं इसके परिणाम स्वरूप संगीत जैसे विषय शिक्षण व्यवस्था का अनिवार्य अंग हो जायेंगे। रोजगार के अवसर सृजन होने की स्थिति में समाज भी अपने बच्चों को रोकने में असमर्थ होगा, क्योंकि यहां रोजगार, सम्मान एवं सर्वप्रमुख सामाजिक लोकप्रियता भी हासिल होने लगेगी।

गोलीबारी की सूचना पर पहुंची भोजपुर पुलिस पर फायरिंग, तीन गिरफ्तार

इस वार्ता कार्यक्रम का संचालन कथक गुरू बक्शी विकास व धन्यवाद ज्ञापन भूगोल विभाग के सहायक प्रोफेसर (डॉ.) शैलेश कुमार ने किया। इस कार्यक्रम में वनस्पति विभाग के प्रोफेसर (डॉ.) अहमद मसूद, संगीत शिक्षक रौशन कुमार, कथक नृत्यांगना सोनम कुमारी, संगीत शिक्षिका सुषमा कुमारी, तबला के आचार्य चंदन कुमार ठाकुर, कथक नर्तक राजा कुमार समेत कई शिक्षक व छात्र-छात्राएं सम्मिलित हुए।

देखें: – खबरे आपकी – फेसबुक पेज

KRISHNA KUMAR
KRISHNA KUMAR
बिहार के आरा निवासी डॉ. कृष्ण कुमार एक भारतीय पत्रकार है। डॉ. कृष्ण कुमार हिन्दी समाचार खबरें आपकी के संपादक एवं न्यूज पोर्टल वेबसाईट के प्रमुख लोगों में से एक है।
- Advertisment -
Bharat Lal
Bharat Lal

Most Popular