Saturday, April 27, 2024
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भारत और नेपाल – त्रेता युग के बाद फिर आया अवसर, लोगों में उत्साह

Ram Mandir – Ayodhya: मिथिला की परंपरा के अनुसार पान-मखान के साथ फल-फूल, अन्न आदि के साथ रामलला व मां सीता के लिए नये वस्त्र भेजे जाएंगे। गृह प्रवेश में परंपरा है कि ससुराल से आया वस्त्र ही दामाद पहनते है।

  • हाइलाइट :-
    • मां सीता की जन्मभूमि सीतामढ़ी व मायके जनकपुर में लोग उत्साहित हैं
    • गृह प्रवेश में परंपरा है कि ससुराल से आया वस्त्रत्त् ही दामाद पहनते है

Ram Mandir – Ayodhya: अयोध्या में 22 जनवरी को भव्य मंदिर में रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा को लेकर उत्साह है। इस अवसर पर भगवान राम की ससुराल नेपाल के जनकपुर में भी जश्न की तैयारी है। मां सीता की जन्मभूमि सीतामढ़ी व मायके जनकपुर में लोग उत्साहित हैं। 22 जनवरी को आम घरों से लेकर मंदिरों तक में दीपोत्सव मनाने की तैयारी है।

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परंपरा के अनुसार, दामाद के गृहप्रवेश के लिए जनकपुर से चार जनवरी को उपहारों का भार भेजा जाएगा। नेपाल से बड़ी संख्या में साधु-संत प्राण-प्रतिष्ठा कार्यक्रम में शामिल होने अयोध्या जा रहे हैं। सीतामढ़ी से पांच पावन स्थलों की मिट्टी भेजी गयी है। भगवान के अभिषेक के लिए नेपाल की नदियों से जल भी भेजा गया है। अयोध्या में रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा से त्रेतायुगीन आध्यात्मिक रिश्तों की डोर मजबूत हुई है।

भारत और नेपाल के बीच त्रेतायुगीन रिश्ता प्रगाढ़
प्रभु राम का भव्य मंदिर अयोध्या में बनाये जाने से नेपाल, जनकपुरधाम में उत्साह है। त्रेता युग के बाद पहली बार ऐसा अवसर आया है कि जनकपुरधाम से अयोध्या भार भेजा जा रहा है। परंपरा के अनुसार, बांस के चंगेरा में ही जनकपुर से अयोध्या भार पहुंचेगा। भार में खाद्य सामग्री व फल के अलावा आभूषण, फर्नीचर व बर्तन आदि शामिल किए जाएंगे।

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Vikas singh
Vikas singh
sambhavna
aman singh

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