Saturday, April 20, 2024
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कटेंनमेंटन जोन के लोगों का दर्द: सब्जी व नमक भी नहीं मिल रहा

हाल बिहिया इलाके का

बिहिया नगर सील किए जाने के बाद पिछले चार दिन से त्राहिमाम की स्थिति

कोरोना मरीज मिलने के बाद कंटेनमेंट क्षेत्र बना बिहिया नगर, कर दिया गया सील

आमदनी खत्म, पैसा खत्म ऊपर से बैंक भी बंद है, जाएं तो जाएं कहां

खबरें आपकी।बिहिया लॉक डाउन का दंश झेल रहे प्रखंड क्षेत्र के लोग अब कोरोना संक्रमित मरीज मिलने से परेशान हो गये हैं। कंटेनमेट क्षेत्र घोषित किये जाने से इस इलाके के लोगों की मुश्किलें भी काफी बढ़ गयी है। लोगों को जरूरत का सामान भी नहीं मिल रहा है।यह स्थिति नगर से लेकर गांव तक देखी जा रही है। बिहिया को चारों तरफ से सील कर दिए जाने से दैनिक जीवन के जरूरत का सामान नही मिल रहा है। बिहिया नगर की बात करें तो सील होने के बाद यहां पिछले चार दिन से त्राहिमाम की स्थिति है। सब्जी की बात तो भूल जाइए दैनिक जरूरत की न्यूनतम सामान भी या तो नहीं मिल रहा या मुश्किल से मिल पा रहा है।

मीडियाकर्मी मिथिलेश मिश्रा ने दिया मानवता का परिचय, डोनेट किया ब्लड

डॉ. शैलेंद्र कुमार
Holi Anand
Dr. Prabhat Prakash
Vishvaraj Hospital, Arrah
डॉ. शैलेंद्र कुमार
Holi Anand
Dr. Prabhat Prakash
Vishvaraj Hospital, Arrah

पहले होम डिलिवरी की बात हुई थी। सब्जी, फल, किराना और दवा दुकानदारो का मोबाईल नंबर जारी किया गया था लेकिन यह सिस्टम व्यवहार में फेल होती दिख रहा है।कुछ लोग होम डिलिवरी सेवा देने में जरूर लगे है पर अधिकांश फोन बंद बता रहे है। किसी को दूध की जरूरत है तो किसी को नमक की।बात करें दवा की तो लोग छोटे मोटे रोग को इग्नोर कर रहे है। लेकिन बात जब दवा लेने की आती है तो काफी पापड़ बेलने पड़ रहे हैं। आमदनी खत्म, पैसा खत्म अब ऊपर से बैंक भी बंद है।जाएं तो जाएं कहां। बता दें कि कोरोना मरीज मिलने के बाद बिहिया नगर को कंटेनमेंट क्षेत्र धोषित करते हुये सील कर दिया गया। इससे सभी दुकानें बंद हो गयी। बैंक भी बंद हो गये हैं। ऐसे में लोगों का जीना मुहाल हो गया है।

मजाक बना होम डिलवरी, सौ ग्राम चीनी व तेल के लिये कर रहे फोन

होम डिलवरी की भी एक अलग कहानी है। कुछ लोग इसे मजाक बनाकर छोड़ दिये हैं। कोई सौ ग्राम चीनी व तेल के लिए फोन कर रहा है। तो कुछ को इतने का ही फल चाहिए। किसी को स्टे फ्री चाहिए तो किसी को कुछ और…..। एक दवा दुकानदार ने अपना नाम नही छापने की शर्त पर उक्त बातें शेयर करते हुए बताया कि दो टेबलेट और दो हैंडी प्लास्ट यानि मात्र 5 रुपए की दवा के लिए लोग फोन कर रहे हैं। लोग मजाक बनाकर रख दिए हैं। एक पास बना है, कैसे सहयोग हो पाएगा। गांव गवई की हालत और बद से बदतर कही जा सकती है।हालांकि कि गांव के लोग प्रतिकूल परिस्थिति का सामना करने में शहर नगर के लोगो के मुकाबले मजबूत माने जाते हैं, पर अब सहन की सीमाएं टूटती दिख रही है।

डीएम के आदेश पर गुरुवार की सुबह से शुरू हुई सेवा

बिहिया का बड़ा व्यवसायिक बाजार बंद है।गांव की दुकानों तक सामान नही पहुंच रहा है, इसलिए किराना सह जेनरल स्टोर संचालक कलामु भाई का दुकान बंद है। यही स्थिति पुरे ग्रामीण क्षेत्र की दुकानों की है। साबुन, सर्फ, नमक, तेल व कुछ रुपया कुछ भी नहीं है। लोग बतिया रहे हैं, अब जहरो खाएके पइसा नईखे।गांव में व्यापक पैमाने पर सब्जी उग रही है पर न बाजार है न खरीदार। गांव में जितना बिक जाए।अब कर्ज उधार देने वाला कोई नही है।

एसपी सुशील कुमार ने की गिरफ्तारी पुष्टि

आज बीमार के लिए वे सबसे बड़े तारन हार है। जिन्हें अक्सर झोला छाप कहा जाता है। कल बोकारो में एक ग्रामीण का स्वाभाविक निधन हो गया। पूरा परिवार गांव पर था। खबर मिलते ही क्या गुजरी व्यक्त करना कठिन है।यहां के लिए न होम डिलिवरी है न कोई प्रशासनिक मदद।बाहर मेहनत मजदूरी करने वाले गांव पहुंचे हैं। कुछ रास्ता में है कुछ अब चलेंगे।कैसे कटेगी जिंदगी यह सोच पत्नी बच्चों की मानसिक हालत ठीक नहीं है। इस कोरोना संकट में लोगों के समक्ष बस एक सवाल जुबान है जाएं तो जाएं कहां।

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Vikas singh
Vikas singh
sambhavna
aman singh

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