Thursday, April 24, 2025
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पार्षद एकजुट हुए तो मुख्य पार्षद ने बैठक का किया बहिष्कार, मुद्दे पर हंगामा

शाहपुर की उपमुख्य पार्षद झुनीया देव के साथ हुए सभी पार्षद एकजुट

Shahpur Parshd : शाहपुर नगर पंचायत के नये कार्यपालक पदाधिकारी के साथ इस पहली बैठक में मुख्य पार्षद व उपमुख्य पार्षद के साथ 09 पार्षद उपस्थित हुए। मुख्य पार्षद बैठक छोड़ बीच में ही उठकर चली गई।

  • हाइलाइट : Shahpur Parshd
    • मुख्य पार्षद द्वारा बैठक छोड़ने के बाद उपमुख्य पार्षद के नेतृत्व में हुई बैठक
    • शाहपुर नगर पंचायत के इतिहास में सबसे लंबे समय तक चली बैठक, बना रिकॉर्ड

आरा/शाहपुर: नगर पंचायत शाहपुर में गुरुवार को सामान्य बोर्ड की मासिक बैठक हुई। नये कार्यपालक पदाधिकारी के साथ इस पहली बैठक में मुख्य पार्षद व उपमुख्य पार्षद के साथ 09 पार्षद ही उपस्थित हुए। 2 पार्षद की सदस्यता रद्द होने के कारण वे बैठक में भाग नहीं ले सके। शाहपुर नगर सरकार भवन के सभाकक्ष में आहूत मासिक बैठक में मुख्य पार्षद् के द्वारा कुल छः एजेंडा पर विचार विमर्श हेतु बैठक बुलाई गई थी। लेकिन कार्यवाही पंजी पर वित्तीय निकासी केवल मुख्य पार्षद के अनुमोदन पर किये जाने के निर्णय का उपमुख्य पार्षद सहित सभी पार्षदों ने विरोध जताया और कहा की सशक्त स्थायी समिति (बोर्ड ) से अनुमोदन होने के बाद या नगरपालिका अधिनियम के अंतर्गत वित्तीय निकासी होनी चाहिये। इस पर मुख्य पार्षद भड़क उठी और बैठक के दौरान कार्यवाही पंजी पर लिखे गये प्रस्ताव को क्लोज किये बिना ही वें बैठक छोड़ कर चली गई।

कार्यपालक पदाधिकारी ने कहा

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कार्यपालक पदाधिकारी निशांत आलम से समय करीब चार बजे यह पूछे जाने पर की मुख्यपार्षद द्वारा ही बैठक बुलाई गई थी और वे खुद बैठक छोड़ कर चली गई है। क्या यह सही है? इस पर कार्यपालक पदाधिकारी ने केवल इतना ही कहा की बैठक अभी चल रही है।

Shahpur Parshd: उपमुख्य पार्षद सहित सभी पार्षद एकजुट

मुख्य पार्षद के मनमाने निर्णय के विरोध में उपमुख्य पार्षद सहित सभी पार्षद एकजुट होकर बिना कोरम पूरा किए मुख्य पार्षद द्वारा लिए गए कई महत्वपूर्ण निर्णय का जमकर विरोध किया। इधर, लगातार 8 घंटे से ज्यादा समय तक बैठक चली। रात करीब 9 बजे तक मुख्य पार्षद के बैठक में आने का इंतजार किया गया। लेकिन वो बैठक में नहीं पहुंची। मुख्य पार्षद द्वारा बैठक बुलाकर स्वयं बहिष्कार किये जाने पर उपमुख्यपार्षद के नेतृत्व में सशक्त स्थायी समिति व वार्ड पार्षदों के निर्णय के अंतर्गत कार्यपालक पदाधिकारी ने लिखे गये प्रस्ताव को रद्द करते हुए कार्यवाही पंजी को क्लोज किया। नगर पंचायत के इतिहास में यह सबसे लम्बे समय तक चलने वाली यह बैठक रही। मुख्य पार्षद के मनमाने निर्णय के विरोध में उपमुख्य पार्षद सहित सभी पार्षद एकजुट रहें।

मुख्य पार्षद चाह रही थी की पैसे की निकासी उनके हस्ताक्षर से हों – झुनीया देवी

दूसरी ओर नाराज पार्षदों ने बैठक में एकजूटता दिखाई। उपमुख्य पार्षद झुनीया देवी ने कहा बैठक में कार्यवाही पंजी पर उपस्थिति के नाम पर पार्षदों से हस्ताक्षर ले लिया जाता है। बाद में उसपर मनमाने तरीके से योजना लिख दी जाती है। हम सभी पार्षदों ने एकजुट होकर निर्णय लिया की कार्यवाही पंजी हमलोगों की उपस्थिति में ही लिखा पढ़ा जाये और फिर इसे क्लोज किया जाये। मुख्य पार्षद चाह रही थी की पैसे की निकासी उनके हस्ताक्षर से हों इसका सभी ने विरोध किया। इसी का नतीजा है कि मुख्य पार्षद बैठक छोड़ कर चली गई। हम सभी 12 बजे से 9 बजे तक सभाकक्ष में बैठे रहे। कार्यपालक पदाधिकारी मुख्य पार्षद को नियमावली का हवाला देते रहें पर मुख्य पार्षद कुछ भी सुनने को तैयार नहीं थी। अतः बोर्ड के बहुमत के आधार पर फैसला हुआ और कार्यपालक पदाधिकारी ने कार्यवाही पंजी को अपने हस्ताक्षर से क्लोज किया।

सरकार नगर निकायों के बोर्ड को सर्वोपरि मानता है – संजय चतुर्वेदी

वार्ड संख्या छः के पार्षद संजय चतुर्वेदी ने बताया कि एक तरफ सरकार नगर निकायों के बोर्ड को सर्वोपरि मानता है वहीं नगर पंचायत शाहपुर में यह मजाक बनकर रह गया है। यहां पर बोर्ड द्वारा पारित प्रस्तावों का अनुपालन नहीं किया जा रहा है। मुख्य पार्षद के मनमाने निर्णय से व्यवस्था काफी लचर हो गई है।

नगर निकाय के संविधान में बोर्ड को सर्वोच्च माना जाता है-शागिर अहमद

Shahpur Parshd -वार्ड संख्या 02 के पार्षद शागिर अहमद ने कहा की नगर निकाय के संविधान में बोर्ड को सर्वोच्च माना जाता है। लेकिन मुख्य पार्षद द्वारा इसको महत्व नहीं दिया जा रहा है। स्वयं के निर्णय के आधार पर फैसले लेना कतई उचित नहीं है। मुख्य पार्षद द्वारा बैठक भी नियमित रूप से नहीं बुलाई जाती। जब चेयरमैन को किसी कार्य को निजी स्वार्थ के लिए पूरा करना होता है तभी बैठक बुलाई जाती है। चेयरमैन की कार्यप्रणाली में सुधार नहीं होने के कारण इनके खिलाफ बगावत का बिगुल बजा दिया गया है।

मुख्य पार्षद ने अपने सगे संबंधियों को नगर कार्यालय में बहाल कर लिया है – कामेश्वर राज

वही वार्ड संख्या चार के पार्षद कामेश्वर राज ने बताया कि दलित होने के कारण मुख्य पार्षद हमारे साथ भेदभाव करती हैं। दलित बस्ती में विकास का कार्य इनके द्वारा अवरुद्ध किया गया है। मुख्य पार्षद ने नगर पंचायत कार्यालय में मनमाने तरीके से अपने सगे संबंधियों को बहाल कर लिया है और छः सफाई जमादारों को हटा दिया है। यह भ्रष्टाचार व्यक्तिगत लाभ के लिए किया गया है जो नगरपालिका अधिनियम के विरुद्ध है।

बोर्ड की बैठक में उपस्थित पार्षद

मुख्य पार्षद द्वारा बैठक छोड़ कर जाने के बाद बोर्ड की बैठक में उपमुख्य पार्षद झुनीया देवी, वार्ड एक के पार्षद मनोज पासवान, वार्ड दो के पार्षद सह सशक्त स्थायी समिति सदस्य शागिर अहमद, वार्ड तीन की पार्षद सह सशक्त स्थायी समिति सदस्य देवन्ती देवी , वार्ड चार के पार्षद कामेश्वर राज, वार्ड पाँच के पार्षद हिरालाल पांडेय, वार्ड छः के पार्षद सह सशक्त स्थायी समिति सदस्य संजय चतुर्वेदी, वार्ड सात की पार्षद की सदस्यता रद्द, वार्ड आठ की पार्षद की सदस्यता रद्द, वार्ड 9 की पार्षद बबीता देवी, वार्ड 10 की पार्षद नीलू देवी, वार्ड 11 की पार्षद आरती देवी उपस्थित रही।

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