Saturday, April 20, 2024
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शाहपुर पंचायत चुनाव: प्रत्याशियों का किस्मत ईवीएम में सील

Panchayat Election in shahpur: महिलाओं के बीच रहा खासा उत्साह

खबरे आपकी शाहपुर/भोजपुर: कड़ाके की सर्दी के बावजूद शाहपुर के पंचायत चुनाव में वोटरों का उत्साह चरम पर रहा मतदान केंद्रों पर पुरुषों की अपेक्षा महिलाओं की संख्या या कतारे लंबी रही। जैसे-जैसे दिन चढ़ता गया वोटों का प्रतिशत भी बढ़ता गया। सब सबसे ज्यादा उत्साह महिलाओं के बीच रहा। कतारों में घूंघट में खड़ी महिलाओं की संख्या अन्य मतदाताओं की अपेक्षा ज्यादा देखी गई। शायद इस बार के चुनाव का रिजल्ट घूंघट के भीतर से निकलने वाले वोट देव ही तय करने वाले हो। सेक्टर मजिस्ट्रेट व पेट्रोलिंग पार्टी के लगातार गश्ती के कारण मतदानकेन्द्रों पर आसानी के साथ वोटर आते रहे। बुजुर्गों व महिलाओं को घरवालों द्वारा छोटी वाहनों या बाइक से लोग मतदानकेन्द्रों तक लाते रहे। वही एएसपी सदर, डीडीसी तथा एडीएम सहित कई अधिकारियों की टीम मतदानकेन्द्रों पर पहुंचकर वोटिंग का जायजा लेते रहे। वही शाहपुर व बिहिया में बने कंट्रोल रूम के प्रभारी पदाधिकारी सीओ बासुकीनाथ श्रीवास्तव मतदानकेन्द्रों से बात कर प्रत्येक घंटे वोटिंग की जानकारी लगातार लेते रहे।

डॉ. शैलेंद्र कुमार
Holi Anand
Dr. Prabhat Prakash
Vishvaraj Hospital, Arrah
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शाहपुर प्रखंड के विभिन्न पदों के 2066 उम्मीदवारों का किस्मत ईवीएम के साथ-साथ मतपेटियों में भी सील हो गया। बताते चलें कि प्रखंड के जिला परिषद के 26, मुखिया पद के 16, बीडीसी पद के 174 तथा वार्ड 1072 प्रत्याशियों का किस्मत ईवीएम में मतदाताओं द्वारा सील कर दिया गया। वही सरपंच पद के लिए 130 पंच सदस्य के पद पर चुनाव लड़ने वाले 504 प्रत्याशियों का किस्मत पर मोहर लगाकर बैलेट पेपर को मतपेटियों में सील किया गया।

Panchayat Election in shahpur: कई बूथों के ईवीएम बदले तो कुछ के सीयू तो कुछ के बीयू बदले

Panchayat Election in shahpur
Panchayat Election in shahpur

रविवार की सुबह कई मतदानकेन्द्रों पर ईवीएम मशीनों में खराबी होने के कारण कुछ देर तक मतदान रुका रहा। प्रशासन द्वारा कुछ मशीनों को ठीक कर मतदान शुरू करवाया गया। जबकि कुछ मतदानकेन्द्रों पर ईवीएम को बदलना पड़ा। वही कुछ मतदानकेन्द्रों पर बैलेट यूनिट तो कुछ कंट्रोल यूनिट को बदलकर मतदान शुरू करवाया गया।

कड़ी सुरक्षा के बावजूद प्रखंड कई पंचायतों में प्रत्याशियों के समर्थकों के बीच तू-तू मैं-मै और कहीं-कहीं नोकझोंक भी होता रहा। सुरक्षा बल एवं अधिकारी मतदान केंद्रों पर इस तरह हावी रहे की असामाजिक तत्वों पर इसका असर स्पष्ट देखा गया। मतदान केंद्रों के आसपास कड़ी सुरक्षा व्यवस्था होने के कारण मतदाताओं के अलावे कोई भी मतदान केंद्र के भीतर प्रवेश नहीं कर सका। इसके साथ-साथ मतदान केंद्रों पर बायोमैट्रिक सिस्टम लगाया गया था। पूरे मतदान के दौरान लोगो पर बाइकर्स का खौफ छाया रहा। बाइक पर चलने वाले पुलिस वालों का खौफ इस कदर रहा कि मतदाताओं के सिवाय सड़कों पर भी लोग नजर नहीं आ रहे थे।

पहली बार वोट डालने वाले मतदाताओं की संख्या भी अच्छी खासी रही। पहली बार वोट डालने वाली भरौली गांव संध्या चौधरी ने बताया कि वोट डालकर सचमुच बड़ी खुशी हुई। सही कहूं तो इस खुशी को शब्दों में बयान नही कर सकती।

पंचायत चुनाव में बुजुर्ग मतदाताओं की संख्या भी कम नही कही जा सकती। तकरीबन प्रत्येक मतदानकेन्द्रों पर 20 प्रतिशत के करीब बुजुर्ग मतदाता कतारों में वोटिंग के लिए दिखे। घर के बच्चों बुजुर्गों को मतदानकेन्द्रों तक लगातार बाइक, ऑटो या फिर गाड़ियों से लाते रहे।

वाहन नही चलने से यात्रियों को हुई परेशानी

बताओ बाबू शादी ब्याह के दिन बा, गड़िये नइखे चलत

शाहपुर पंचायत चुनाव को लेकर दियारा क्षेत्र में यातायात पर परिचालन पर पूरी तरह रोक रहे जिसके कारण अपने गंतव्य तक जाने वाले लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा शाहपुर से करनाल जाने वाली कुछ महिलाओं ने कहा कि वहां नहीं चलने के कारण उन्हें कारनामेपुर तक 12 किलोमीटर पैदल ही चलना पड़ा। महिला ने कहा कि बताओ बाबू शादी ब्याह का दिन बा, गड़िये नइखे चलत। वहीं कुछ लोग खुशनसीब भी रहे जिन्हें शाहपुर से करनामेंपुर तक जाने के लिए वाहन तो मिल गई। लेकिन इसकी कीमत अन्य दिनों की अपेक्षा तीन गुनी चुकानी पड़ी। शाहपुर से कारनामेपुर के लिए ऑटो द्वारा जो लोग पहुंचे उन्हें 50 से लेकर 100 रुपये तक देने पड़े। जबकि 20 रुपये में अन्य दिनों में यह सेवाएं उपलब्ध रहती हैं।

बाजारों में पसरा रहा सन्नाटा, बंद रही बाजारों की दुकान

शाहपुर में पंचायत चुनाव को लेकर क्षेत्र के बाजारों की सभी दुकानें बंद रही। चुनाव के दौरान दियारा क्षेत्र के सबसे बड़ी मंडी कारनामेपुर बाजार, बेलवनिया बाजार, करजा बाजार तथा गौरा बाजार की दुकानें बंद रहे। पूरे बाजार में सन्नाटा पसरा रहा दुकानों में ताला लटका रहा। खरीदार आते और बंद दुकाने देख वापस लौटते रहे। हालांकि इसको लेकर लोगों में काफी नाराजगी भी दिखी। क्योंकि 12 और 13 दिसंबर के दिन शादी विवाह के लेकर लोगों को खरीदारी करनी थी। लेकिन दुकानों के बंद होने के कारण उन्हें सामग्रियों की खरीदारी में काफी परेशानी झेलनी पड़ी।

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Vikas singh
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